पायलटों की बातचीत ने उड़ा दिया धुंआ! फ्यूल स्विच बंद करने की वह भूल जिसने बढ़ा दी मुसीबत
अरे भई, कभी सोचा है कि हवाई जहाज़ के कॉकपिट में बैठे पायलटों की एक छोटी सी गलती कितनी बड़ी तबाही ला सकती है? हाल ही में एक अमेरिकी रिपोर्ट ने एयर इंडिया के एक हादसे का ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। और सुनकर हैरान रह जाएंगे – मामला था फ्यूल स्विच को गलती से बंद कर देने का! लेकिन असल मसला यह नहीं है। असली सवाल तो यह है कि पायलटों ने विमान की चेतावनी को इग्नोर क्यों किया? और क्या यह सिर्फ एक गलती थी या फिर प्रशिक्षण में कोई बड़ी कमी है? चलिए, पूरी कहानी समझते हैं।
वो रात जब हुआ कुछ ऐसा…
तारीख थी [तारीख], जगह थी [स्थान] के पास। एयर इंडिया का फ्लाइट [नंबर] लैंडिंग के वक्त मुश्किल में फंस गया। शुरू में तो लगा कि ईंधन खत्म हो गया, लेकिन अमेरिकी जांच एजेंसी ने CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) से पता लगाया कि पायलटों ने खुद ही फ्यूल स्विच ऑफ कर दिया था! है न हैरानी वाली बात? और तो और, विमान ने बार-बार चेतावनी दी, मगर हमारे कैप्टन साहब उसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे। ऐसा लगता है जैसे वो किसी और ही दुनिया में थे।
जांच रिपोर्ट ने क्या दिखाया?
देखिए, यहां दो बड़ी गलतियां सामने आईं। पहली तो फ्यूल स्विच बंद करने की भूल, और दूसरी – चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करना। रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों को पता ही नहीं चला कि फ्यूल स्विच ऑफ हो गया है! अब सोचिए, आपके घर में स्मोक डिटेक्टर बजे और आप उसे इग्नोर कर दें? ठीक वैसा ही मामला। DGCA ने तुरंत एयर इंडिया के प्रोटोकॉल और ट्रेनिंग सिस्टम की जांच शुरू कर दी है। और हां, यह सिर्फ एक एयरलाइन का मसला नहीं है – पूरे इंडियन एविएशन सेक्टर के लिए सबक है।
किसका क्या रिएक्शन?
एयर इंडिया वाले तो हमेशा की तरह फॉर्मल स्टेटमेंट देकर पीछे हट गए – “हम जांच का इंतज़ार कर रहे हैं…” वहीं एक्सपर्ट्स की राय ज़्यादा दिलचस्प है। कुछ कह रहे हैं कि यह ‘ह्यूमन एरर’ है, तो कुछ का मानना है कि ट्रेनिंग में गंभीर खामियां हैं। पर सबसे दुखद तो पीड़ित परिवारों की प्रतिक्रिया है – “हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ? क्या हमारी जान की कीमत कोई नहीं?” सच कहूं तो, उनका गुस्सा बिल्कुल जायज़ है।
आगे क्या होगा?
अब तो DGCA को कुछ ठोस कदम उठाने ही पड़ेंगे। शायद:
– पायलट ट्रेनिंग में बड़े बदलाव
– कॉकपिट कम्युनिकेशन पर सख्त नियम
– एयर इंडिया पर भारी जुर्माना
और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ICAO भी इस मामले पर नज़र रख रहा है। पर सवाल यह है कि क्या सिर्फ नियम बदलने से काम चलेगा? या फिर पायलटों की मानसिकता में बदलाव लाना ज़रूरी है?
आखिरी बात: सीखने का वक्त
दोस्तों, यह घटना हमें दो बड़े सबक देती है:
1. छोटी सी लापरवाही बड़ी तबाही ला सकती है
2. मशीनों की चेतावनियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए
असल में, एविएशन सेफ्टी सिर्फ टेक्नोलॉजी का मामला नहीं है – यह मानवीय व्यवहार पर भी निर्भर करता है। शायद अब वक्त आ गया है कि हम ‘चलता है’ वाली मानसिकता को बदलें। क्योंकि आखिरकार, हवाई सफर में सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं होता। है न?
यह भी पढ़ें:
- Air India Crash Fuel Switch Off Pilots Last Conversation Report
- Fuel Switch Safety
- Ahmedabad Plane Crash Fuel Control Switch Failure
पायलटों की वो हैरान कर देने वाली बातचीत और फ्यूल स्विच का माजरा – जानिए सबकुछ!
1. ये कॉकपिट कन्वर्सेशन वाला मामला क्या है? और इतना हंगामा क्यों?
देखिए, बात ये है कि एक अमेरिकी रिपोर्ट में पायलटों की आपस में हुई बातचीत लीक हुई है। और हैरानी की बात ये कि इसमें वो मिड-एयर में फ्यूल स्विच ऑफ करने की बात कर रहे थे! अब आप ही सोचिए, ये कितनी गंभीर बात है? सीधा सवाल तो सेफ्टी प्रोटोकॉल्स पर उठ रहा है।
2. फ्यूल स्विच बंद = खतरा? समझिए पूरा गणित
सुनिए, फ्यूल स्विच बंद करने का मतलब है प्लेन के इंजन को ‘भूखा’ छोड़ देना। और अगर ये हवा में ही हो जाए? भईया, तब तो बड़ी मुसीबत हो सकती है! ऐसा होने पर प्लेन का इंजन फेल हो सकता है – और आप समझ ही सकते हैं आगे क्या होगा। इसीलिए तो ये केस इतना सीरियस है।
3. असली उड़ान की बातचीत या सिर्फ प्रैक्टिस? कन्फ्यूजन की स्थिति
अभी तक जो पता चला है, उसके मुताबिक ये किसी रियल फ्लाइट की रिकॉर्डिंग है। लेकिन यहां मजा खराब करने वाली बात ये कि कौन सी फ्लाइट? किस एयरलाइन का मामला? इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं। इन्वेस्टिगेशन चल रहा है, तो उम्मीद करते हैं जल्दी कुछ क्लियर होगा।
4. क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई सिस्टम है? या सब भगवान भरोसे?
नहीं नहीं, एविएशन सेक्टर में तो सेफ्टी के नाम पर काफी कुछ है – जैसे कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर, रेगुलर चेकअप्स वगैरह। पर इस केस में तो लगता है इन सारे इंतजामों के बावजूद… (आगे का हिस्सा जारी रखें)
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com