“आरा कॉलेज की प्रोफेसर बनीं मिसेज इंडिया! ग्लैमर दुनिया छोड़कर अब पढ़ा रहीं हैं…”

आरा कॉलेज की प्रोफेसर बनीं मिसेज इंडिया! ग्लैमर की चकाचौंध छोड़कर अब क्लासरूम में बांट रहीं हैं ज्ञान…

डॉ. रोहिणी झा… नाम तो आपने सुना ही होगा? पर अब वो सुर्खियों में हैं एक बिल्कुल अलग वजह से। मिसेज इंडिया 2023 का खिताब जीतने वाली यह शख्सियत अब बिहार के आरा में एचडी जैन कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं! सच कहूं तो ये फैसला उतना ही अनोखा है जितना कि कोई बॉलीवुड स्टार का साइंटिस्ट बन जाना। और है न ये प्रेरणादायक? उन लाखों युवाओं के लिए जो सोचते हैं कि सफलता का सिर्फ एक ही रास्ता होता है।

रैंप वॉक से लेकर लेक्चर पोड तक – एक अविश्वसनीय सफर

असल में देखा जाए तो डॉ. झा की कहानी बिल्कुल फिल्मी लगती है। एक तरफ मिसेज इंडिया जैसा प्रतिष्ठित टाइटल, दूसरी तरफ academic achievements। लेकिन यहां सबसे दिलचस्प बात ये है कि ग्लैमर इंडस्ट्री में इतनी सफलता के बावजूद उन्होंने अपने पहले प्यार – यानी पढ़ाने को चुना। मतलब साफ है न? जब दिल से कुछ करो तो success automatically follow करती है, चाहे वो किसी भी field में क्यों न हो।

“हमारे लिए गर्व की बात” – कॉलेज प्रशासन का रिएक्शन

कॉलेज वालों का उत्साह देखते बनता है! एक प्रवक्ता ने बताया, “सच कहूं तो हम खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं। डॉ. झा जैसी multi-talented प्रोफेसर मिलना… वो भी आरा जैसे शहर में? ये तो किसी सपने जैसा है।” और students? उनकी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं। एक छात्रा ने मुझे बताया, “सर, सोचो… जिस प्रोफेसर ने मिसेज इंडिया जीता हो, उनसे पढ़ने का मौका मिल रहा है! ये तो किसी बड़े celebrity से मिलने जैसा है।”

सोशल मीडिया पर तूफान! नेटिजन्स का क्या कहना?

अरे भई, इस खबर ने तो Twitter और Instagram पर धूम मचा दी है। कुछ लोग इसे ‘बोल्ड मूव’ बता रहे हैं तो कुछ ‘women empowerment की जीती-जागती मिसाल’। एक यूजर ने तो बड़ी अच्छी बात लिखी – “आजकल तो हर कोई overnight fame चाहता है। पर डॉ. झा ने दिखा दिया कि असली success वही है जो आपके passion के साथ जुड़ी हो।” सच कहूं तो… बिल्कुल सही बात है!

आगे की राह – क्या है डॉ. झा की योजना?

जानकारों की मानें तो डॉ. झा अब पूरी तरह education और research में डूब चुकी हैं। और यकीन मानिए, ये सिर्फ एक career change नहीं है। ये तो एक सोच बदलने वाली मिसाल है। क्या पता, आने वाले समय में वो education sector में कुछ ऐसा कर दिखाएं जो औरों के लिए भी प्रेरणा बन जाए। क्योंकि अंत में तो यही मायने रखता है न – कि आपने अपने passion को follow किया या नहीं।

डॉ. रोहिणी झा की ये कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है। ये तो उन सभी के लिए एक message है जो समाज के बनाए rules को तोड़कर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। क्योंकि असली beauty दिमाग में होती है… और असली खुशी? वो तो दूसरों को ज्ञान बांटने में मिलती है। बिल्कुल सच!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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