नीतीश कुमार का नाम और धनखड़ का इस्तीफा: राजनीति में नया ट्विस्ट!
मॉनसून सत्र का पहला दिन और बस… धमाका! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। स्वास्थ्य कारण बताए, पर सच क्या है? क्योंकि राजनीति में तो कोई भी कदम सिर्फ एक कारण से नहीं होता, है ना? और फिर… बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नाम उछल गया। अरे भई, ये तो गेम चेंजर हो सकता है!
धनखड़ का इस्तीफा: सिर्फ स्वास्थ्य या कुछ और?
देखिए, धनखड़ साहब ने 2022 में ये पद संभाला था। राजस्थान के राज्यपाल रहे, केंद्रीय मंत्री भी रहे। लेकिन ये इस्तीफा? एकदम बिना बताए। हालांकि उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चाएं चल रही थीं, पर इतनी जल्दी? राजनीतिक गलियारों में तो ये भी कानाफूसी हो रही है कि शायद कुछ और भी चल रहा हो।
और फिर नीतीश कुमार! अब ये मजेदार हो गया। बिहार की राजनीति का ये शातिर खिलाड़ी अगर दिल्ली आ गया तो? सोचिए… बिहार में तो भूचाल आ जाएगा ही, केंद्र की राजनीति भी हिल सकती है। बस, अभी तो सब अटकलें हैं। लेकिन मजा तो तब आएगा जब असली खेल शुरू होगा!
विपक्ष का हंगामा और सरकार का जवाब
अब विपक्ष को तो मौका मिल ही गया। राहुल गांधी ट्विटर पर बोले – “लोकतंत्र के लिए चिंताजनक!” भाजपा वाले कह रहे हैं – “स्वास्थ्य की वजह से इस्तीफा दिया।” पर सच क्या है? असल में तो कोई भी नहीं जानता। JNU के प्रोफेसर संजय कुमार सही कह रहे हैं – अगर नीतीश आ गए तो बिहार की सियासत ही बदल जाएगी। नया सीएम कौन? नई गठबंधन की राजनीति? बस… मजा आ जाएगा!
अब क्या? नीतीश बनेंगे उपराष्ट्रपति?
तो अब सवाल यही है – क्या नीतीश कुमार मानेंगे? अगर हां, तो ये तो बिल्कुल नया खेल होगा। विपक्ष संसद में हंगामा करेगा, सरकार को घेरेगा। और बिहार? वहां तो सब कुछ उलट-पुलट हो जाएगा। ईमानदारी से कहूं तो… भारतीय राजनीति में कुछ भी तय नहीं होता। आज जो सच लग रहा है, कल वो झूठ निकल सकता है।
फिलहाल तो ये नया सीरियल शुरू हुआ है। धनखड़ गए, नीतीश का नाम आया… अब देखते हैं आगे क्या होता है। एक बात तो तय है – राजनीति में अगले कुछ दिन बड़े मजेदार होने वाले हैं!
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तो देखिए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर ने तो राजनीति के गर्मा-गर्म माहौल में एक नया मसाला डाल दिया है। और अब जब नीतीश कुमार का नाम इस चर्चा में जुड़ गया है, तो स्थिति और भी दिलचस्प हो गई है। सच कहूं तो, विपक्ष के सवाल और सरकार के जवाब – दोनों ही इस मुद्दे को लेकर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
लेकिन असली सवाल यह है कि यह सब आगे कहाँ जाएगा? क्योंकि राजनीति में तो कुछ भी हो सकता है। एक तरफ तो यह सिर्फ एक सियासी बहस लगती है, वहीं दूसरी तरफ इसके दूरगामी नतीजे भी हो सकते हैं। आपको क्या लगता है?
नीतीश कुमार और जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: विपक्ष के लिए नया हथियार या सिर्फ राजनीति का खेल?
अरे भाई, अभी तो दिल्ली की गर्मी से परेशान थे कि राजनीति ने नया तूफ़ान खड़ा कर दिया! नीतीश कुमार और जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े ने सियासत को गरमा दिया है। पर सवाल ये है कि असल मामला क्या है? चलिए, बिना लफ्फाजी के समझते हैं।
1. नीतीश कुमार का नाम वापसी और धनखड़ का इस्तीफा – क्या है पूरा माजरा?
देखिए, नीतीश कुमार ने तो बस उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया। वैसे भी, CM की कुर्सी छोड़कर दिल्ली जाने का कोई मतलब? लेकिन धनखड़ साहब का केस अलग है। उन्होंने तो बिल्कुल ‘मैं नहीं खेलूंगा’ वाला मूव किया है। विपक्ष का कहना है कि ये सरकार के खिलाफ बड़ा ऐक्शन है… पर क्या सच में?
2. विपक्ष की प्रतिक्रिया: असली चिंता या सिर्फ मौका पकड़ने की कोशिश?
अब विपक्ष तो मानो दिवाली से पहले पटाखे मिल गए हों! हर चैनल पर एक ही राग – “लोकतंत्र खतरे में”। पर ईमानदारी से कहूं तो, क्या ये सच में कोई संवैधानिक संकट है या फिर सिर्फ 2024 की तैयारी? एक तरफ तो बहस जायज़ है, लेकिन दूसरी तरफ… थोड़ा ड्रामा भी तो चाहिए ना?
3. नीतीश कुमार: बिहार में टिके रहेंगे या फिर कोई नया चाल?
अरे भई, नीतीश जी तो अपने बिहार में मस्त हैं! उपराष्ट्रपति बनने के चक्कर में CM की कुर्सी छोड़ना? नहीं यार, ये तो वैसा ही होगा जैसे बिरयानी छोड़कर सलाद खाना। फिलहाल तो पटना में ही डेरा जमाए हुए हैं। पर राजनीति में कभी कुछ कहा जा सकता है क्या?
4. धनखड़ के इस्तीफे का असर: Game Changer या Tempest in a Teacup?
देखा जाए तो ये मामला दिलचस्प है। एक तरफ तो विपक्ष इसे लेकर Parliament तक को रोक सकता है… वहीं दूसरी तरफ, आम जनता को? सच कहूं तो रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा लंबे समय तक गूंजेगी, ये तय है।
तो कुल मिलाकर? एक बड़ा राजनीतिक ड्रामा तो है ही, लेकिन असली मकसद क्या है ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो चाय के साथ गपशप के लिए बढ़िया टॉपिक मिल गया है ना? 😉
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com