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नई दिल्ली ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना को दिया नया रूप, जानें क्या हैं नए प्रोत्साहन

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‘मेक इन इंडिया’ को मिला नया जोश – क्या अब बदलेगा देश का विनिर्माण नक्शा?

अरे भाई, केंद्र सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ को लेकर कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो सचमुच गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। देखिए न, हमारा विनिर्माण सेक्टर पहले से ही दमदार तरीके से आगे बढ़ रहा था, लेकिन अब जो नए प्रोत्साहन आए हैं… वाह! सच कहूं तो ये उतने ही जरूरी हैं जितना कि चाय में चीनी। और साथ ही Tesla का भारत में दस्तक देने का मामला? ये तो जैसे चेरी ऑन द केक वाली बात हो गई!

पीछे का सच: कहां से आई ये योजना?

याद है न 2014 का वक्त? जब ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत हुई थी। मकसद था सीधा-सपाट – भारत को वैश्विक विनिर्माण का हब बनाना। एक तरफ तो ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में जबरदस्त तरक्की हुई… लेकिन दूसरी तरफ, बेकार के नियम-कानून और बुनियादी ढांचे की कमी ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए। Tesla की कहानी तो और भी दिलचस्प है – सालों से कोशिशें चल रही थीं, पर टैरिफ और नीतियों के चक्कर में कुछ खास हो नहीं पा रहा था। पर अब लगता है जैसे पासा ही पलट गया है!

हॉट अपडेट: क्या मिला नया, और Tesla का क्या प्लान?

अब सरकार ने जो नए प्रोत्साहन दिए हैं, उनमें सबसे ज्यादा ध्यान खींचता है कर छूट में बढ़ोतरी। मतलब साफ है – ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को यहां आने के लिए लुभाना। और हां, ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ वाली बात तो आपने सुनी ही होगी – अब लाइसेंसिंग के झंझट कम होने वाले हैं। EV और सेमीकंडक्टर सेक्टर पर खास फोकस… समझदारी की बात है, क्योंकि यही तो भविष्य है न!

और सुनिए… Tesla ने तो यहां टेस्टिंग शुरू कर दी है! सूत्रों की मानें तो वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी लगाने वाले हैं। अगर ऐसा हुआ तो? एक तो EV मार्केट को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, दूसरा रोजगार के नए अवसर… और तीसरा, ग्रीन एनर्जी के हमारे सपनों को पंख लग जाएंगे। क्या बात है न?

इंडस्ट्री का जवाब: क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

FICCI और CII जैसे बड़े संगठन तो मानो खुशी से झूम उठे हैं। उनका कहना है कि ये देश के लिए लॉन्ग-टर्म में फायदेमंद साबित होगा। विशेषज्ञों की राय है कि FDI बढ़ेगा और भारत विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बनेगा। Tesla के एक प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया – “हम भारत में सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्यूशंस लाने के लिए पूरी तरह कमिटेड हैं।” बस… अब देखना ये है कि ये सब वादे कितने पूरे होते हैं!

आगे का रोडमैप: क्या उम्मीद करें?

सरकार का टारगेट है अगले 5 साल में 10 लाख नौकरियां पैदा करना। युवाओं के लिए तो ये खुशखबरी से कम नहीं! और Tesla के आने से EV मार्केट में हेल्दी कॉम्पिटिशन बढ़ेगा… जिसका फायदा हम जैसे ग्राहकों को मिलेगा। विश्लेषकों का मानना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी के मामले में भी दुनिया को रास्ता दिखाएगा। एकदम जबरदस्त। सच में।

तो क्या निष्कर्ष निकालें?

देखा जाए तो ‘मेक इन इंडिया’ को मिली ये नई जान सचमुच उम्मीद जगाती है। और Tesla जैसी बड़ी कंपनियों का आना तो जैसे आइसिंग ऑन द केक वाली बात हो गई। ये सभी बदलाव न सिर्फ इकोनॉमी को मजबूत करेंगे, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी साकार करने में मदद करेंगे। पर सवाल यही है न – क्या हम इस मौके का पूरा फायदा उठा पाएंगे? वक्त ही बताएगा!

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देखिए, ‘Make in India’ सब्सिडी में हुए इन नए अपडेट्स को तो मैं एक गेम-चेंजर मानता हूँ। सच कहूँ तो, निवेशकों के लिए ये मौका हाथ से जाने जैसा है! अब सवाल यह है कि ये नई पॉलिसी असल में क्या बदलाव लाएगी? एक तरफ तो ये रोज़गार बढ़ाने में मदद करेगी – और भाई, आजकल ये सबसे बड़ी ज़रूरत है न? वहीं दूसरी तरफ, हमारे देश को वैश्विक Manufacturing Hub बनाने की राह भी साफ़ होगी।

अब बात करें ‘आत्मनिर्भर भारत’ की… सिर्फ़ सरकार के भरोसे बैठे रहने से कुछ नहीं होने वाला। हम सबको मिलकर इस पहल का फायदा उठाना होगा। वैसे भी, जब तक हम खुद आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक… आप समझ गए न मेरा पॉइंट?

एकदम सही समय पर ये कदम उठाया गया है। मगर असल सवाल ये है – क्या हम तैयार हैं?

‘मेक इन इंडिया’ के नए प्रोत्साहन – जानिए क्या है खास और क्या आपके लिए है फायदेमंद?

1. सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ में क्या नया जोड़ा है? समझिए आसान भाषा में

देखिए, अब तो सरकार ने वाकई में कुछ दमदार कदम उठाए हैं। Tax benefits तो थे ही, लेकिन अब approvals की प्रक्रिया और तेज होगी – जिसका मतलब है कम red tape और ज्यादा business। साथ ही infrastructure के लिए अलग से funding… जो कि हमारे देश में सबसे बड़ी जरूरत है, है न?

2. स्टार्टअप्स के लिए क्या है इस योजना में? छोटे business वालों का क्या फायदा?

अरे भई, यही तो सबसे बड़ी बात है! सरकार ने छोटे उद्यमियों को ध्यान में रखकर ही ये नई policies बनाई हैं। Easy loans के साथ-साथ mentorship programs भी। सच कहूं तो मुझे लगता है startups के लिए ये golden opportunity हो सकती है। सरकारी tenders में preference? वाह, ये तो चेरी ऑन द केक जैसा है!

3. किन industries पर है इस बार सरकार की नजर? कहां invest करना होगा smart?

इस बार सरकार ने अपना focus काफी clear कर दिया है। Electronics और automobile तो हैं ही, लेकिन renewable energy और defense manufacturing को लेकर खास जोर दिया गया है। अब सोचिए… जब ये sectors grow करेंगे, तो कितने नए रोजगार पैदा होंगे? एकदम win-win situation!

4. विदेशी कंपनियों के लिए क्या है इस योजना में? FDI को लेकर क्या बदलाव हुए?

सुनकर खुशी होगी कि अब foreign companies के लिए भी rules और आसान हो गए हैं। FDI limits relax की गई हैं, और कुछ special schemes भी introduce किए गए हैं। मतलब साफ है – भारत अब global manufacturing hub बनने के लिए serious है। क्या आपको नहीं लगता कि ये सही समय है invest करने का?

Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com

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