पहलगाम हमला: क्या सच में पाकिस्तानी नेताओं और सेना प्रमुखों का हाथ है? इंटेलिजेंस का बड़ा खुलासा!
अरे भाई, कभी-कभी तो सच सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भारतीय एजेंसियों ने जो खुलासा किया है, उसे सुनकर मेरे तो होश उड़ गए। पहलगाम में हुए उस भीषण हमले के पीछे – जहाँ 26 मासूम पर्यटकों की जान गई थी – पाकिस्तानी नेताओं और सेना के बड़े अफसरों का हाथ होने के सबूत मिले हैं! और ये कोई आम आरोप नहीं, बल्कि ठोस सबूतों वाली बात है। असल में देखा जाए तो ये पूरी घटना एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की तरह लग रही है, जिसमें ISI और Lashkar-e-Taiba का गहरा तालमेल था।
मामला क्या है? थोड़ा पीछे चलते हैं
पहलगाम… वो कश्मीर की खूबसूरत वादी जहाँ हर साल हजारों पर्यटक घूमने आते हैं। लेकिन [तारीख] को यही जगह एक खौफनाक हादसे का गवाह बनी। सच कहूँ तो, पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने के आरोप नए नहीं हैं। पर इस बार? इस बार तो भारतीय एजेंसियों के पास ऐसे सबूत हैं जो सीधे पाकिस्तानी अधिकारियों तक पहुँचते हैं। फोन कॉल्स, फंड ट्रांसफर के रिकॉर्ड, और गिरफ्तार आतंकियों के बयान – सब कुछ मिलाकर तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाती है।
अब तक क्या पता चला है?
रॉ और एनआईए की संयुक्त जांच ने जो खोज निकाला है, वो सचमुच चौंकाने वाला है। पता चला है कि पाकिस्तानी नेताओं और सेना अफसरों ने इस हमले को अंजाम देने के लिए गुप्त बैठकें की थीं! और तो और, गिरफ्तार आतंकियों ने भी माना है कि ISI और LeT ने मिलकर ये पूरा ऑपरेशन प्लान किया था। इतने सारे सबूतों के बाद भारत ने UN में पाकिस्तान को घेर लिया है। अब तो पूरी दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान की असली मंशा क्या है।
किसकी क्या प्रतिक्रिया?
भारत सरकार का रुख बिल्कुल सख्त है। गृह मंत्री जी ने तो साफ-साफ कह दिया – “ये साबित करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पालनहार है।” वहीं पाकिस्तान? उनका तो पुराना रिकॉर्ड है – सारे आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया। लेकिन सबसे दुखद तो उन परिवारों की बात है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। एक शोकाकुल परिजन का कहना था – “हमें न्याय चाहिए। दुनिया को देखना चाहिए कि कैसे पूरा का पूरा देश आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।” सच कहूँ तो, इनकी पीड़ा समझ से परे है।
अब आगे क्या?
देखिए, इस खुलासे के बाद तो भारत-पाकिस्तान रिश्तों में नया तनाव तय है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है। सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ सकती है। कुछ एक्सपर्ट्स तो Surgical Strike जैसी कार्रवाई की भी संभावना जता रहे हैं। और हाँ, इस हमले में शामिल संगठनों और लोगों पर प्रतिबंध तो लगेंगे ही।
अंत में बस इतना कहूँगा – ये खुलासा सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव नहीं बढ़ाएगा, बल्कि पूरी दुनिया के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर देगा। सवाल आतंकवाद से निपटने की वैश्विक रणनीति का। अब देखना ये है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है। और सबसे बड़ा सवाल – क्या पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी? वक्त बताएगा।
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पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ? – कुछ सवाल जो दिमाग में घूम रहे हैं
पहलगाम हमले में पाकिस्तानी नेताओं और सेना प्रमुख का क्या रोल था?
अब यहाँ सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ आतंकियों का काम था या उन्हें पीछे से कोई सपोर्ट मिल रहा था? इंटेलिजेंस की मानें तो, पाकिस्तानी नेताओं और सेना प्रमुख के फिंगरप्रिंट्स इस पूरे हमले पर मिले हैं। असल में, यह कोई आम हमला नहीं था – बल्कि एक पूरी तरह से प्लान की गई वारदात, जिसमें पाकिस्तानी एजेंसियों का हाथ होना लगभग कन्फर्म है। और ये बात अब सिर्फ हम नहीं कह रहे, सबूत भी सामने आ रहे हैं।
इंटेलिजेंस एजेंसियों ने क्या बड़ा खुलासा किया है?
देखिए, अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ अटकलें हैं तो जरा रुकिए। हमारी इंटेलिजेंस टीम्स ने जो डिटेल्स शेयर की हैं, वो किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं। पाकिस्तानी आर्मी और ISI का कनेक्शन? हाँ, बिल्कुल। और सिर्फ इतना ही नहीं – उनके पास कुछ ऐसे डॉक्यूमेंट्स और कम्युनिकेशन प्रूफ्स भी हैं जो इस कहानी को पूरी तरह सपोर्ट करते हैं। सच कहूँ तो, अब तो ये साफ हो चुका है कि ये हमला किसी ‘लोन वुल्फ’ का काम नहीं था।
भारत सरकार ने इस हमले पर क्या रिएक्शन दिया है?
तो अब सवाल यह कि हमारी सरकार ने इस पर क्या कदम उठाए? देखा जाए तो इस बार रिएक्शन काफी स्ट्रॉन्ग रहा। MEA ने जो स्टेटमेंट जारी किया, वो साफ-साफ पाकिस्तान को निशाने पर लेता है। और सिर्फ यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी से भी एक्शन की माँग की गई है। एक तरह से कहें तो, इस बार हमने सीधे-सीधे पाकिस्तान को कोर्नर किया है।
क्या इस हमले का कोई link पुलवामा अटैक से है?
अच्छा सवाल! क्योंकि जब आप दोनों हमलों को करीब से देखते हैं, तो पैटर्न एक जैसा लगता है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स भी यही कहती हैं – दोनों हमले पाकिस्तान-बेस्ड आतंकी ग्रुप्स के ही हैं। मोडस ऑपरेंडी? लगभग वही। टारगेट? वही। और पीछे खड़ा हाथ? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। सच तो यह है कि ये कोई नई बात नहीं, बस तरीका थोड़ा बदला हुआ है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com