हृदयविदारक: जब बाढ़ ने छीन लिए माँ-बाप, तो SDM की गोद बनी एक अनाथ बच्ची का सहारा
कभी-कभी जिंदगी ऐसे मोड़ ले आती है कि दिल रो पड़े… हिमाचल के मंडी जिले से आई यह खबर सुनकर मेरी आँखें नम हो गईं। भारी बारिश और बाढ़ के बीच एक छोटी सी बच्ची ने अपने माँ-बाप को खो दिया – सोचिए, उसकी उम्र शायद इतनी भी नहीं होगी कि वो समझ पाए कि हुआ क्या है। लेकिन इस दुख की घड़ी में SDM स्मृतिका अमर नेगी ने जो किया, वो सच में सराहनीय है। बच्ची को उनकी गोद में खेलते देखकर लगा जैसे इंसानियत अभी मरी नहीं है। वैसे भी, क्या आपने वो तस्वीर देखी? सोशल मीडिया पर तो लोगों के दिल छू लेने वाली यह तस्वीर आग की तरह फैल गई।
बारिश का कहर और एक परिवार का सूनापन
हिमाचल में पिछले कुछ दिनों से बारिश ने जो रूप दिखाया है, वो किसी सपने से कम डरावना नहीं। पहाड़ों से उतरता पानी सिर्फ घर नहीं, पूरे-के-पूरे परिवार बहा ले गया। इन्हीं में था मंडी का एक परिवार… माँ-बाप तो बाढ़ का शिकार हो गए, लेकिन उनकी बच्ची बच गई। सच कहूँ तो, ऐसे वक्त में अक्सर सिस्टम धीमा काम करता है, लेकिन यहाँ SDM मैडम ने जिस तरह फौरन एक्शन लिया, वो काबिले-तारीफ है। बच्ची को सुरक्षित निकालने के बाद उन्होंने खुद ही उसकी जिम्मेदारी ले ली – और ये कोई छोटी बात नहीं है भाई!
वो एक तस्वीर जिसने दिल छू लिया
अब बात करते हैं उस तस्वीर की जिसने पूरे इंटरनेट को हिला दिया। SDM मैडम की गोद में बैठी वो नन्ही सी बच्ची… उसकी मासूमियत देखकर तो लगता ही नहीं कि उसने अभी-अभी अपने सारे सपने खो दिए हैं। Facebook और Twitter पर लोगों ने जिस तरह इस तस्वीर को शेयर किया, उससे साफ पता चलता है कि अच्छाई अब भी लोगों के दिलों में है। कुछ Users ने तो यहाँ तक लिखा – “मैडम जी, आपने हमें यकीन दिला दिया कि अभी भी कलेक्ट्रेट में दिल धड़कते हैं!” स्थानीय लोगों की बात करें तो वो तो SDM के इस रवैये पर फिदा हो गए।
अब क्या होगा उस नन्ही परी का?
सबसे बड़ा सवाल यही है न कि आगे इस बच्ची का क्या? प्रशासन ने शुरुआती तौर पर काफी सकारात्मक संकेत दिए हैं। मुझे लगता है कि दो रास्ते हो सकते हैं – या तो उसे किसी रिश्तेदार के पास भेज दिया जाएगा, या फिर किसी अच्छे अनाथालय में उसकी देखभाल की जाएगी। SDM मैडम ने भी अपनी इच्छा जाहिर की है कि वो बच्ची की परवरिश में योगदान देना चाहेंगी। और हाँ, बाढ़ पीड़ितों के लिए अलग से कोई योजना भी बनाई जा सकती है – पर ये तो वक्त ही बताएगा।
इंसानियत की जीत की एक छोटी सी कहानी
देखिए, इस पूरी घटना से हमें क्या सीख मिलती है? मेरी नज़र में तो ये साबित होता है कि चाहे कितनी भी बुरी आफत आ जाए, इंसानियत कभी मरती नहीं। SDM मैडम ने जो किया, वो न सिर्फ उस बच्ची के लिए एक नई उम्मीद है, बल्कि हम सभी के लिए एक सबक भी। कभी-कभी छोटे से प्रयास से भी बड़ा बदलाव आ सकता है – बस नियत साफ होनी चाहिए। अंत में बस इतना कहूँगा – ऐसे अधिकारी देश को चाहिए, जिनके दफ्तरों में फाइलों के साथ-साथ दिल भी धड़कते हों!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com