पहलगाम हमले पर सेना के नाम पर फैलाया गया झूठ! रक्षा मंत्रालय ने किया खुलासा

पहलगाम हमला: सेना पर लगे झूठे आरोप और सच्चाई की कहानी

22 अप्रैल 2025 का वो काला दिन… जब कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में आतंकियों ने 26 मासूम जिंदगियों को छीन लिया। पूरा देश सदमे में था, लेकिन हैरानी की बात? हमले के ठीक बाद social media पर एक अजीब सा खेल शुरू हो गया। कुछ लोगों ने सेना को ही दोषी ठहराने की कोशिश की! अब सोचिए, जिन जवानों ने हमेशा देश की रक्षा की, उन पर ही ऐसे गंभीर आरोप? रक्षा मंत्रालय को तुरंत कदम उठाना पड़ा और इन झूठी अफवाहों को खारिज करना पड़ा।

असल में बात ये है कि पहलगाम तो पिछले कई सालों से आतंकियों का पसंदीदा अड्डा रहा है। कितनी बार हमने सुना है कि यहाँ सुरक्षाबलों पर हमला हुआ या फिर आम नागरिकों को निशाना बनाया गया। लेकिन इस बार तो मामला और भी गंभीर हो गया। हमला हुआ, लोग मरे… और फिर social media पर अचानक कुछ पुरानी तस्वीरें वायरल होने लगीं जिनमें सेना को बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी। सच क्या था? बिल्कुल उल्टा!

रक्षा मंत्रालय ने जो किया वो तारीफ के काबिल है। तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सच्चाई सामने रखी। और तो और, गृह मंत्री अमित शाह ने खुलासा किया कि “ऑपरेशन महादेव” में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। पर सवाल ये उठता है कि इतनी जल्दी fake news कैसे फैल जाती है? सरकार ने social media कंपनियों को तुरंत नोटिस भेजकर इन पोस्ट्स को हटाने का आदेश दिया।

राजनीति की बात करें तो… ईमानदारी से कहूँ तो कुछ लोगों ने इस दुखद घटना को भी अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की। जबकि मृतकों के परिवार वाले तो सिर्फ इंसाफ चाहते थे। क्या ये सही है? बिल्कुल नहीं! social media पर भी दो तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं – एक तरफ वो जो हर चीज में सरकार को कोसते हैं, दूसरी तरफ वो जो fake news के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे थे।

अब आगे क्या? देखा जाए तो सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि fake news फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पहलगाम में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ social media पर भी निगरानी तेज होगी। पर सच तो ये है कि हम सबको भी सचेत रहना होगा। किसी भी खबर को शेयर करने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए – क्या ये सच हो सकता है?

अंत में बस इतना… ये घटना न सिर्फ आतंकवाद की क्रूरता दिखाती है, बल्कि ये भी बताती है कि कैसे कुछ लोग दुख के इस मौके का भी गलत फायदा उठाने से नहीं चूकते। सेना पर झूठे आरोप लगाना? सच में बहुत दुखद। लेकिन अच्छी बात ये है कि सच्चाई जल्द ही सामने आ गई। अब बस ये उम्मीद कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों… और अगर हों भी, तो हम सब इतने समझदार हो जाएँ कि झूठी खबरों पर यकीन न करें।

रक्षा मंत्रालय का पहलगाम हमले को लेकर किया गया ताज़ा बयान… देखा जाए तो यह सिर्फ एक खंडन नहीं, बल्कि आज के इस Fake News के दौर में एक ज़रूरी सबक है। सोचिए, अगर हम हर viral हो रही खबर को बिना जाँचे मान लें, तो क्या होगा? असल में, यह उतनी ही बड़ी गलती होगी जैसे बिना देखे किसी अंधेरी गली में कूद जाना।

हालांकि, सवाल यह है कि हम क्या करें? मेरा मानना है कि Social Media पर शेयर करने से पहले थोड़ा रुककर सोचना चाहिए। क्या स्रोत विश्वसनीय है? क्या कोई official बयान आया है? ईमानदारी से कहूं तो, यह छोटी सी आदत हमारे जवानों के प्रति सम्मान दिखाने का सबसे आसान तरीका है।

और सच तो यह है कि… सही जानकारी फैलाना सिर्फ़ हमारी ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि देश के प्रति हमारा कर्तव्य भी है। थोड़ा सावधान रहें, थोड़ा जागरूक। बस।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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