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NASA के स्पेस स्टेशन पर उगी मूंग-मेथी! भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास

NASA के स्पेस स्टेशन पर मूंग-मेथी उगा दी? भारतीय वैज्ञानिक ने कर दिखाया कमाल!

अरे भाई, क्या बात है! भारत ने फिर से अंतरिक्ष में अपनी धाक जमा दी। और इस बार तो हमारे देश के एक वैज्ञानिक ने NASA के International Space Station (ISS) पर मूंग-मेथी उगाकर सबको हैरान कर दिया। सच कहूँ तो ये खबर सुनकर मुझे भी यकीन नहीं हुआ। ग्रुप कैप्टन डॉ. शुभांशु शुक्ला – ये नाम अब इतिहास में दर्ज हो गया है। सोचो, अंतरिक्ष में तैरते हुए मूंग की दाल और मेथी के पत्ते? क्या बात है!

असल में ये कोई एक दिन का काम नहीं था। पीछे मुड़कर देखें तो NASA और दूसरी space agencies पिछले 10 साल से यही कोशिश कर रही थीं। ISRO ने भी कुछ शुरुआती प्रयोग किए थे, लेकिन ये पहला मौका है जब भारत और NASA का साथ में काम करने का सपना सच हुआ। और सारा क्रेडिट? हमारे शुभांशु भाई को जाता है। उन्होंने धरती पर ही microgravity conditions में पौधों को उगाने की तकनीक विकसित की थी। बस फिर क्या था, ISS पर प्रयोग हो गया!

तो कैसे हुआ ये सब? देखिए, ISS पर मूंग और मेथी के बीजों को hydroponic system में लगाया गया। पूरे 30 दिन तक वैज्ञानिकों ने इन पर नजर रखी – कैसे बढ़ रहे हैं, पोषक तत्व ले रहे हैं या नहीं, photosynthesis हो रहा है या नहीं। नतीजा? पौधे तो उगे, लेकिन… हमेशा की तरह कुछ दिक्कतें भी आईं। Gravity नहीं है, radiation है – ये चुनौतियाँ अभी बाकी हैं। पर पहला कदम तो उठा लिया!

इस सफलता ने तो जैसे पूरे वैज्ञानिक समुदाय को झकझोर दिया। ISRO प्रमुख का कहना है ये “भारत के लिए गर्व का पल” है। NASA वालों ने तो शुभांशु सर के काम को “अद्वितीय” बताया है। सच में, ये एक बड़ी बात है – अगर हम चाँद या Mars पर बस्ती बसाएँगे, तो वहाँ खाने का इंतजाम कैसे होगा? इस प्रयोग ने इस सवाल का जवाब ढूंढना शुरू कर दिया है।

अब आगे क्या? सुनिए, NASA और ISRO मिलकर और फसलों पर प्रयोग करने की तैयारी में हैं। भारत सरकार ने तो funding भी बढ़ा दी है। कल्पना कीजिए – हो सकता है आने वाले समय में चाँद पर उगी हुई मेथी की सब्जी खा रहे हों हम! थोड़ा अजीब लगता है न? लेकिन विज्ञान में कुछ भी असंभव नहीं।

एक बात तो तय है – डॉ. शुभांशु शुक्ला ने न सिर्फ विज्ञान की दुनिया में नया अध्याय जोड़ा है, बल्कि हर उस युवा वैज्ञानिक को प्रेरणा दी है जो सितारों तक पहुँचने का सपना देखता है। जय हिंद, जय विज्ञान!

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1. भईया, अंतरिक्ष में मूंग-मेथी कैसे उग आई?

देखिए, कहानी दिलचस्प है। हमारे भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला ने NASA के साथ मिलकर एक जबरदस्त experiment किया। असल में बात ये है कि उन्होंने hydroponics की मदद से – यानी बिना मिट्टी के – पौधे उगाए। अब आप सोच रहे होंगे, ये होता कैसे है? तो समझिए, एक तरह का controlled environment बनाया गया, जहां पौधों को वो सारे nutrients मिले जो उन्हें चाहिए। सच में कमाल की बात है!

2. यार, ये सब करने की क्या जरूरत थी?

अच्छा सवाल पूछा! दरअसल ये experiment उतना ही जरूरी है जितना आपके लंच बॉक्स में हरी सब्जियां। सोचिए, अगर astronauts को Mars तक का सफर करना है, तो fresh food कहां से आएगा? यही तो खासियत है इस प्रयोग की – ये दिखाता है कि space में भी ताजा सब्जियां उगाई जा सकती हैं। एक तरह से future की farming का ये नमूना है।

3. शुभांशु शुक्ला? ये नाम तो पहली बार सुन रहा हूँ…

है न? हमारे देश के talent को वो recognition ही नहीं मिलता जिसका वो हकदार है। पर सुनिए, ये शुभांशु जी कोई मामूली scientist नहीं हैं। NASA के साथ काम करने का मौका मिला और उन्होंने ऐसी innovative techniques develop कीं कि plants को zero-gravity में भी उगा दिया। सच कहूं तो, ये हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है।

4. अच्छा भई, ये तकनीक धरती पर काम आएगी या सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित रहेगी?

अरे नहीं! इसका तो बहुत बड़ा practical use है। सोचिए उन जगहों के बारे में जहां पानी की किल्लत हो या मिट्टी बंजर हो। वहां hydroponics farming game changer साबित हो सकती है। मतलब, future में हम ऐसी जगहों पर भी खेती कर पाएंगे जहां आज एक पौधा भी नहीं उगता। क्या बात है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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