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पाकिस्तान ने चीन से J-35A स्टील्थ फाइटर जेट खरीदना क्यों रोका? असली वजह और भारत का डर!

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पाकिस्तान ने चीन से J-35A स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने से क्यों मना कर दिया? असली वजह और भारत की चिंता!

देखिए, ये खबर तो कुछ दिनों से चर्चा में है – पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने साफ-साफ कह दिया कि वो चीन से J-35A स्टील्थ फाइटर जेट नहीं खरीदेंगे। अब सवाल यह है कि जब चीन ने उन्हें ये एडवांस्ड जेट खरीदने का लुभावना ऑफर दिया था, तो पाकिस्तान ने इनकार क्यों किया? और हां, इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा? चलिए समझते हैं…

J-35A और पाक-चीन की ‘दोस्ती’ का सच

J-35A चीन का दमदार 5वीं जनरेशन का स्टील्थ फाइटर है जो अमेरिकी F-35 को टक्कर देने के लिए बनाया गया है। सच कहूं तो ये जेट हवा में दबदबा कायम करने और ग्राउंड अटैक के लिए बेहतरीन माना जाता है। अब पाकिस्तान तो चीन का पुराना ‘यार’ है न – JF-17 थंडर जैसे प्रोजेक्ट्स तो उन्होंने मिलकर ही बनाए हैं। चीन ने पाकिस्तान को ये जेट देने की पेशकश भी की थी जिससे पाकिस्तानी एयरफोर्स की ताकत बढ़ सकती थी। लेकिन…अचानक ना क्यों?

पाकिस्तान के ‘ना’ के पीछे की असली वजह

ख्वाजा आसिफ ने तो साफ कह दिया कि J-35A खरीदने का कोई प्लान नहीं है। पर सच्चाई क्या है? असल में दो बड़ी वजहें हैं – पहली तो पाकिस्तान की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था (जो हम सब जानते हैं), और दूसरी…तकनीकी कमजोरी! हैरानी की बात ये कि चीन ने सिर्फ जेट ही नहीं, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का भी ऑफर दिया था। लेकिन पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि उनके पास इतने एडवांस्ड जेट को मेंटेन करने की क्षमता ही नहीं है। यानी खरीद भी लेते तो संभाल नहीं पाते। अफसोसनाक, है न?

भारत के लिए क्या मायने हैं?

भारत तो लंबे समय से पाकिस्तान-चीन की इस ‘दोस्ती’ पर नजर गड़ाए बैठा था। अगर पाकिस्तान J-35A ले लेता, तो भारत के लिए ये बड़ी सुरक्षा चुनौती बन जाता। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने इसे एक तरह से राहत भरा फैसला बताया है। हालांकि, वो ये भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान भविष्य में इस डील पर फिर से गौर कर सकता है। थोड़ी सी चिंता तो बनी हुई है, आप समझ सकते हैं।

अब आगे क्या?

तो अब पाकिस्तान क्या करेगा? जाहिर है, वो अपनी एयरफोर्स को मॉडर्नाइज करने के दूसरे रास्ते तलाशेगा। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि वो अपने JF-17 प्रोग्राम पर ही फोकस करेगा। चीन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन ये तय है कि ये फैसला दक्षिण एशिया के पूरे पावर इक्वेशन को बदल देगा। दिलचस्प होगा देखना!

तो समझ आ गया न? पाकिस्तान की आर्थिक और तकनीकी कमजोरियां उसे बड़े डिफेंस डील्स से रोक रही हैं। और भारत के लिए? थोड़ी राहत की स्थिति तो है ही। पर फिलहाल…इंतजार कीजिए, आगे क्या होता है!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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