2000 करोड़ की कंपनी सिर्फ 50 लाख में! हेराल्ड केस का नया ट्विस्ट – 18 अक्टूबर को क्या होगा?
दिल्ली की कोर्ट में हेराल्ड केस की सुनवाई के दौरान जो हुआ, उसने तो सच में सबके होश उड़ा दिए! सोचिए, एक 2000 करोड़ की कंपनी… और उसे बेच दिया गया महज 50 लाख में। यानी आपके मुंबई के एक 3BHK फ्लैट से भी कम कीमत में! अब सवाल यह है कि ये सौदा हुआ कैसे? क्योंकि जिस तरह के नाम इस मामले से जुड़ रहे हैं – बड़े नेता, बड़े बिजनेसमैन – उन्हें देखकर तो लगता है ये सिर्फ कोई साधारण घोटाला नहीं। 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई है, और शायद तब और भी बम फटने वाले हैं।
पूरा मामला क्या है? थोड़ा पीछे चलते हैं…
हेराल्ड केस कोई नई बात नहीं। असल में तो ये एक पुराना घाव है जिसमें बार-बार खुजली होती रहती है। जमीनों की अवैध बिक्री, प्रॉपर्टीज का गोलमाल – ये सब तो चलता आ रहा है सालों से। लेकिन इस बार जो हुआ, वो तो किसी सस्ती बॉलीवुड फिल्म की पटकथा जैसा लगता है। कल्पना कीजिए – सरकारी अफसर और नेता मिलकर कंपनी की संपत्तियां बेच रहे हैं, और कीमत? जीरो पॉइंट टू फाइव परसेंट! यानी अगर आपकी गाड़ी 10 लाख की है, तो आप उसे 2500 रुपये में बेच दें। बेतुका लगता है ना? पर यही तो हुआ है।
कोर्ट में क्या नया सामने आया?
अब यहां मजा आता है। कोर्ट में जो दस्तावेज पेश हुए, उनके मुताबिक ये पूरा डील तो किसी बड़े स्कैम से कम नहीं। 2000 करोड़ की कंपनी को 50 लाख में बेचना… यानी हर 100 रुपये की चीज सिर्फ 25 पैसे में! अरे भई, आजकल तो प्लास्टिक का गिलास भी 10 रुपये में मिलता है। और सबसे दिलचस्प बात? जिन लोगों ने ये डील की, वो तो ऐसे बैठे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। पर अब जांच एजेंसियों ने कमर कस ली है। 18 तारीख को शायद कुछ और बड़े नाम सामने आएं।
राजनीति गरमाई, सोशल मीडिया भी तड़पा
अब जाहिर है, ऐसे मामले में राजनीति तो गरमाएगी ही। विपक्ष वालों ने तो मानो दिवाली मना ली! “देश का सबसे बड़ा घोटाला” बता रहे हैं। सरकार वाले कह रहे हैं – “जांच चल रही है”। पर सच्चाई ये है कि आम जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कौन क्या बोल रहा है। उन्हें तो बस ये चाहिए कि जो गलत करे, उसे सजा मिले। ट्विटर पर तो हंगामा मचा हुआ है – कुछ लोग सिस्टम को कोस रहे हैं, तो कुछ पूछ रहे हैं कि ऐसे मौके पर “अच्छे दिन” कहां गए?
अब आगे क्या? 18 अक्टूबर का इंतज़ार
18 अक्टूबर को जो होगा, वो शायद इस पूरे केस का टर्निंग पॉइंट होगा। नए सबूत आ सकते हैं, नए नाम सामने आ सकते हैं… या फिर कुछ नहीं भी हो सकता। क्योंकि ये भारत है यार – यहां कुछ भी हो सकता है! एक तरफ तो जांच एजेंसी दावा कर रही है कि वो सब कुछ उजागर करेगी, दूसरी तरफ राजनीतिक दबाव भी तो होते हैं। पर एक बात तय है – अगर ये केस सही दिशा में गया, तो शायद हमारे सिस्टम में कुछ बदलाव आए। वरना… वरना तो ये भी उन हजारों केसों की तरह फाइलों में धूल खाता रह जाएगा।
फिलहाल तो पूरे देश की नजरें 18 तारीख पर टिकी हैं। क्या होगा? कौन फंसेगा? कितने बड़े नाम सामने आएंगे? सच कहूं तो हम सबको एक अच्छी पॉलिटिकल थ्रिलर देखने को मिल रही है। बस अंतर ये है कि ये रियल लाइफ है, और इसके नतीजे हम सभी को प्रभावित करेंगे। तो बने रहिए, क्योंकि ये केस अभी और भी रोमांचक होने वाला है!
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National Herald केस का यह 2000 करोड़ वाला मामला सच में कुछ ज़्यादा ही गरम हो चुका है। सोचिए, इतनी बड़ी संपत्ति को 50 लाख में बेचने का खेल? अदालत की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को है, और देखा जाए तो इस बार शायद कुछ बड़े खुलासे होने वाले हैं।
असल में, ये केस सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं है। ये तो उस आम आदमी के विश्वास की बात है जो सिस्टम से उम्मीद लगाए बैठा है। क्या इस बार न्याय व्यवस्था उसकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी?
एक तरफ तो ये केस कानूनी पचड़े में फंसा हुआ है, लेकिन दूसरी तरफ… अरे भाई, जनता की नज़रें तो अदालत पर टिकी ही हैं। और सच कहूं तो, ऐसे मामले तभी सुर्खियां बटोरते हैं जब आम जनता का पैसा और भरोसा दोनों दांव पर लगे होते हैं।
बात सीधी है – अगर इस केस में सही न्याय मिला, तो ये एक मिसाल कायम करेगा। वरना… खैर, वरना वही पुरानी कहानी दोहराई जाएगी।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com