NYC काउंसिल का नया प्रस्ताव: क्या ये सच में कर्मचारियों की मदद करेगा या सिर्फ छोटे व्यवसायों को परेशान करेगा?
अरे भई, NYC काउंसिल ने तो एक ऐसा प्रस्ताव लाया है जिसने पूरे बिजनेस कम्युनिटी को हिला कर रख दिया है। सरकार कह रही है कि ये कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, लेकिन बिजनेस वाले इस पर आग बबूला हो रहे हैं। असल में, ये प्रस्ताव कंपनियों को मजबूर करेगा कि वो हर job posting में salary range, benefits और God knows what else का details दें। सुनने में तो अच्छा लगता है, है ना? लेकिन इसमें एक पेंच है…
देखिए, मामला कुछ यूँ है – NYC काउंसिल का कहना है कि ये transparency बढ़ाने के लिए है। पर सच बताऊँ? मेरे कई दोस्त जो छोटे-मझोले business चलाते हैं, वो पहले से ही COVID के बाद से जूझ रहे हैं। अब इन्हें और paperwork? एक तरफ तो सरकार ‘ease of doing business’ की बात करती है, दूसरी तरफ नए-नए नियम थोपती जाती है। NYC के 20 से ज्यादा industry groups ने इसका विरोध किया है – restaurants, retail shops, सब शामिल हैं। समझ आता है इनका गुस्सा।
मुख्य समस्या क्या है? समय और पैसा! हर छोटी-बड़ी vacancy के लिए अलग से detailed advertisement बनाना, उसमें हर चीज का disclosure देना… ये सब करने में resources लगते हैं। कुछ economists तो यहाँ तक कह रहे हैं कि इससे NYC में business करना और महंगा हो जाएगा। और भई, जब business पर दबाव बढ़ेगा, तो आखिर में ये cost किसके ऊपर आएगा? Employees के ऊपर ही ना!
अब स्थिति ये है कि दोनों तरफ से अलग-अलग बातें सुनने को मिल रही हैं। Business वालों की चिल्लाहट: “हम पहले से ही हज़ार rules में फँसे हैं, अब और नहीं!” वहीं council members का राग: “हमारा focus employees के rights पर है।” सच कहूँ तो दोनों की बात में दम है। पर सवाल ये है कि balance कैसे बनेगा?
तो अब क्या होगा? प्रस्ताव अभी debate के stage पर है, voting होनी बाकी है। अगर ये पास हो गया तो… बाप रे! सभी companies को नए rules follow करने पड़ेंगे। पर मजे की बात ये है कि business groups ने संकेत दे दिए हैं कि वो court तक जा सकते हैं। Legal battle की आहट साफ सुनाई दे रही है।
अंत में, सच तो ये है कि इस पूरे मामले में बहुत कुछ दाँव पर लगा है। Employees के rights भी जरूरी हैं, पर business की survival भी तो देखनी होगी। क्या council कोई middle way निकाल पाएगी? ये तो time ही बताएगा। फिलहाल तो सबकी नजरें इस voting पर टिकी हैं। क्या आपको नहीं लगता कि ये एक और वोटबैंक पॉलिटिक्स का मामला हो सकता है?
NYC काउंसिल का नया प्रस्ताव: क्या ये सच में छोटे व्यवसायों के लिए मुसीबत लेकर आएगा?
पहला सवाल तो ये कि आखिर ये प्रस्ताव है क्या?
देखिए, NYC काउंसिल ने एक ऐसा प्रस्ताव रखा है जो बिज़नेस वालों के सिर दर्द बढ़ा सकता है। अब जॉब नोटिस (job notices) देने के लिए और ज्यादा कागजी खानापूर्ति, नियम-कायदे और हो सकता है पैसा खर्च! छोटे दुकानदारों और मध्यम व्यवसायों के लिए तो ये मानो नींद उड़ा देने वाली बात है। सच कहूं तो, ये उतना ही परेशान करने वाला है जितना कि टैक्स भरने के दिनों में इनकम टैक्स वालों का फोन आ जाना।
अच्छा, तो असल में इसका बिज़नेस वालों पर क्या असर होगा?
एक तरफ तो ये है कि कर्मचारियों को सूचना देनी होगी, नोटिस देना होगा – सब नए तरीके से। लेकिन दूसरी तरफ? वक्त भी ज्यादा लगेगा, पैसा भी ज्यादा खर्च होगा। और छोटे व्यवसायों (small businesses) के लिए तो ये और भी मुश्किल। जैसे मान लीजिए आपके पास छोटी सी दुकान है – अब आपको हर छोटे-मोटे काम के लिए ये सब करना पड़ेगा। थकाऊ नहीं तो और क्या?
क्या ये सच में NYC के हर बिज़नेस पर लागू होगा?
हां, तकनीकी तौर पर तो सभी पर लागू होगा। लेकिन असली मार तो SMEs (यानी छोटे-मध्यम उद्यम) पर ही पड़ेगी। क्यों? क्योंकि बड़ी कंपनियों के पास तो पूरी टीमें होती हैं ऐसे काम संभालने के लिए। पर छोटे दुकानदार? उनके लिए तो हर नया नियम एक नई मुसीबत लेकर आता है। सच बताऊं तो ये वही पुरानी कहानी है न – ‘वन साइज़ फिट्स ऑल’ का चक्कर!
तो फिर छोटे व्यवसायी क्या कर सकते हैं?
सुनिए, बैठे रहने से कुछ नहीं होने वाला। पहला तो ये कि NYC काउंसिल या स्थानीय अधिकारियों से बात करें – अपनी परेशानी बताएं। दूसरा, अगर आप किसी व्यापार संघ (business association) से जुड़े हैं तो साथ मिलकर आवाज उठाएं। और हां, कानूनी सलाह लेना भी कोई बुरा आइडिया नहीं। क्योंकि अकेले तो शेर भी भूखा रह जाता है, है न?
Source: NY Post – Business | Secondary News Source: Pulsivic.com