नोवो ने हिम्स को पटखनी दी – जानिए क्या है पूरा माजरा!
परिचय
डिजिटल हेल्थकेयर की दुनिया में हाल ही में एक बड़ा भूचाल आया है। नोवो ने हिम्स को खरीदकर सबको चौंका दिया! असल में देखा जाए तो यह डील उतनी अप्रत्याशित भी नहीं थी। अगर आपको लगता है कि यह सिर्फ एक कॉर्पोरेट डील है, तो जरा ठहरिए… यहां तो पूरा गेम चेंजर मूव है! आइए समझते हैं कि आखिर यह डील क्यों खास है और इससे हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा।
नोवो और हिम्स: दोनों में क्या खास?
नोवो क्या करती है?
नोवो एक बड़ी फार्मा कंपनी है जो diabetes और obesity जैसी बीमारियों की दवाएं बनाती है। 100 साल पुरानी यह कंपनी अपने innovative drugs के लिए मशहूर है। पिछले कुछ सालों में इसने कई छोटी कंपनियों को खरीदकर अपनी ताकत बढ़ाई है।
हिम्स की कहानी
हिम्स एक नया-नवेला digital healthcare startup है जिसने online consultations और personalized medicine से धूम मचा रखी है। इसका direct-to-consumer मॉडल बेहद कामयाब रहा है। शुरुआत में यह सिर्फ men’s health पर फोकस करता था, लेकिन अब mental health से लेकर skincare तक सब कुछ ऑफर करता है।
डील का सच: क्या हुआ असल में?
खरीदारी का डिटेल्स
नोवो ने हिम्स को 1.2 बिलियन डॉलर में खरीद लिया! डील में cash और stock दोनों का इस्तेमाल हुआ है। अब नोवो हिम्स के digital platform को अपने साथ जोड़ेगी। मजे की बात यह है कि हिम्स के shareholders को अच्छा-खासा premium मिला है।
यह डील हुई क्यों?
देखिए, नोवो को हिम्स के पास मौजूद young customers और digital reach पसंद आई। वहीं हिम्स को funding की जरूरत थी। यहां दोनों को अपना-अपना फायदा दिखा। बस फिर क्या था, डील पक्की हो गई!
मार्केट पर क्या असर पड़ा?
कंपटीटर्स की हालत
इस डील के बाद Teladoc और Amwell जैसी कंपनियों के शेयर गिर गए। Experts का कहना है कि अब और बड़ी कंपनियां इस सेक्टर में घुस सकती हैं। डिजिटल हेल्थकेयर में अब जमकर होड़ होने वाली है!
कस्टमर्स को क्या मिलेगा?
अच्छी खबर यह है कि अब patients को नोवो की रिसर्च और हिम्स के digital platform का फायदा मिलेगा। लेकिन कुछ लोगों को डर है कि कहीं prices न बढ़ जाएं!
क्या यह सही फैसला था?
नोवो का फायदा
नोवो को digital presence मिल गई है जिसकी उसे बहुत जरूरत थी। हिम्स का data और युवा कस्टमर बेस उसके काम आएगा। हालांकि दोनों कंपनियों के कल्चर को मिलाना आसान नहीं होगा।
हिम्स का भविष्य
हिम्स के founders और investors के लिए तो यह बड़ी कामयाबी है। अब उन्हें नोवो के पैसे और global network का फायदा मिलेगा। पर brand की आजादी तो खत्म हो ही गई है।
आगे क्या होगा?
नोवो की योजनाएं
लगता है नोवो अब और digital health startups खरीदेगी। उसका लक्ष्य दवाइयों और डिजिटल हेल्थ को पूरी तरह जोड़ने का है।
हिम्स का रोडमैप
हिम्स अब नोवो की subsidiary बन चुकी है। उसके मैनेजमेंट को तो रखा गया है, लेकिन फाइनल फैसले अब नोवो के हाथ में हैं।
निष्कर्ष
यह डील डिजिटल हेल्थकेयर के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। साफ है कि अब बड़ी फार्मा कंपनियां डिजिटल टेक्नोलॉजी को गंभीरता से ले रही हैं। और हां, जिन्हें यह डील अचानक लगी थी, उन्हें शायद मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखनी चाहिए थी!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
नोवो ने हिम्स को क्यों खरीदा?
क्योंकि हिम्स का digital platform और direct-to-consumer मॉडल नोवो के लिए बेहद फायदेमंद था।
क्या हिम्स अब भी अपने नाम से काम करेगा?
हां, फिलहाल तो हिम्स brand वैसे ही रहेगा, लेकिन भविष्य में बदलाव हो सकते हैं।
इस डील से patients को क्या फायदा?
अब patients को नोवो की बेहतर दवाएं और हिम्स का डिजिटल एक्सपीरियंस एक साथ मिलेगा।
यह डील कब तक पूरी हो जाएगी?
अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2024 की पहली quarter तक डील कंप्लीट हो जाएगी।
Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com