“मुनीर के बेटे विनय नरवाल के पिता के शब्दों ने पाकिस्तानियों का सीना क्यों चीर दिया? पूरा सच जानिए!”

मुनीर का बेटा और विनय नरवाल की कहानी: एक पिता के आंसूओं ने क्यों हिला दिया पाकिस्तान?

16 अप्रैल की वो सुबह… जिसने एक नवविवाहित जोड़े के सपनों को हमेशा के लिए तोड़ दिया। विनय नरवाल – हमारे देश का एक जांबाज लेफ्टिनेंट, जिसकी शादी को महज कुछ हफ्ते हुए थे। पहलगाम की खूबसूरत वादियों में हनीमून मनाने गए इस जोड़े के सामने किसने सोचा था कि आतंक का साया आ जाएगा? और सिर्फ इसलिए कि वो हिंदू थे, विनय को निर्ममता से मार दिया गया। तीन महीने बाद भी उनके पिता का दर्द कम नहीं हुआ। और जब उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को सीधे निशाने पर लिया… तो सारे हालात ही बदल गए।

क्या सिर्फ एक मौत की कहानी है ये?

देखिए, ये कोई सामान्य हत्या नहीं थी। ये था एक पूरे परिवार के सपनों का अंत। विनय जैसे युवा ही तो हमारे देश की रीढ़ हैं। शादी के कुछ हफ्ते बाद ही पत्नी को विधवा बना देना… ये किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता। और सबसे दुखद बात? ये घटना कश्मीर में आतंकवाद की वही पुरानी कहानी फिर से दोहरा रही है। हम सब जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना और ISI का इसमें क्या रोल है। लेकिन इस बार… इस बार एक पिता के आक्रोश ने पूरे खेल को ही बदल दिया।

वो सवाल जिसने तोड़ दिया पाकिस्तान का झूठ

विनय के पिता का वो सवाल सुनकर मेरा भी दिल दहल गया – “अगर आसिम मुनीर का बेटा हनीमून पर होता और उसे इस तरह मार दिया जाता, तो क्या वह चुप रहता?” सच कहूं तो ये सवाल इतना सटीक था कि पाकिस्तानी भी इसका जवाब नहीं दे पाए। सोशल मीडिया पर तो ये आग की तरह फैला ही, लेकिन असली सवाल ये है – क्या सिर्फ सुरक्षा बढ़ाने से समस्या हल होगी? मुझे तो लगता है, जब तक पाकिस्तान की मानसिकता नहीं बदलती…

दोनों तरफ की प्रतिक्रियाएं: कौन कहां खड़ा है?

हमारे देश में तो #JusticeForVinayNarwal ट्रेंड कर ही रहा है। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया का रवैया देखिए – कुछ इसे “भावनात्मक प्रतिक्रिया” बता रहे हैं, तो कुछ ने तो खबर ही नहीं दिखाई! ये दोहरा मापदंड… ये झूठ… यही तो समस्या की जड़ है। हमारे नेताओं ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात की है। पर सच पूछो तो, क्या UN में बैठे लोगों को हमारा दर्द समझ आएगा?

आगे का रास्ता: सवाल ज्यादा, जवाब कम

अब क्या होगा? सरकार तो कदम उठाएगी ही – शायद UN में मामला उठे, सुरक्षा और सख्त हो। लेकिन… लेकिन क्या पाकिस्तान कभी अपनी गलती मानेगा? या फिर हमेशा की तरह झूठ के पीछे छुपता रहेगा? विनय की मौत ने सिर्फ एक परिवार को नहीं तोड़ा, बल्कि भारत-पाक के रिश्तों की कलई फिर से खोल दी है। अब देखना ये है कि क्या इस दर्द से कोई सबक निकलेगा… या फिर ये भी उन लाखों कहानियों में शामिल हो जाएगा जो अनसुनी रह जाती हैं।

[सच तो ये है कि…] जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा बनाए रखेगा, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। विनय के पिता के आंसूओं ने शायद कुछ लोगों की आंखें खोल दी हैं। लेकिन क्या ये काफी है? मुझे तो लगता है… हमें खुद से ये सवाल पूछना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“पाकिस्तान का दिवालियापन: 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने की चुनौती और IMF की भीख”

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मसूद अजहर का नया ठिकाना! पाकिस्तान ने कहाँ छिपाया जैश सरगना को?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments