MRPL में जहरीली गैस रिसाव: 2 की मौत, 1 संघर्ष कर रहा
आज सुबह की वो खबर जिसने मंगलौर को झकझोर दिया। MRPL यानी मंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड में सुबह 8:30 बजे का वो मंजर… एक टैंक से जहरीली गैस का रिसाव। दो लोगों की जान चली गई, एक अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। सुनकर ही रूह कांप जाती है, है न? प्लांट के आसपास तुरंत अलर्ट लगा दिया गया, लोगों में दहशत फैल गई – और समझ आता है क्योंकि ये कोई मामूली बात तो है नहीं।
MRPL, जो ओएनजीसी के तहत चलने वाली मंगलौर की बड़ी रिफाइनरी है, उसकी सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। पर ये जो हुआ, ये तो बिल्कुल अलग लेवल की बात है। जानकारी मिली है कि रिसाव H2S गैस का था – हाइड्रोजन सल्फाइड। अरे भई, ये तो सांस लेते ही इंसान को ढेर कर देती है! थोड़ी सी मात्रा भी काफी होती है…
मृतकों के नाम अभी तक पूरी तरह सामने नहीं आए (परिवार वालों को इस वक्त और दुख न दें), जबकि घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। स्थिति गंभीर है – डॉक्टर लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई थी और कुछ घंटों में स्थिति काबू में आ गई। पर उस दौरान… अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां मौजूद लोगों पर क्या बीती होगी।
MRPL प्रबंधन का बयान आया – “हमें गहरा दुख है…” वाला स्टैंडर्ड स्टेटमेंट। पर परिजनों का गुस्सा साफ दिख रहा है। आरोप लग रहे हैं कि लापरवाही ही इसकी जड़ है। और स्थानीय प्रशासन? उनका कहना है कि सुरक्षा मानकों को लेकर ढिलाई बरती गई। अब कार्रवाई होगी – पर कितनी सख्त? ये तो वक्त ही बताएगा।
तो अब क्या? अगले कदम क्या होंगे? पूरे प्लांट की सुरक्षा जांच होगी, ये तो तय है। सरकार की तरफ से नए प्रोटोकॉल आ सकते हैं। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी – पर क्या पैसा किसी की जिंदगी की भरपाई कर सकता है? घायल के इलाज पर पूरा फोकस है, उम्मीद है वो जल्द ठीक हो।
ये घटना सिर्फ MRPL की नहीं, पूरे सेक्टर के लिए एक झटका है। क्या हम कभी सीखेंगे? या हर बार ऐसी त्रासदी के बाद ही सुधार होगा? सवाल तो बनता है… क्योंकि जानें तो हर बार जा रही हैं।
यह भी पढ़ें:
MRPL गैस रिसाव हादसा – आपके सवाल, हमारे जवाब
MRPL में गैस रिसाव हुआ कैसे? जानना चाहते हैं न?
देखिए, MRPL (Mangalore Refinery and Petrochemicals Limited) में हुआ यह हादसा किसी एक्सीडेंट से कम नहीं था। एक टैंक से जहरीली गैस लीक हुई – और नतीजा? दो बेगुनाह कर्मियों की जान चली गई, एक को तो गंभीर चोटें आईं। अभी तक जांच चल रही है, लेकिन सच कहूं तो ऐसे हादसे अक्सर लापरवाही की वजह से ही होते हैं। सोचकर दुख होता है।
कौन सी गैस थी ये? और कितनी खतरनाक?
Official रिपोर्ट तो अभी आई नहीं, लेकिन जानकारों की मानें तो यह कोई हाइड्रोकार्बन या सल्फर वाली गैस रही होगी। समझ लीजिए – ऐसी गैसें सांस लेने में दिक्कत से लेकर त्वचा में जलन तक पैदा कर सकती हैं। असल में, ये वो गैसें हैं जिनसे प्लांट वर्कर्स रोज़ाना दो-चार होते हैं, लेकिन इतनी मात्रा में…? जानलेवा हो जाती हैं।
क्या आसपास के residential areas पर भी असर पड़ा?
अच्छा सवाल पूछा! अभी तक की खबरों के मुताबिक, गैस का असर पास के residential इलाकों तक नहीं पहुंचा है। MRPL ने दावा किया है कि उन्होंने स्थिति को कंट्रोल कर लिया है। पर सच्चाई ये है कि ऐसे हादसों के बाद कंपनियां अक्सर damage control में लग जाती हैं। क्या पता, सच कुछ और ही हो?
घायल कर्मियों का क्या हाल है? इलाज कहाँ चल रहा है?
देखिए, जो दो लोगों की मौत हो गई – उनके परिवारों का क्या होगा, ये सोचकर ही दिल दहल जाता है। बाकी घायलों को मंगलौर के एक local hospital में भर्ती कराया गया है। एक की हालत तो बहुत गंभीर है – दुआ करो बच जाए। बाकी लोगों को first aid देकर छोड़ दिया गया, लेकिन क्या ये काफी है? ऐसे हादसों के बाद लंबे समय तक health effects रहते हैं, ये तो सब जानते हैं।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com