ओडिशा में हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने पर हड़कंप! 13 जिलों में अलर्ट, क्या दोहराई जाएगी 2011 जैसी त्रासदी?
तो कल यानी 6 जुलाई को ओडिशा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। हीराकुंड बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने का ऐलान कर दिया गया। और इसके साथ ही राज्य के 13 जिलों में बाढ़ की चेतावनी भी जारी हो गई। देखिए, प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए नदी किनारे के गांवों को खाली कराने के आदेश दे दिए हैं। पर सवाल यह है कि क्या यह काफी होगा? क्योंकि मानसून की मार इतनी ज़ोरदार है कि बांध का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है।
असल में, हीराकुंड बांध को समझना बेहद ज़रूरी है। महानदी पर बना यह बांध सिर्फ एशिया का सबसे लंबा बांध ही नहीं, बल्कि पूरे ओडिशा की जिंदगी है। बिजली हो या खेतों की सिंचाई, सब इसी पर निर्भर। लेकिन पिछले एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश ने इसे लबालब कर दिया है। और अब? अब तो पानी छोड़ने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचा था।
हालात ये हैं कि अभी प्रति सेकंड 4 लाख cusec पानी छोड़ा जा रहा है। ये कोई मामूली बात नहीं! संभालपुर से लेकर जगतसिंहपुर तक, 13 जिलों में हाई अलर्ट है। NDRF की टीमें मैदान में उतर चुकी हैं। पर समस्या ये है कि कई इलाकों में तो पहले से ही पानी भरा हुआ है। ईमानदारी से कहूं तो स्थिति काफी गंभीर लग रही है।
सरकार कह रही है, “हम पूरी तरह तैयार हैं।” लेकिन स्थानीय लोगों की आवाज़ सुनिए – “2011 की बाढ़ याद आ रही है, जब पूरा गांव डूब गया था।” और मौसम विभाग तो और डरा रहा है – “अगले दो दिन और बारिश होगी।” यानी टेंशन और बढ़ने वाली है।
अब बड़ा सवाल – आगे क्या? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश यूं ही जारी रही, तो और पानी छोड़ना पड़ेगा। और इसका मतलब? निचले इलाकों में तबाही। फसलें डूबेंगी, घर बर्बाद होंगे। सरकार ने राहत शिविर तो बना लिए हैं, पर क्या ये काफी होगा? लंबे समय के लिए तो हमें water management policy पर ही नए सिरे से सोचना होगा। वरना हर साल यही कहानी दोहराते रह जाएंगे।
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ओडिशा सरकार ने हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का फैसला किया है, और इसके साथ ही राज्य के 13 जिलों में अलर्ट जारी हो गया है। अब सवाल यह है कि आम लोगों को क्या करना चाहिए? खासकर महानदी के किनारे रहने वाले लोगों को तो और भी सतर्क रहने की ज़रूरत है। सरकारी अधिकारियों की बात मानें, वरना… आप समझ ही गए होंगे।
यहाँ बात सिर्फ सावधानी की नहीं, बल्कि community effort की भी है। पड़ोसी को आवाज़ देना, बुजुर्गों की मदद करना – ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें बड़े हादसों को रोक सकती हैं। सच कहूँ तो, हम भारतीयों को emergency situations में एकजुट होना आता ही है!
एक और ज़रूरी बात – local authorities के Real-time updates को follow करते रहें। WhatsApp university पर भरोसा करने से बेहतर है official sources को track करना। Safety first, है ना?
हालांकि, डरने की कोई बात नहीं। बस थोड़ी सी सावधानी… और जैसा कि हमारे बुजुर्ग कहते हैं – ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’।
Hirakud Dam से पानी छोड़ने पर वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं (FAQs)
1. Hirakud Dam से पानी क्यों छोड़ा जा रहा है? सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे!
देखिए, बात सीधी है – जब बारिश का पानी dam को ऊपर तक भर देता है, तो उसे कहीं न कहीं तो निकालना ही पड़ता है। वरना सोचो, जैसे आपके घर का वॉटर टैंक ओवरफ्लो हो जाए तो? ठीक वैसे ही! Dam की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है, नहीं तो बड़ा खतरा हो सकता है।
2. कौन-कौन से जिलों में अलर्ट है? यहां देखें पूरी लिस्ट
अरे भाई, Odisha सरकार ने तो पूरे 13 जिलों को लिस्ट में डाल दिया है! Sambalpur से लेकर Balasore तक – Sonepur, Boudh, Angul… नाम सुनकर ही पता चल रहा है न कि ये सारे इलाके नदियों के किनारे बसे हैं। सच कहूं तो इनमें से कुछ तो हर साल flood की मार झेलते ही हैं।
3. आम जनता को क्या करना चाहिए? ये 3 बातें याद रखें
सुनो, अगर आप इन इलाकों में रहते हैं तो याद रखें:
– नदी किनारे फोटो खींचने न जाएं (सोशल मीडिया वेट लग सकता है!)
– Low-lying areas? उनसे तो बिल्कुल दूर रहें
– और हां, सरकारी अधिकारियों की बात मानें – वो मजाक नहीं कर रहे होते!
Emergency के लिए torch, dry food और medicines पहले से तैयार रखें। बेहतर होगा!
4. किसान भाइयों के लिए बुरी खबर? पानी छोड़ने का agriculture पर असर
ईमानदारी से कहूं तो हां, थोड़ा बहुत नुकसान तो होगा ही। कुछ इलाकों में खेत डूब सकते हैं… पर सरकार ने पहले ही alert कर दिया है। मतलब? जिन किसानों के खेत flood-prone areas में हैं, वो पहले से तैयारी कर सकते हैं। हालांकि, सच यह भी है कि कभी-कभी nature के आगे हम बेबस ही होते हैं।
एक सवाल आपसे – क्या आपके इलाके में भी ऐसी कोई समस्या आती है? कमेंट में जरूर बताएं!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com