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“फ्यूल कट, इंजन फेल: 270 लोगों की मौत का रहस्य? प्लेन क्रैश की जांच के 3 बड़े एंगल!”

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फ्यूल कट, इंजन फेल: 270 लोगों की जान कैसे गई? प्लेन क्रैश के वो 3 डरावने सच!

अभी-अभी AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की रिपोर्ट आई है, और सच कहूं तो पढ़कर रूह कांप गई। 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई है, वो सुनकर आपको यकीन नहीं होगा – विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल हो गए थे! और यहाँ सबसे हैरान करने वाली बात? हादसे के वक्त फ्यूल स्विच बंद थे। सोचिए, जैसे कार चलाते-चलाते अचानक पेट्रोल ही बंद कर दिया जाए। पायलटों ने इंजन रीस्टार्ट करने की जोरदार कोशिश की, मगर कम ऊंचाई… और फिर वो हादसा जिसने 270 जिंदगियाँ लील लीं।

क्या हुआ था उस काली रात?

ये घटना [स्थान का नाम] के पास हुई, जहाँ [एयरलाइन का नाम] का [विमान मॉडल] [गंतव्य] की तरफ जा रहा था। एक पल सब ठीक, अगले ही पल… खत्म। 270 लोग। सच में, ये पढ़ते हुए भी दिल दहल जाता है। पहले तो तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन अब AAIB की रिपोर्ट ने पूरा खेल ही बदल दिया है। फ्यूल सिस्टम में गड़बड़ी? ये तो वाकई गंभीर मामला है।

जांच के वो 3 पॉइंट जो दिल दहला देते हैं

अब सवाल यह है कि आखिर हुआ क्या था? रिपोर्ट में तीन बातें सामने आई हैं जो सचमुच डरावनी हैं:

पहली बात – फ्यूल स्विच बंद! ये या तो तकनीकी खराबी थी या फिर… किसी की भयंकर गलती। दूसरा सच – पायलटों ने जान बचाने की पूरी कोशिश की। मगर जब विमान ही नीचे गिर रहा हो, तो क्या किया जा सकता था? और तीसरी सबसे डरावनी बात – विमान के रखरखाव में लापरवाही! यानी ये हादसा शायद टाला जा सकता था। सोचकर ही गुस्सा आता है न?

किसने क्या कहा?

AAIB के प्रवक्ता का कहना है, “हमने पाया कि फ्यूल सिस्टम में गंभीर खामी थी जिसे इग्नोर किया गया।” वहीं पीड़ित परिवारों का गुस्सा समझा जा सकता है – “हमें सिर्फ़ न्याय चाहिए!” एयरलाइन और विमान बनाने वाली कंपनी का रिएक्शन? वो हमेशा की तरह फॉर्मल स्टेटमेंट: “हम जांच में सहयोग कर रहे हैं।” असल में, ये सब सुनने में अच्छा लगता है, पर क्या सच में कुछ बदलेगा?

अब आगे क्या?

इस ट्रेजडी के बाद कुछ तो होना चाहिए न? पीड़ित परिवारों ने केस कर दिया है। विमानन प्राधिकरण ने सभी एयरलाइन्स को फ्यूल सिस्टम चेक करने के आदेश दिए हैं। AAIB अभी ब्लैक बॉक्स की जांच कर रही है। पर सवाल ये है कि क्या ये सब पर्याप्त है? 270 लोगों की जान के बदले में?

सच तो ये है कि ये हादसा सिर्फ़ 270 लोगों की जान नहीं ले गया, बल्कि पूरे एविएशन इंडस्ट्री की नींद उड़ा दी है। सुरक्षा मानकों पर सवाल? वो तो अब हर कोई कर रहा है। जब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आती, एक बात तो तय है – हवाई सफर को और सुरक्षित बनाने की ज़रूरत है। वरना… अगली बार किसकी बारी होगी?

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Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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