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PAK में तख्तापलट की आशंका! क्या आसिम मुनीर ने राष्ट्रपति जरदारी और PM शहबाज को हटाने की साजिश रची?

पाकिस्तान में फिर से सेना का खेल? क्या जनरल आसिम मुनीर, जरदारी और शहबाज को हटाने की तैयारी में हैं?

अरे भाई, पाकिस्तान की राजनीति तो वैसे भी कभी बोरिंग होती ही नहीं! अभी कल की ही बात है, मैं अखबार पढ़ रहा था और लगा जैसे कोई राजनीतिक थ्रिलर का नया सीजन शुरू होने वाला है। सूत्रों का कहना है कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने राष्ट्रपति जरदारी और PM शहबाज शरीफ को हटाने की प्लानिंग शुरू कर दी है। सच कहूं तो ये खबर इतनी नई भी नहीं – पाकिस्तान में तो ये सेना का रुटीन सा हो गया है न? लेकिन इस बार मामला और भी मजेदार हो गया है, क्योंकि PPP के बिलावल भुट्टो ने अचानक हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भारत के हवाले करने की बात कह दी! सुनकर लगा जैसे किसी ने राजनीति के चूल्हे में घी डाल दिया हो।

यार, सेना का दखल तो वहां रोटी-सब्जी जैसा है!

देखिए न, पाकिस्तान में सेना का राजनीति में कूदना कोई नई बात तो है नहीं। मेरे हिसाब से तो वहां के बच्चे भी पहले यही सीखते होंगे – “A for Army, B for Bureaucracy…” वैसे जनरल मुनीर को तो लोग ‘नॉन-नॉनसेंस’ लीडर मानते हैं। पर अब जरदारी साहब के साथ उनकी नहीं बन रही, ये साफ दिख रहा है। और फिर बिलावल ने तो बैठे-बिठाए पूरा खेल ही बिगाड़ दिया। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर सवाल उठने लगे हैं। मजे की बात ये कि ये सब हो रहा है तब, जब देश की आर्थिक हालत पहले से ही ICU में है!

अरे वाह! गठबंधन में दरार और सेना की ‘असामान्य’ मीटिंग्स

अब तो स्थिति ये है कि PML-N और PPP के बीच गठबंधन भी डगमगाने लगा है। और इसी बीच जनरल मुनीर जी क्या कर रहे हैं? वो तो जैसे किसी फिल्म के हीरो की तरह एक के बाद एक मीटिंग्स अटेंड कर रहे हैं। राजनीतिक एक्सपर्ट्स इसे ‘असामान्य’ बता रहे हैं – मतलब साफ है न? सुनने में आ रहा है कि सेना कुछ “Council of National Interest” बनाने की प्लानिंग कर रही है। ये तो वैसा ही हुआ जैसे कोई टीचर स्टूडेंट्स की कॉपी चेक करने बैठ जाए! संवैधानिक तौर पर तो ये पूरा मामला ही ग्रे एरिया में है, लेकिन सेना का रुतबा बढ़ता जा रहा है – ये साफ दिख रहा है।

सरकार का ‘अफवाह’ वाला जवाब और इमरान खान की चेतावनी

सरकार ने तो इन सभी खबरों को ‘अफवाह’ बताकर खारिज कर दिया है। अरे भई, हो सकता है ये सच में अफवाह हो… पर क्या आपको लगता है कि पाकिस्तान में ऐसी अफवाहें बिना किसी आधार के उठती हैं? वहीं दूसरी तरफ इमरान खान साहब ने तो सीधे चेतावनी दे डाली – “सेना और सरकार की लड़ाई देश के लिए खतरनाक हो सकती है।” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और अमेरिका अभी चुप हैं, पर उनकी नजरें तो जरूर इस पर होंगी। आखिरकार, पड़ोसी का दुख देखकर कौन खुश नहीं होता? (मजाक कर रहा हूं!)

अब आगे क्या? मेरी दो पैसे की राय

अगर सेना ने सीधी कार्रवाई की तो… बस फिर तो मार्शल लॉ वाला पुराना गाना फिर से शुरू हो जाएगा। बिलावल के बयान के बाद तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मुश्किलें हो सकती हैं। और सबसे बड़ी बात – जो अर्थव्यवस्था पहले से ही लुढ़क रही है, उसे और धक्का लगेगा। मेरे हिसाब से तो अगले कुछ दिनों में या तो बड़ा झटका आएगा, या फिर सब कुछ शांत हो जाएगा… पर पाकिस्तान में शांति? हंसी आती है यार!

आखिरी बात: पाकिस्तान की ये राजनीतिक उथल-पुथल तो जैसे सास-बहू के सीरियल से भी ज्यादा मजेदार है। सेना और सरकार की इस टकराहट में देश का भविष्य दांव पर लगा है। और हम? हम तो बस पॉपकॉर्न लेकर बैठे हैं – देखते हैं आगे क्या होता है!

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पाकिस्तान में फिर से सैन्य तख्तापलट की चर्चा है, और ये बात किसी को भी हैरान नहीं करती। सच कहूं तो, यहां तो ये मामला ‘दोहराया गया इतिहास’ जैसा लगता है। असल में, आसिम मुनीर का नाम सामने आते ही सवाल खड़े हो जाते हैं – क्या ये सच में कुछ बड़ा होने वाला है, या फिर ये सिर्फ वही पुराना ‘पावर गेम’ है जिसमें सब अपने-अपने हिस्से की रोटी सेक रहे हैं?

देखा जाए तो पाकिस्तान की राजनीति में सेना का दखल कोई नई बात नहीं। लेकिन इस बार? हालात थोड़े अलग लगते हैं। तनाव इतना गहरा है कि अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल हो रहा है – क्या ये सब सच में तख्तापलट की ओर जाएगा, या फिर ये सिर्फ एक और ‘मीडिया सर्कस’ है?

एक तरफ तो लगता है कि स्थिति गंभीर है, वहीं दूसरी तरफ… शायद ये सब कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा हो। पर सच तो ये है कि पाकिस्तान का भविष्य अभी भी उसी अनिश्चितता के साये में है। और हम? हमारे लिए तो बस यही कहना बाकी रह जाता है – ‘वक्त ही बताएगा।’

क्या आपको नहीं लगता कि ये सब कुछ बहुत ज्यादा परिचित लग रहा है? जैसे कोई पुरानी फिल्म जिसे बार-बार दिखाया जा रहा हो। सच में।

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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