नीतीश vs तेजस्वी: क्या NDA की धार कुंद हो रही है? RJD का गेम प्लान समझिए!
अरे भई, बिहार की राजनीति तो मानो कभी ठंडी होती ही नहीं! अभी कुछ दिन पहले तक जो सीन था, वो अब पूरी तरह बदल चुका है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच यह तीखी टकराहट… सच कहूं तो मजा आ रहा है! तेजस्वी लगातार नीतीश जी की उम्र और सेहत को टारगेट कर रहे हैं – और ये सब बिना वजह तो नहीं हो रहा। क्या यह RJD की चाल है NDA को अंदर से खोखला करने की? 2025 के चुनाव को देखते हुए तो ये पूरा ड्रामा और भी दिलचस्प हो जाता है।
मामला क्या है भई?
यार, ये सारा झगड़ा तो 2022 से चला आ रहा है, जब नीतीश जी ने RJD को छोड़कर फिर से BJP के साथ हाथ मिला लिया। उस वक्त तो लगा था कि गेम सेट हो गया, लेकिन तेजस्वी ने “पलटा मुख्यमंत्री” वाली टैगलाइन से नीतीश को निशाना बनाना शुरू कर दिया। अब तो स्थिति ये है कि हर दूसरे दिन कोई न कोई विवादास्पद बयान सुनने को मिल जाता है। सच बताऊं? ये सब इतना सिंपल नहीं जितना दिखता है।
तेजस्वी का नया अटैक – क्या यह जायज है?
पिछले हफ्ते तेजस्वी ने एक रैली में कहा, “नीतीश जी को अब रिटायर हो जाना चाहिए।” भई साहब! ये तो सीधा-सीधा पर्सनल अटैक हो गया। जदयू वाले तो इसे “राजनीतिक बौखलाहट” बता रहे हैं, लेकिन BJP का रिएक्शन देखिए – बस इतना कहा “गठबंधन मजबूत है” और मामला खत्म। क्या ये साइलेंट सपोर्ट है? या फिर कोई और गेम चल रहा है? समझ से परे है!
RJD की चाल – क्या ये काम करेगी?
अंदरूनी सूत्र तो ये कह रहे हैं कि तेजस्वी का ये सब एक प्लान्ड स्ट्रैटेजी है। उनका टारगेट? NDA के वोट बैंक में दरार पैदा करना, खासकर उन पिछड़े वर्गों को जो पहले Lalu-नीतीश के जमाने में साथ थे। पर सवाल ये है – क्या ये तरीका काम करेगा? एक तरफ तो युवा वोटर तेजस्वी के साथ हैं, लेकिन क्या बुजुर्ग मतदाता इस तरह के हमलों को पसंद करेंगे? बिहार की जनता को समझना कोई आसान काम नहीं!
राजनीतिक गलियारों में क्या चल रहा है?
अब सबकी प्रतिक्रियाएं देखिए – जदयू वाले तो बिफरे हुए हैं, “तेजस्वी डर गए हैं नीतीश जी की सफलता से” वाली लाइन मार रहे हैं। BJP? वो तो बस मुस्कुरा रही है। एक BJP नेता ने तो यहां तक कह दिया, “RJD अपना पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है।” सच्चाई ये है कि इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा दबाव तो नीतीश कुमार पर ही है। अगर वो रिएक्ट करते हैं तो विवाद बढ़ेगा, नहीं करते तो उनकी छवि को नुकसान हो सकता है।
2025 का गेम – क्या होगा आगे?
अब सबसे बड़ा सवाल – ये सब 2025 के चुनाव को कैसे प्रभावित करेगा? मेरी निजी राय? तीन संभावनाएं दिख रही हैं:
1. RJD की ये चाल काम कर जाए और NDA के वोट बंट जाएं
2. नीतीश का गुस्सा फूट पड़े और बिहार में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो जाए
3. BJP बीच-बचाव करके स्थिति को संभाल ले
पर याद रखिए, बिहार की राजनीति में कुछ भी अनुमानित नहीं होता! एक दिन में सब कुछ बदल सकता है। फिलहाल तो ये नाटक और भी रोमांचक होता जा रहा है। क्या आपको नहीं लगता?
अंत में बस इतना – 2025 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन ये राजनीतिक चालबाजियां तो अभी से शुरू हो गई हैं। देखना ये है कि आखिरकार इसका फायदा किसको मिलता है। बिहार की जनता तो हमेशा की तरह मजे ले रही होगी – “जब तक तमाशा चल रहा है, देखते रहो!” वाली फिलॉसफी के साथ!
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1. NDA का बिहार में performance कैसा रहा है recent elections में?
सच कहूं तो, NDA का जादू बिहार में थोड़ा फीका पड़ता नजर आ रहा है। और हां, इसकी एक बड़ी वजह है तेजस्वी यादव का वो धमाकेदार campaign! RJD की बढ़ती लोकप्रियता तो देखने लायक है। नीतीश कुमार? उनका वो पुराना ‘सुपरमैन’ वाला इमेज अब धुंधला सा लगता है। क्या यही वजह है कि लोगों का भरोसा कम हो रहा है? शायद।
2. Tejashwi Yadav ने RJD को फिर से strong बनाने के लिए क्या strategy अपनाई है?
देखिए, तेजस्वी ने तो जैसे युवाओं के दिलों पर कब्जा कर लिया है! बेरोजगारी और development के मुद्दे उठाकर उन्होंने सीधा निशाना साधा है। और भई, social media पर उनकी मौजूदगी तो एकदम ज़बरदस्त! RJD को फिर से चर्चा में लाने का श्रेय इसी aggressive campaigning को जाता है। पर सवाल यह है कि क्या यह सब election में वोटों में तब्दील हो पाएगा?
3. Nitish Kumar के लिए biggest challenge क्या है इस election में?
असल में, नीतीश जी के सामने दोहरी मुसीबत है। एक तरफ तो anti-incumbency का भूत, दूसरी तरफ BJP के साथ उनके रिश्ते में खटास। ‘विकास पुरुष’ का ताज भी अब पहले जैसा चमकदार नहीं रहा। और यही सबसे बड़ी चिंता की बात है – जब जनता का भरोसा डगमगाने लगे, तो समझिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
4. क्या RJD-BJP alliance की कोई possibility है future में?
वैसे तो यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है। RJD और BJP? जैसे आग और पानी का साथ! ideological differences तो इतने हैं कि गिनते-गिनते थक जाएंगे। पर… राजनीति में कुछ भी हो सकता है, है न? फिलहाल तो यह सिर्फ कॉफी हाउस की गप्पें लगती हैं। Reality में ऐसा होता दिख नहीं रहा। या फिर… कौन जाने?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com