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“PM मोदी ने शुभांशु से पूछे वो सवाल, जानिए क्या था जवाब? हर देशवासी के मन में है यह सवाल!”

PM मोदी ने शुभांशु से पूछा वो सवाल जो हर भारतीय के दिमाग में था… जानिए क्या था जवाब?

अरे भाई, शनिवार को तो भारत ने इतिहास रच दिया! जब हमारे PM मोदी ने International Space Station (ISS) में मौजूद भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल पर बात की। सच कहूं तो मैं खुद टीवी के सामने बैठा था और गर्व से सीना फूल गया था। और तो और, PM ने जो सवाल पूछा, वो तो हर युवा के दिल की आवाज़ थी।

अब सोच रहे होंगे ये शुभांशु शुक्ला कौन है? देखिए न, ये कोई एक दिन का चमत्कार नहीं है। NASA के साथ काम करते हुए इस भारतीय वैज्ञानिक ने सालों की मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। और अभी तो बस शुरुआत है – ISS पर gravity से लेकर climate change तक पर रिसर्च कर रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे हमारा ‘गगनयान’ मिशन नए सपने दिखा रहा है।

पर असल मजा तो तब आया जब मोदी जी ने दो सवाल पूछे – “अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?” और “युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे?” और भाई, शुभांशु का जवाब सुनकर तो मेरी आंखें ही नम हो गईं! उन्होंने कहा – “भारत मेरे दिल में हमेशा बसा है… और युवा science में आगे बढ़ें।” सच कहूं? ट्विटर पर तो #ShubhanshuShukla ट्रेंड करते देर नहीं लगी।

इसके बाद तो पूरे देश में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला। कुछ लोग इसे ‘ऐतिहासिक’ बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि ये भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का गोल्डन एरा शुरू हो गया है। और सच मानिए, डॉ. राजेश्वरी जैसे experts की बात सुनकर तो लगता है कि अब ISRO और NASA का साथ और मजबूत होगा।

मेरी निजी राय? ये वाकई एक टर्निंग पॉइंट है। अब देखना ये है कि सरकार कैसे इस मौके को educational programs में बदलती है। पर एक बात तो तय है – मोदी और शुभांशु की यह बातचीत हर उस भारतीय के लिए प्रेरणा है जो सितारों को छूने का सपना देखता है। और हमारे देश में ऐसे सपने देखने वालों की कोई कमी तो है नहीं!

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वाह! PM मोदी ने शुभांशु से जो सवाल पूछा, वो सच में किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि हम सभी के दिल की आवाज़ थी। है न? और शुभांशु का जवाब… ईमानदारी से कहूं तो, मुझे लगा जैसे कोई मिर्ची वाला आइसक्रीम खिला दे – थोड़ा तीखा, थोड़ा मीठा, पूरा दमदार!

असल में बात ये है कि ऐसे सवाल हमें झकझोरते हैं। सोचिए न, हर दिन हम ‘देशभक्ति’ की बातें करते हैं, लेकिन क्या वाकई अपनी छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को समझते हैं? मैं तो अक्सर यही सोचता हूं।

तो चलिए, इस बार जब तिरंगा लहराए, हम सिर्फ ‘Jai Hind’ न बोलें। थोड़ा सा action भी लें – चाहे सड़क किनारे कचरा उठाना हो, या किसी जरूरतमंद की मदद करना। छोटी शुरुआत, बड़ा असर। है न?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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