Operation Sindoor: क्या सच में भारत ‘ढाई मोर्चे’ पर लड़ रहा है? और फिर ये राजनीतिक तूफान क्यों?
देखिए न, हाल ही में Operation Sindoor को लेकर सरकार ने जो बयान दिया, उसने दिल्ली की राजनीति को फिर से गर्मा दिया है। और भईया, जब बात सुरक्षा की हो तो अनुराग ठाकुर जैसे नेता पीछे कैसे रह सकते हैं? उन्होंने तो राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए कुछ ऐसा कह दिया कि मीडिया में तूफान आ गया। असल में बात ये है कि चीन, पाकिस्तान और आंतरिक अशांति – इन तीनों से एक साथ निपटने की चुनौती को ‘ढाई मोर्चे’ की जंग कहा जा रहा है। मजे की बात ये कि ये सिर्फ सैन्य मुद्दा नहीं रहा, बल्कि राजनीति का नया अखाड़ा बन गया है।
पूरा माजरा क्या है?
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। Operation Sindoor असल में क्या है? ये कोई नई चीज नहीं है भाई। 1962 के चीन युद्ध से लेकर पाकिस्तान के साथ हुए तीन युद्धों तक – हमारी सेना ने हमेशा मुश्किल हालात का सामना किया है। पर अब स्थिति और पेचीदा हो गई है। एक तरफ सीमा पर तनाव, दूसरी तरफ आतंकवाद। और बीच में? राजनीति की गोलियां चल रही हैं! राहुल गांधी ने जब सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए, तो ये विवाद और भी गहरा गया।
ताजा अपडेट: क्या हुआ अभी-अभी?
सीन बदल गया है दोस्तों! अनुराग ठाकुर ने तो बिल्कुल बॉर्डर फिल्म का डायलॉग दे दिया – राहुल गांधी को ‘देशद्रोही’ तक कह डाला। वाह भई वाह! इसी बीच सरकार ने सेना को और अधिकार देने का ऐलान किया। लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये सब दिखावा है। सच क्या है? शायद हम आम लोग कभी न जान पाएं। पर एक बात तो तय है – ये मामला अब सुरक्षा से ज्यादा राजनीति बन चुका है।
कौन क्या बोला? राजनीति का खेल
अब स्थिति ये है कि देश दो हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है। एक तरफ भाजपा का आरोप कि “राहुल देश की सुरक्षा कमजोर कर रहे हैं”, तो दूसरी तरफ प्रियंका गांधी का जवाब – “सरकार जवानों के बलिदान का राजनीतिक फायदा उठा रही है।” बीच में सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी हैं जो कह रहे हैं कि “ढाई मोर्चे के लिए मजबूत रणनीति जरूरी है।” सच बताऊं? हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है।
आगे क्या होगा? क्रिस्टल बॉल में देखते हैं
अब सबकी नजरें संसद पर हैं। गरमागरम बहस होगी, ये तो तय है। चीन-पाकिस्तान क्या करेंगे, ये भी बड़ा सवाल है। सेना के बजट में बदलाव? हो सकता है। पर मुझे लगता है कि ये मुद्दा अगले चुनावों तक खिंचेगा। क्योंकि भईया, राजनीति में तो हर मौसम का फायदा उठाया जाता है न?
तो फिर क्या निष्कर्ष निकालें? Operation Sindoor एक जटिल मामला है जहां सच्चाई और राजनीति का घालमेल हो गया है। सरकार अपनी रणनीति पर अड़ी है, विपक्ष सवालों की बौछार कर रहा है। और हम? हम तो बस यही कहेंगे – जवानों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है, बाकी सब बाद में। आपको क्या लगता है?
Operation Sindhoor और ढाई मोर्चे की जंग – जानिए पूरी कहानी
1. Operation Sindhoor क्या था? असल में हुआ क्या था?
देखिए, 1988 की बात है। भारतीय सेना ने श्रीलंका में एक मिशन चलाया – नाम था Operation Sindhoor। मकसद? LTTE (उन भयंकर Tamil Tigers) के खिलाफ श्रीलंका की मदद करना। पर सच बताऊं, ये सिर्फ एक मिलिट्री ऑपरेशन नहीं था…इसके पीछे की राजनीति बहुत दिलचस्प है।
2. ‘ढाई मोर्चे’ वाली बात – समझिए असली मतलब
अब ये ‘ढाई मोर्चे’ वाली बात क्या है? सुनने में अजीब लगता है न? असल में ये वो दौर था जब भारत एक साथ कई आग में घिरा हुआ था। एक तरफ पाकिस्तान के साथ बॉर्डर टेंशन, दूसरी तरफ श्रीलंका में ये ऑपरेशन, और घर के अंदर भी राजनीतिक उठापटक। ऐसे में सरकार के लिए हालात बहुत टेढ़े थे। सच कहूं तो आज की राजनीति में भी कुछ ऐसा ही महसूस होता है, है न?
3. अनुराग ठाकुर vs राहुल गांधी – क्या है विवाद?
अब आते हैं मौजूदा राजनीति पर। अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर जो आरोप लगाए, वो काफी गंभीर हैं। उनका कहना है कि राहुल भारत की सैन्य शक्ति पर सवाल उठाकर देश को कमजोर दिखा रहे हैं। ‘देशद्रोही’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल तो…बहुत ही सख्त आरोप है। लेकिन सच ये भी है कि राजनीति में ऐसे आरोप-प्रत्यारोप तो चलते ही रहते हैं।
4. क्या Operation Sindhoor वाकई सफल था?
यहां बात दिलचस्प हो जाती है। सेना के लिहाज से देखें तो ये मिशन काफी हद तक सफल रहा। पर…हमेशा की तरह एक ‘पर’ जरूर है। कुछ लोग इसे विवादास्पद भी मानते हैं। क्यों? क्योंकि इसमें भारतीय सैनिकों की कुछ जानें भी गईं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है – क्या कोई भी मिलिट्री ऑपरेशन पूरी तरह से ‘सफल’ हो सकता है? शायद नहीं।
एक बात और – इतिहास को हमेशा अलग-अलग नजरिये से देखा जाता है। कुछ के लिए ये गर्व की बात है, तो कुछ के लिए ये एक सबक। असल सच? शायद इन दोनों के बीच कहीं है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com