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ओडिशा: एक लापता मछुआरे को बचाया गया, तीन अन्य की तलाश जारी

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ओडिशा: एक मछुआरे की जान बची, लेकिन तीन अभी भी गायब… क्या है पूरा मामला?

अच्छी खबर तो है, लेकिन पूरी नहीं। ओडिशा के तट से एक मछुआरा जो पिछले तीन दिन से लापता था, आखिरकार मिल गया। पर यहाँ राहत की सांस लेने का वक्त नहीं है, क्योंकि तीन और लोग अभी भी समुद्र की गोद में कहीं खोए हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, अचानक आए भीषण तूफान ने इन मछुआरों की नाव को घेर लिया था – ठीक वैसे ही जैसे हम फिल्मों में देखते हैं, लेकिन यहाँ कोई स्क्रिप्टेड हैप्पी एंडिंग नहीं है।

असल में बात ये है कि ये मछुआरे पारादीप के पास से मछली पकड़ने निकले थे। समुद्र ने अचानक अपना रौद्र रूप दिखाया और… बस फिर क्या था, नाव संकट में फंस गई। अब सोचिए, खुले समुद्र में अकेले 72 घंटे! Indian Coast Guard और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं, लेकिन मौसम जैसे उनके खिलाफ ही खड़ा है। सच कहूँ तो, ये रेस्क्यू ऑपरेशन किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं।

अभी तक की सबसे बड़ी राहत? रमेश पांडा नाम का ये मछुआरा एक छोटे से द्वीप के पास मिला। हालत ठीक है, हॉस्पिटल में है। पर बाकी तीन? अभी भी कोई क्लू नहीं। Coast Guard के हेलिकॉप्टर और बोट्स लगातार सर्च कर रहे हैं। पर सवाल ये है कि क्या वो वक्त से पहले पहुँच पाएँगे?

इस पूरे घटनाक्रम पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ:
– Coast Guard का कहना है – “हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, पर मौसम हमारे खिलाफ है।”
– रमेश के परिवार वाले – “उसके मिलने से हमें उम्मीद है कि बाकी भी मिलेंगे।”
– प्रशासन का स्टैंड? “हमने अलर्ट जारी किया था, फिर भी दुर्घटना हो गई।”

मतलब साफ है – सिस्टम फेल हुआ, लेकिन अब ब्लेम गेम खेलने का वक्त नहीं है।

अब क्या? अगले 48 घंटे क्रिटिकल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज होगा। सरकार परिवारों को मुआवजा देने पर विचार कर रही है। पर असल सवाल तो ये है – क्या अगली बार ऐसा नहीं होगा? समुद्री मौसम की बेहतर भविष्यवाणी और मछुआरों की सेफ्टी पर अब गंभीरता से सोचने का वक्त आ गया है। जैसे ही कोई नई जानकारी मिलेगी, आप तक पहुँचेंगे। फिलहाल, प्रार्थना करें कि बाकी तीन भी सही-सलामत मिल जाएँ।

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Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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