“पहलगाम हमले के बाद उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा? कश्मीर टूरिज्म पर बड़ा बयान!”

पहलगाम हमला: क्या अब फिर डर के साये में डूबेगा कश्मीर का पर्यटन?

सच कहूं तो, पहलगाम में हुआ यह हमला सिर्फ एक सुरक्षा घटना नहीं है – यह तो कश्मीर की उस नाजुक आशा पर चोट है जो पिछले कुछ सालों में धीरे-धीरे पनप रही थी। उमर अब्दुल्ला का बयान सुनकर लगता है जैसे वो सिर्फ सरकार को निशाना नहीं बना रहे, बल्कि एक डर को भी उजागर कर रहे हैं जो हर कश्मीरी के मन में छुपा बैठा है। पर्यटन तो बस एक बहाना है, असली सवाल तो यह है कि क्या हम सच में शांति की राह पर हैं?

पहलगाम – जहां टूटती हैं तस्वीरें

अरे भई, पहलगाम को तो कश्मीर का दिल कहें तो गलत नहीं होगा। वो जगह जहां foreign tourists से लेकर देशी सैलानी तक, सबकी फोटो खिंचवाने की जिद होती है। लेकिन आज? आज वहां की तस्वीरें बदल गई हैं। साल 2019 के बाद जो धीरे-धीरे सुधर रहा था, वो फिर से डगमगा गया है। और सबसे बड़ी बात – उमर साहब ने जो सवाल उठाया है, वो हर उस आम कश्मीरी के मन में है जो चाय की दुकान चलाता है या houseboat में बैठकर पर्यटकों का इंतज़ार करता है।

Twitter से लेकर गलियों तक – कैसी है प्रतिक्रिया?

देखिए न, आजकल हर बड़ी घटना की पहली प्रतिक्रिया Twitter पर ही आती है। उमर अब्दुल्ला का वो वीडियो? एकदम viral हुआ। लेकिन असल बात तो ये है कि सड़कों पर क्या हो रहा है। local shopkeepers की आवाज़ें किसी को सुनाई दे रही हैं? मेरे एक दोस्त ने बताया कि पहलगाम के एक होटल मालिक ने कहा – “साहब, booking cancel हो रही हैं। एक हफ्ते में 60% cancellations।” ये आंकड़े नहीं, ये तो लोगों के सपनों का दफन होना है।

राजनीति या ज़िंदगी – किसकी चलती है?

हो सकता है आपको लगे कि ये सब राजनीति है। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो, जब एक आम कश्मीरी अपनी दुकान बंद करके घर बैठ जाता है, तो उसके लिए ये सवाल राजनीति का नहीं, रोटी का होता है। सरकार निंदा करेगी, विपक्ष सवाल उठाएगा – लेकिन क्या किसी ने उन hotel workers के बारे में सोचा जिनकी नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं? एक तरफ तो security forces की कार्रवाई चल रही है, दूसरी तरफ social media पर #BoycottKashmir ट्रेंड हो रहा है। बीच में फंसे हैं वो लोग जिनका कोई दोष नहीं।

आगे का रास्ता – डर या उम्मीद?

अब सवाल यह है कि क्या ये एक अलगित घटना थी या फिर बदतर होने का संकेत? security experts कह रहे हैं कि ये isolated case है। लेकिन मेरा सवाल – क्या पर्यटकों को यकीन दिलाया जा सकेगा? क्योंकि जब तक confidence नहीं आएगा, तब तक economy पटरी पर कैसे लौटेगी? एक तरफ तो government नए packages की बात कर रही है, दूसरी तरफ local businesses अपना सामान बेचने को तरस रहे हैं। सच तो ये है कि कश्मीर को सिर्फ बुलेटप्रूफ जैकेट्स नहीं, बल्कि hope के कवच की ज़रूरत है।

अंत में बस इतना – पहलगाम की ये घटना सिर्फ एक breaking news नहीं है। ये तो उस पूरे इलाके के future का सवाल है। और इसका जवाब सिर्फ security forces के हाथ में नहीं, बल्कि हम सबके हाथ में है। क्योंकि जब तक हम कश्मीर को सिर्फ एक ‘problem’ की तरह देखेंगे, तब तक वहां का हर solution अधूरा रहेगा। थोड़ा सा इंसानियत का नज़रिया, थोड़ी सी हिम्मत – शायद यही वो चाबी है जो इस गाँठ को खोल सकती है।

पहलगाम हमला और कश्मीर के टूरिज्म पर उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया – जानिए सबकुछ

1. पहलगाम हमले पर उमर अब्दुल्ला ने क्या राय जाहिर की?

देखिए, उमर अब्दुल्ला साहब ने इस हमले को लेकर जो कहा, वो सुनने लायक है। उन्होंने इसे “दिल दुखाने वाला और बिल्कुल गलत” बताया। और सच कहूं तो, ये सही भी है। ऐसे हमले तो कश्मीर की खूबसूरती पर दाग लगाते हैं। साथ ही, यहां के टूरिज्म बिजनेस को भी ठेस पहुंचाते हैं। क्या आपको नहीं लगता?

2. कश्मीर के टूरिज्म को लेकर उमर अब्दुल्ला की क्या सोच है?

असल में बात ये है कि उमर साहब ने एकदम सही पॉइंट उठाया। उनका कहना है कि कश्मीर में टूरिज्म तभी फलेगा-फूलेगा जब शांति और सुरक्षा होगी। बिल्कुल वैसे ही जैसे पौधे के लिए पानी जरूरी होता है। उन्होंने सरकार से एकदम साफ शब्दों में कहा – “यार, टूरिस्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करो वरना…”

3. क्या पहलगाम हमले से कश्मीर के टूरिज्म को नुकसान होगा?

सच बताऊं? हां, थोड़ा बहुत असर तो पड़ेगा ही। ऐसी घटनाओं का टूरिज्म पर तुरंत नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है। लेकिन यहां दिलचस्प बात ये है कि उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा – “कश्मीर अभी भी सेफ है भाई!” उनका मैसेज क्लियर है – घबराओ मत, आओ और यहां की खूबसूरती का मजा लो।

4. हमले के बाद सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

अब यहां सरकार ने क्या किया? पहला तो सिक्योरिटी को और टाइट कर दिया है। दूसरा, जिन लोगों ने ये हमला किया, उन्हें ढूंढने में जुट गए हैं। और सबसे अच्छी बात? टूरिस्ट स्पॉट्स पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है। मतलब साफ है – अब और कोई गड़बड़ न हो इसका पूरा इंतजाम किया जा रहा है। एकदम ठोस एक्शन, है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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