मसूद अजहर का नया पता: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कहाँ छुपाया इस आतंकी को?
अभी-अभी मिली खुफिया जानकारी तो हैरान करने वाली है! जी हाँ, हमारे देश के सबसे वांटेड आतंकवादी और JeM के सरगना मसूद अजहर को PoK के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में देखा गया है। ये खबर ऐसे वक्त आई है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों की अच्छी-खासी धुलाई कर दी थी। सबसे दिलचस्प बात? अजहर का ये नया ठिकाना उसके पुराने ‘घर’ बहावलपुर से कोसों दूर है। मतलब साफ है न? पाकिस्तान उसे बचाने के लिए लुका-छिपी खेल खेल रहा है।
कौन है ये मसूद अजहर? और क्यों पाकिस्तान है उसका ‘अंकल’?
ईमानदारी से कहूँ तो, ये आदमी भारत के लिए सिरदर्द बना हुआ है। 2001 का संसद हमला याद है? 2019 का पुलवामा हादसा? इन सबके पीछे इसी का दिमाग था। असल में देखा जाए तो पाकिस्तान हमेशा से इसे ‘हमारा गुड बॉय’ समझता आया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्लैकलिस्ट कराने की हमारी कोशिशों के बावजूद, पाकिस्तानी सरकार ने हमेशा ‘अजहर कौन? हमें नहीं पता’ वाला रवैया अपनाया। पिछले कई सालों से ये बहावलपुर में आराम से रह रहा था – पाकिस्तानी सरकार की ‘वीआईपी’ सुरक्षा के साथ। क्या मजाल जो एक बाल भी बाँका हो! अब सवाल ये उठता है कि अचानक इसको शिफ्ट क्यों किया गया?
ऑपरेशन सिंदूर का डर: अजहर भागा, पर कहाँ?
खुफिया सूत्र कह रहे हैं कि अजहर अब गिलगित-बाल्टिस्तान के किसी सुनसान कोने में छुपा बैठा है। तो क्या ये ऑपरेशन सिंदूर का असर है? देखिए, जब भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमा पार करके आतंकियों को सबक सिखाया, तो पाकिस्तान की नींद उड़ गई होगी। और अब ये मास्टरमाइंड भी डर के मारे भाग खड़ा हुआ। पर यहाँ मजेदार बात ये है कि उसे ये नया ‘होम डिलीवरी’ ISI और पाकिस्तानी सेना ने ही करवाई है। मतलब साफ है – आतंकवाद और पाकिस्तान सरकार का रिश्ता अभी भी जस का तस है।
अंतरराष्ट्रीय रिएक्शन: क्या इस बार कुछ होगा?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने तो सीधे-सीधे कह दिया है – “देखो, ये पाकिस्तान का असली चेहरा है!” वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तानी सरकार अपने पुराने रिकॉर्ड के अनुसार ‘मौन साधे’ बैठी है। पर सच तो ये है कि अब ये गेम बदल सकता है। सुरक्षा एक्सपर्ट्स की मानें तो, “अजहर का भागना दिखाता है कि पाकिस्तान दबाव में है, लेकिन आतंकवाद से उसका प्यार कम नहीं हुआ।” सवाल ये है कि क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बार कुछ ठोस करेगा?
आगे की रणनीति: भारत के पास क्या विकल्प हैं?
अब देखिए, इसके बाद भारत के पास कई चॉइस हैं। FATF और UN में ये मामला उठाया जा सकता है – ताकि पाकिस्तान की और बॉयकॉट हो। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ भी अब अजहर के इस नए ‘हाइडआउट’ की पड़ताल कर सकती हैं। अगर इसकी पुष्टि हो गई तो? फिर तो पाकिस्तान के लिए बड़ी शर्मिंदगी होगी! वो तो हमेशा से कहता आया है कि “हम तो इन आतंकियों को पनाह ही नहीं देते।” ऐसे में, भारत को चाहिए कि वो इस मौके का फायदा उठाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की पूरी कोशिश करे। बाकी, देखते हैं आगे क्या होता है!
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मसूद अजहर और ऑपरेशन सिंदूर: असली कहानी क्या है?
1. ऑपरेशन सिंदूर – क्या यह सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक था या कुछ और?
देखिए, पुलवामा हमले के बाद जो गुस्सा भारत में था, उसे समझना ज़रूरी है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक सन्देश था। और यह सन्देश किसके लिए? जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना मसूद अजहर के लिए, जिसे इस पूरे हमले का दिमाग माना जाता है। असल में, यह ऑपरेशन आतंकवादियों को यह बताने के लिए था कि भारत अब पीछे नहीं हटेगा।
2. पाकिस्तान मसूद अजहर को क्यों बचा रहा है? और कहाँ?
अरे भाई, यह तो साफ़ है! पाकिस्तानी अधिकारी उसकी लोकेशन के बारे में झूठ ही बोलते हैं। कभी बहावलपुर, कभी रावलपिंडी – यह लोग उसे इधर-उधर छुपाते रहते हैं। सच कहूँ तो, यह एक खुला राज़ है जिसे सब जानते हैं लेकिन साबित कर पाना मुश्किल है। क्या आपको नहीं लगता कि यह सब बहुत शक़ की बात है?
3. क्या भारत ने सिर्फ एक बार ही एक्शन लिया? और क्यों नहीं मिल पाता मसूद अजहर?
तो सुनिए, ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ एक उदाहरण है। भारत ने कई बार कोशिश की है इस आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की। लेकिन समस्या यह है – पाकिस्तान सरकार उसे सीधे टारगेट नहीं होने देती। अंतरराष्ट्रीय दबाव? हाँ, वो भी है। लेकिन जब तक चीन उनका साथ देगा, तब तक कुछ ख़ास बदलाव नहीं आने वाला।
4. मसूद अजहर के खिलाफ वैश्विक स्तर पर क्या हो रहा है? या सिर्फ दिखावा?
UNSC (United Nations Security Council) ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है – यह तो अच्छी बात है। लेकिन असली मज़ाक तो तब होता है जब चीन बार-बार सैंक्शन्स पर रोक लगा देता है। क्या यह दोहरा खेल नहीं है? सच तो यह है कि जब तक बड़े देश अपने फायदे के लिए आतंकवादियों को बचाते रहेंगे, तब तक कुछ नहीं बदलने वाला।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com