पप्पू यादव ने लोकसभा में मचा दिया तूफान! सरकार से पूछे सीधे सवाल – “पहलगाम हमले के बाद आपकी सुरक्षा नीतियाँ कहाँ गुम हो गईं?”
अरे भाई, आज तो लोकसभा में ऐसा धमाल हुआ कि पूरे राजनीतिक गलियारे हिल गए। पप्पू यादव, जो आमतौर पर शांत रहते हैं, आज मानो बरसात के मौसम में बिजली की तरह चमके! उन्होंने सीधे सरकार के गले पड़ते हुए पहलगाम हमले और पाकिस्तान को मिल रही China-America की सैन्य मदद पर ऐसे सवाल दागे कि मंत्री जी पसीने-पसीने हो गए। सच कहूँ तो, इस मॉनसून सत्र में इतना spicy debate तो शायद ही कभी देखने को मिला हो!
पहलगाम से पेंटागन तक – एक ऐसा कनेक्शन जिसने बढ़ाई चिंताएँ
देखिए न, बात तो पहलगाम में हुए उस दर्दनाक हमले से शुरू होती है, जहाँ हमारे कई जवान शहीद हो गए। पर असली मसला तो यह है कि उधर पाकिस्तान को China और America से जो military hardware मिल रहा है, वो हमारे लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है? मैं तो यही सोच रहा हूँ – क्या हमारी agencies को इसकी भनक तक नहीं थी? पप्पू साहब तो लंबे समय से army के modernization की बात करते आए हैं… शायद उनकी बात में दम था!
संसद की कार्यवाही: जब पप्पू यादव बने ‘ह्यूमन ड्रिल मशीन’
आज का वह मंजर देखने लायक था जब पप्पू यादव ने राजनाथ सिंह से सीधे पूछा – “माननीय मंत्री जी, जब पाकिस्तान नए-नए हथियार ले रहा है, तो हमारे जवानों के हाथ में अभी भी पुराने इंसास राइफल्स क्यों?” सच कहूँ तो, सदन में सन्नाटा छा गया। हालाँकि मंत्री जी ने जवाब में कहा कि हम पूरी तरह तैयार हैं… पर क्या वाकई? यह सवाल तो अब हर नागरिक के मन में उठ रहा है।
राजनीति का खेल: जब सुरक्षा मुद्दा बना ‘पिंग पोंग बॉल’
अब तो मामला और भी मजेदार हो गया। एक तरफ Congress और दूसरे opposition दल पप्पू यादव के साथ खड़े दिखे, तो वहीं BJP वालों ने उन पर ‘देश की image खराब करने’ का आरोप लगा दिया। पर सच तो यह है कि security experts भी मानते हैं कि पाकिस्तान को मिल रही यह military aid चिंता का विषय जरूर है। पर क्या हम वाकई कमजोर हैं? मेरा मानना है – नहीं, बिल्कुल नहीं। लेकिन सतर्कता तो बरतनी ही होगी!
अब आगे क्या? सवालों के जवाब या फिर नए सवाल?
तो अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार आगे क्या कदम उठाती है। क्या parliamentary committee में यह मामला उठेगा? क्या कश्मीर में हमारी counter-terrorism strategies में बदलाव आएगा? एक बात तो तय है – यह बहस अब सिर्फ संसद तक सीमित नहीं रहने वाली। चाय की दुकान से लेकर social media तक, हर जगह इसकी चर्चा होगी।
अंत में बस इतना कहूँगा – देश की सुरक्षा कोई मजाक नहीं है। पप्पू यादव ने जो सवाल उठाए हैं, वो किसी एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए जरूरी हैं। अब देखना यह है कि सरकार इन सवालों को गंभीरता से लेती है या फिर यह मामला भी ‘जय-जयकार’ में दबकर रह जाता है। क्या सोचते हैं आप?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com