पाकिस्तान की प्रॉक्सी वॉर चुनौती: क्या भारत तैयार है?
ये सच है कि पाकिस्तान Proxy War के जरिए भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। पर सवाल यह है – क्या हम इस नए अंदाज़ में लड़ी जा रही जंग के लिए तैयार हैं? असल में, ये कोई सामने-सामने की लड़ाई नहीं है। ये तो वो खेल है जहां दुश्मन पीछे से तीर चलाता है और सामने आता ही नहीं। हाल के कुछ सालों में पुलवामा, उरी जैसे हमलों ने दिखा दिया है कि ये खतरा कितना गंभीर है। और अब तो साइबर वॉर भी इसमें जुड़ गया है। सच कहूं तो, ये हमारी सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
इतिहास से सबक: पाकिस्तान की ‘छुप-छुप के मार’ की रणनीति
देखिए, ये कोई नई बात नहीं है। 1947 से ही पाकिस्तान Proxy War लड़ रहा है। क्यों? क्योंकि उन्हें पता है सीधे युद्ध में हमसे पिटना तय है। तो उन्होंने आतंकवादी गुटों को हथियार बना लिया। एक तरफ तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिकायत करते हैं, दूसरी तरफ आतंकियों को पैसा और हथियार देने से बाज़ नहीं आते। FATF की Grey List में होने के बावजूद! है न मजेदार बात? हमारे लिए ये समझना जरूरी है कि ये लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि दिमागी स्तर पर भी लड़ी जा रही है।
आज की स्थिति: नए ज़माने के नए खतरे
अब तो खतरा और भी बढ़ गया है। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें तो हैं ही, अब साइबर अटैक भी बढ़ रहे हैं। कल्पना कीजिए – एक तरफ सीमा पर जवान लड़ रहे हैं, दूसरी तरफ कुछ पाकिस्तानी हैकर्स हमारे बैंकिंग सिस्टम या पावर ग्रिड को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं। ये नया युद्धक्षेत्र है जहां बंदूकें नहीं, कीबोर्ड हथियार बन गए हैं। खुफिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि आतंकी गुटों को अब और भी सोफिस्टिकेटेड हथियार मिल रहे हैं। स्थिति गंभीर है, इसे हल्के में लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
हमारी तैयारी: क्या काफी है?
सेना तो हमेशा अलर्ट रहती है, ये तो ठीक है। पर क्या सिर्फ सैन्य तैयारी काफी है? मेरी नजर में नहीं। हमें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करना होगा। वैसे भी, आजकल तो युद्ध के नियम बदल गए हैं। सरकार कह रही है कि पाकिस्तान शांति की पहलों को नजरअंदाज कर रहा है। सच तो ये है कि हमें एक संपूर्ण रणनीति की जरूरत है – जिसमें सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ तकनीकी और कूटनीतिक पहलू भी शामिल हों।
आगे का रास्ता: क्या करना चाहिए?
तो फिर समाधान क्या है? मेरे हिसाब से तीन चीजें जरूरी हैं:
1. सीमा सुरक्षा को और टाइट करना – ड्रोन्स, सेंसर्स, स्मार्ट फेंसिंग जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
2. साइबर डिफेंस को अपग्रेड करना – क्योंकि अगला युद्ध साइबर स्पेस में भी लड़ा जाएगा
3. अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना – अमेरिका, UN जैसे मंचों पर पाकिस्तान को घेरना
सबसे बड़ी बात – हमें रिएक्टिव नहीं, प्रोएक्टिव होना होगा। यानी हमला होने का इंतज़ार न करें, बल्कि उसे रोकने की तैयारी करें।
अंतिम बात: ये सिर्फ बॉर्डर की लड़ाई नहीं
दोस्तों, ये लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं लड़ी जा रही। ये हमारी सूझ-बूझ, हमारी तकनीकी क्षमता और हमारी कूटनीतिक चतुराई की भी परीक्षा है। समय रहते अगर हमने सही कदम नहीं उठाए, तो आने वाले वक्त में ये समस्या और भी बड़ी हो सकती है। एक बात याद रखिए – आज का युद्ध बंदूकों से ज्यादा दिमाग से लड़ा जाता है। और इस मामले में हमें पाकिस्तान से कहीं आगे होना होगा। सच में।
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com