मुजफ्फरनगर में कांवड़ से पहले पंडित जी वैष्णो ढाबे पर हंगामा! स्वामी यशवीर महाराज कौन हैं? पूरा विवाद जानें

मुजफ्फरनगर का वो विवाद: कांवड़ से पहले ढाबे के नाम पर हंगामा, स्वामी यशवीर महाराज कौन हैं?

अरे भई, मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से ठीक पहले एक ऐसा विवाद हुआ जिसने सबका ध्यान खींच लिया। सोचिए, एक ढाबे के नामप्लेट को लेकर इतना बवाल? असल में बात ये है कि पंडित जी वैष्णो ढाबे के नाम को लेकर स्वामी यशवीर महाराज और उनके समर्थकों ने आपत्ति जताई। मामला इतना गरमाया कि पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। सच कहूं तो, ये पूरा मामला धार्मिक भावनाओं और business की आज़ादी के बीच की उस पुरानी टकराहट को फिर से उजागर कर गया।

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। दरअसल, कुछ दिनों से स्वामी यशवीर महाराज कांवड़ मार्ग पर मौजूद दुकानों पर धार्मिक नाम रखने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क है कि religious places के आसपास के commercial establishments को भी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। यशवीर महाराज बघरा गांव के योग साधना आश्रम के संस्थापक हैं – और स्थानीय स्तर पर इनकी काफी पकड़ है। उनके followers का मानना है कि धार्मिक मार्गों पर business करने वालों को थोड़ा संयम तो रखना ही चाहिए।

पर ढाबे वालों ने जब नाम बदलने से मना कर दिया, तो स्थिति गंभीर हो गई। स्वामी जी के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को emergency deployment करनी पड़ी। आप सोच रहे होंगे – इतना बवाल सिर्फ एक नाम को लेकर? पर यहां बात सिर्फ नाम की नहीं, principles की है। दोनों तरफ से अपनी-अपनी बातें:

एक तरफ स्वामी जी के समर्थक कहते हैं – “धार्मिक मार्ग पर commercial activities को संयम रखना चाहिए।”
वहीं ढाबे के मालिक का साफ जवाब – “हमारा नाम किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाता, ये तो बस एक brand identity है।”
और local लोगों की चिंता – “कांवड़ यात्रा का पवित्र माहौल खराब हो सकता है।”

अब सवाल ये कि आगे क्या? पुलिस ने दोनों पक्षों को warning दे दी है। कांवड़ यात्रा के दौरान extra security की तैयारी भी चल रही है। मेरी निजी राय? ये विवाद शायद नए guidelines का कारण बने। पर सच तो ये है कि ये मामला हमारे समाज में धर्म और व्यापार के बीच के नाज़ुक रिश्ते को दिखाता है। आने वाले दिनों में इसकी गूंज पूरे क्षेत्र में सुनाई दे सकती है। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे मामलों में थोड़ा समझदारी और समझौते की ज़रूरत होती है?

यह भी पढ़ें:

Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“88 घंटे में पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ने वाले ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा! टॉप ऑफिसर ने बताई पूरी कहानी”

ट्रंप से प्रेरित होकर न्यू जर्सी के नेता ने डेलावेयर बे का नाम बदलने का सुझाव दिया!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments

Archives