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“पराग जैन vs सुनील अचैया: अगला RAW चीफ कौन? मंडे तक फाइनल नाम की संभावना!”

पराग जैन vs सुनील अचैया: अगला RAW चीफ कौन? और कब तक पता चलेगा?

दिल्ली के गलियारों में इन दिनों एक ही चर्चा है – कौन बनेगा RAW का नया बॉस? अभी के चीफ समीर वर्मा का टर्म 30 जून को खत्म हो रहा है, और सरकार के सामने बड़ा फैसला है। दो नाम सबसे ज्यादा चर्चे में हैं – पराग जैन और सुनील अचैया। सच कहूं तो, यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा का सवाल है। और हां, मंडे तक कुछ साफ हो सकता है!

पहले थोड़ा पीछे चलते हैं…

RAW का नाम सुनते ही जेहन में जेम्स बॉन्ड वाली छवि आती है न? पर असल में यह 1968 से हमारे देश की आंख और कान का काम कर रही है। अब सवाल यह है कि इस बार किसके हाथ में जाएगी कमान? पराग जैन या फिर सुनील अचैया? दोनों ही अपने-अपने फील्ड के बादशाह हैं। पर जैसा कि हमारे यहां होता आया है, आखिरी फैसला तो ACC वालों का ही होगा।

अभी की क्या स्थिति है?

देखिए, दिल्ली में दो कयास लगाए जा रहे हैं – या तो पराग जैन को मौका मिलेगा, या फिर सुनील अचैया को। पराग जी पहले से ही सचिव पद पर हैं, जबकि सुनील जी ने कई टफ मिशन्स संभाले हैं। एक तीसरा ऑप्शन भी है – समीर वर्मा का टर्म बढ़ा दिया जाए। पर यह तभी होगा जब सरकार को कोई और विकल्प न सूझे। और समय तो बहुत कम है – 30 जून डेडलाइन है। नहीं तो… खैर, आप समझ ही गए होंगे।

एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

अब जरा एक्सपर्ट्स की सुनते हैं। सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि आज के हालात में RAW को एक ऐसा लीडर चाहिए जो चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से निपट सके। कुछ का मानना है पराग जैन का अनुभव ज्यादा मायने रखता है, तो कुछ सुनील अचैया की स्ट्रैटेजिक थिंकिंग की तारीफ करते नहीं थकते। पर एक बात तय है – सरकार इस मामले में जल्दबाजी नहीं दिखाएगी। या शायद दिखाए? देखते हैं।

आगे क्या होगा?

यह नियुक्ति सिर्फ एक फाइल पर साइन करने जैसी बात नहीं है। इसका असर हमारी सुरक्षा नीतियों पर पड़ेगा – चाहे वह चीन की बॉर्डर हो या फिर नक्सल प्रभावित इलाके। और तो और, अफगानिस्तान जैसे मोर्चे पर भी RAW की भूमिका और मजबूत होगी। सच कहूं तो, यह फैसला आने वाले कई सालों तक हमारी फॉरेन पॉलिसी को प्रभावित करेगा।

तो कब तक इंतजार?

अब तो बस इंतजार की घड़ी है। सरकार के पास बस कुछ ही दिन बचे हैं। एक तरफ तो यह सिर्फ एक नियुक्ति है, पर दूसरी तरफ… असल में यह हमारी सुरक्षा का सवाल है। तो आप भी नजरें जमाए रखिए – क्योंकि अगले कुछ दिनों में ही पता चल जाएगा कि RAW की कमान किसके हाथ में जाने वाली है। एकदम ज़बरदस्त। सच में।

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अब देखिए, यह मामला कितना दिलचस्प हो गया है! पराग जैन और सुनील अचैया के बीच यह प्रतिस्पर्धा अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुकी है। सच कहूँ तो, RAW के अगले चीफ का फैसला होने में अब शायद ही कोई देर हो – खबरों के मुताबिक, नाम मंडे तक फाइनल हो सकता है।

अब सवाल यह है कि यह निर्णय कितना अहम है? देखिए भाई, जब बात देश की सुरक्षा और रणनीतिक हितों की आती है, तो ये कोई मामूली बात नहीं होती। ठीक वैसे ही जैसे किसी घर में सबसे अहम चाबी किसी भरोसेमंद हाथ में ही दी जाती है।

एक तरफ तो… चाहे जो भी जीते, अच्छी बात यह है कि भारत की खुफिया एजेंसी काबिल नेतृत्व के हाथों में सुरक्षित रहेगी। पर सच पूछो तो, इतने बड़े फैसले में दिलचस्पी तो स्वाभाविक है ना?

(अपडेट जारी है…)

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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