पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर का कश्मीर पर भड़काऊ बयान – क्या इस बार फिर होगा बालाकोट जैसा एक्शन?

पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर का कश्मीर पर बयान: क्या फिर से बालाकोट जैसी एक्शन होगी?

अरे भाई, पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख और अब फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने फिर से कश्मीर को लेकर ऐसा बयान दे दिया जिससे भारत-पाक के बीच का तनाव और बढ़ गया है। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “जगुलर वेन” बताया – यानी गले की नस। और फिर भावुक होकर कहा, “कश्मीर हमारी शिराओं से जुड़ा है।” सुनकर लगता है जैसे कोई फिल्मी डायलॉग बोल रहे हों, है न? लेकिन असल में यह बयान बहुत गंभीर है। सवाल यह है कि क्या यह फिर से बालाकोट जैसी सैन्य कार्रवाई को जन्म देगा? ईमानदारी से कहूं तो, स्थिति चिंताजनक है।

जख्मों को फिर से हरा करता बयान

देखिए, कश्मीर का मसला तो 1947 से ही दोनों देशों के बीच रहा है। लेकिन 2019 में जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया, तब से यह मुद्दा और भी नाजुक हो गया। पाकिस्तान तो हर मंच पर इसे उठाता ही रहता है। याद है न 2019 का पुलवामा हमला और उसके बाद भारत की बालाकोट एयर स्ट्राइक? अब असीम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के रिश्ते पहले से ही खराब चल रहे हैं। एक तरफ तो पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है, दूसरी तरफ यह सब। समझ नहीं आता कि इनका मकसद क्या है।

भारत में गुस्सा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

मुनीर के इस बयान पर भारत में क्या रिएक्शन हुआ? सीधे शब्दों में कहूं तो – आग। हालांकि भारतीय सरकार और सेना ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। पाकिस्तानी मीडिया तो इसे बड़े जोश से कवर कर रहा है, वहीं भारतीय मीडिया इसे “भड़काऊ” और “बेहद अशोभनीय” बता रहा है। कुछ चैनल्स तो इसे पाकिस्तान की उसी पुरानी मानसिकता का प्रतीक बता रहे हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है। सच कहूं तो, यह कोई नई बात नहीं है।

एक्सपर्ट्स की राय: असल में चल क्या रहा है?

अब सवाल यह है कि आखिर मुनीर का यह बयान देने का मकसद क्या है? भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश है। कुछ लोग इसे पाकिस्तान की घरेलू राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं। वहां सेना हमेशा से कश्मीर को भावनात्मक मुद्दा बनाकर अपनी प्रासंगिकता साबित करती आई है। और हैरानी की बात यह कि पाकिस्तान के राजनीतिक दल भी इस बयान का समर्थन कर रहे हैं। “कश्मीर पाकिस्तान की रगों में बसता है” जैसे बयान देकर। क्या यह सब सिर्फ अपने लोगों को खुश करने का नाटक है? शायद।

आगे क्या होगा? क्या फिर से कोई सैन्य एक्शन?

तो अब सवाल यह उठता है कि भारत इस पर क्या करेगा? विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के पास दो रास्ते हैं – या तो कूटनीतिक स्तर पर जवाब दें, या फिर सैन्य कार्रवाई का विकल्प चुनें। अगर पाकिस्तान कश्मीर में कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करता है, तो भारत बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक पर विचार कर सकता है। पर अभी तक स्थिति इतनी गंभीर नहीं हुई है। शायद भारत पहले राजनयिक स्तर पर ही प्रतिक्रिया देगा।

इस पूरे मामले से एक बात तो साफ है – कश्मीर हमेशा से भारत-पाक रिश्तों में एक गर्म तवा रहा है। और असीम मुनीर जैसे बड़े अधिकारियों के बयान इसे और भी जटिल बना देते हैं। अब देखना यह है कि पाकिस्तान इस बयान के बाद कोई असली कार्रवाई करता है या यह सिर्फ भावनाएं भड़काने तक ही सीमित रहता है। एक बात तो तय है – भारत इस बार भी चुप नहीं बैठेगा। कब और कैसे जवाब देगा, यही अब देखना बाकी है।

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पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर का कश्मीर वाला बयान – असली मामला क्या है?

1. असीम मुनीर ने कश्मीर को लेकर क्या कहा, और इतना हंगामा क्यों?

देखिए, मामला यह है कि पाकिस्तानी फील्ड मार्शल ने कश्मीर को “unfinished agenda of partition” बताकर एकदम aggressive tone अपना लिया। सच कहूं तो, यह कोई नई बात नहीं – पाकिस्तान तो अक्सर ऐसी ही बयानबाजी करता रहता है। लेकिन इस बार बात थोड़ी ज्यादा ही heated हो गई। क्यों? क्योंकि यह सीधे-सीधे भारत को provoke करने वाली भाषा थी। और हम सब जानते हैं कि जब ये लोग ऐसा करते हैं, तो LOC पर क्या होता है!

2. क्या इस बयान के बाद भारत फिर से बालाकोट जैसा एक्शन ले सकता है?

अरे भई, सीधा जवाब तो कोई नहीं दे सकता। Official तौर पर तो अभी कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन सच पूछो तो… 2019 के बाद से भारत की policy ही clear है – हर provocation का मुंहतोड़ जवाब। Experts क्या कहते हैं? वो तो यही मानते हैं कि अगर पाकिस्तान कोई direct action लेता है, तो जवाब जरूर मिलेगा। पर बालाकोट जैसा कुछ होगा या नहीं? यह तो पूरी तरह situation पर depend करेगा। एक तरफ तो…

3. यह बयान कश्मीर में क्या असर दिखा सकता है?

सुनिए, ऐसे बयानों का असर तो होता ही है। कश्मीर में स्थिति पहले से ही कितनी sensitive है, यह तो सबको पता है। LOC पर ceasefire violations बढ़ सकती हैं – और अगर बढ़ीं, तो हैरानी की कोई बात नहीं। Terrorist activities में भी उछाल आ सकता है। खैर, हमारे सुरक्षा बलों को तो इसकी आदत सी हो गई है – वे पहले से ही high alert पर हैं। पर सवाल यह है कि कब तक?

4. अंतरराष्ट्रीय community ने इस पर क्या कहा?

ईमानदारी से कहूं तो… ज्यादा कुछ नहीं! UN या बड़ी ताकतों की तरफ से अभी तक कोई official statement नहीं आया है। हालांकि, international media वालों ने इसे जरूर उठाया है। कुछ ने इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते tension का संकेत बताया है। पर सच तो यह है कि अब इन्हें भी हमारे यहां के मामलों की आदत सी हो गई है। क्या आपको नहीं लगता?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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