ऑपरेशन सिंदूर: जब भारत ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब
आज संसद में जो हुआ, वो शायद हम सबके लिए एक ऐतिहासिक पल था। राजनाथ सिंह जी ने जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया, उससे तो लगा जैसे हमारे जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को सबक सिखा दिया। असल में, ये कोई आम military operation नहीं था – बल्कि एक सटीक सर्जिकल स्ट्राइक थी जिसमें हमारे बहादुर सैनिकों ने दुश्मन को उसी की जमीन पर धूल चटा दी। पर सवाल यह है कि क्या ये सच में पुलवामा हमले का सही जवाब था? चलिए, इस पर थोड़ा और गहराई से बात करते हैं।
पुलवामा से बालाकोट: एक दर्द भरी कहानी
याद है वो 14 फरवरी 2019 का दिन? जब प्यार का दिन बन गया था दर्द का दिन। CRPF के 40 से ज्यादा जवान… सच कहूं तो आज भी गुस्सा आता है। और सबसे बड़ी बात – Jaish-e-Mohammed ने खुलेआम जिम्मेदारी ले ली थी। अब भारत के पास क्या विकल्प थे? International level पर pressure बनाया गया, लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तो 26 फरवरी को हमारे वायुसेना के जांबाजों ने बालाकोट में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। और नाम रखा गया – ऑपरेशन सिंदूर। शायद इसलिए कि ये operation भारत के इरादों को लाल रंग की तरह चमकदार बना देगा।
क्या हुआ था असल में? कुछ रोचक तथ्य
देखिए, मंत्री जी ने तो संसद में साफ कहा कि ऑपरेशन 100% सफल रहा। पर क्या आप जानते हैं कि सबसे हैरान करने वाली बात क्या थी? हमारा एक भी जवान शहीद नहीं हुआ! वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन… हमेशा की तरह पाकिस्तान ने अगले दिन ही जवाबी कार्रवाई कर दी। विंग कमांडर अभिनंदन का मामला तो आपको याद ही होगा। अच्छा हुआ international pressure के चलते उन्हें जल्द छोड़ दिया गया। वरना स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
देश-विदेश की क्या राय थी?
राजनाथ सिंह जी का बयान तो स्पष्ट था – “भारत आतंकवाद के खिलाफ नरम नहीं बैठेगा।” पर opposition की तरफ से भी सवाल उठे। राहुल गांधी ने सैनिकों की तारीफ तो की, लेकिन साथ ही transparency की मांग भी रखी। विदेशों की बात करें तो अमेरिका, रूस जैसे बड़े देशों ने भारत के हक में बयान दिए। ये हमारे लिए बड़ी राहत की बात थी।
आगे क्या? क्या और तनाव बढ़ेगा?
अभी तो स्थिति tense ही है। पर अच्छी बात ये है कि दोनों तरफ से बड़ी military action से परहेज किया जा रहा है। मेरी निजी राय? भारत अब दोहरी रणनीति अपनाएगा – एक तरफ international level पर पाकिस्तान को घेरना, दूसरी तरफ अपनी intelligence और border security को और मजबूत करना। ऑपरेशन सिंदूर ने साफ कर दिया है कि अब भारत पहले जैसा नहीं रहा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी policy अब और सख्त होगी। बस, अब देखना ये है कि आगे कौन सी चाल चली जाती है।
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Operation सिंदूर: जानिए वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं
Operation सिंदूर आखिर था क्या, और कब हुआ ये सब?
देखिए, 28-29 सितंबर 2016 की वो रात भारतीय सेना के इतिहास में एक सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई। Operation सिंदूर असल में एक सर्जिकल स्ट्राइक थी – बिल्कुल सटीक, बिल्कुल ज़रूरी। और ये किया गया था URI हमले के जवाब में, जहां पाकिस्तानी आतंकियों ने हमारे 18 जवानों को शहीद कर दिया था। सच कहूं तो, ये वो पल था जब भारत ने साफ संदेश दे दिया कि अब बस हो चुका!
राजनाथ सिंह ने संसद में क्या खुलासे किए?
तो हमारे रक्षा मंत्री जी ने संसद में जो बताया, वो सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि ये मिशन पूरी तरह सफल रहा – हमारे जवानों ने LOC पार करके सीधे आतंकियों के अड्डों को निशाना बनाया। और सबसे अच्छी बात? ये भारत की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” का असली प्रमाण था। मतलब साफ – अब कोई मज़ाक नहीं!
सबूत? क्या सच में कोई सबूत है?
अब यहां दिलचस्प बात ये है कि हमारी सरकार ने सैटेलाइट इमेजेज और ग्राउंड रिपोर्ट्स के रूप में ठोस सबूत पेश किए। लेकिन… हमेशा की तरह पाकिस्तान ने सब कुछ झूठ बताया। है न मज़ेदार? उनका कहना था कि कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नहीं। पर हम भारतीय जानते हैं सच क्या है!
Operation सिंदूर और 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक – क्या फर्क है?
अरे भई, ये दोनों अलग-अलग ऑपरेशन हैं, समझिए! 2016 का सिंदूर URI हमले का जवाब था। वहीं 2019 वाला ऑपरेशन… वो तो पुलवामा हादसे के बाद हुआ था जब हमारे 40 CRPF जवान… [यहां आपकी आवाज़ भर आएगी]। बस इतना समझ लीजिए – दोनों ही मौकों पर भारत ने साबित कर दिया कि हम कोई मूक दर्शक नहीं हैं!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com