PM मोदी का बड़ा ऐलान: “किसानों के हित? हम किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे!”
आज प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में जो कहा, वो सुनकर तो लगा जैसे सरकार ने किसानों के मुद्दे पर पूरी तरह से अपनी जमीन साफ कर दी है। सीधे-सादे शब्दों में उन्होंने कहा – “चाहे जो हो जाए, किसानों के हितों से समझौता नहीं!” पर सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ शब्द हैं या फिर इनके पीछे कोई ठोस एक्शन प्लान भी है? खासकर तब, जब कृषि कानूनों को लेकर बहस फिर से गरमा रही है और किसान सड़कों पर उतरने लगे हैं।
पूरा मामला समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं
याद कीजिए 2020-21 का वो बड़ा किसान आंदोलन? जब तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल दिया था। सरकार को झुकना पड़ा और कानून वापस लेने पड़े। लेकिन कहानी वहीं खत्म नहीं हुई। अब MSP की गारंटी, कर्जमाफी जैसे मुद्दों पर फिर से आवाजें उठ रही हैं। और हाल के महीनों में तो देखा ही होगा – छोटे-बड़े प्रदर्शनों का सिलसिला चल निकला है।
सरकार की चाल… या फिर सच्ची मंशा?
मोदी जी के आज के बयान को इसी नजरिए से देखना चाहिए। बात सिर्फ वादों तक सीमित नहीं है। crop insurance को बेहतर बनाने, सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने और agriculture infrastructure सुधारने की बात हो रही है। लेकिन असल सवाल तो ये है कि क्या ये सब जमीन पर दिखेगा? कृषि मंत्रालय का कहना है कि वो बातचीत के लिए तैयार है… पर क्या इस बार नतीजे अलग होंगे?
कौन क्या बोला? राजनीति का पारा चढ़ा!
अब देखिए इस पर किसने क्या रिएक्ट किया:
– राकेश टिकैत (BKU) का कहना है – “अच्छी शुरुआत, पर MSP की गारंटी नहीं तो सब अधूरा”
– राहुल गांधी तो सीधे हमला करते दिखे – “ये सब चुनावी ड्रामा है!”
– जबकि एक्सपर्ट डॉ. गुलाटी की सलाह है – “relief packages से आगे बढ़कर आय बढ़ाने पर ध्यान दो”
देखा जाए तो हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है। सच तो ये है कि अभी तक कोई भी पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिख रहा।
अब आगे क्या? सबकी नजरें इस पर टिकी हैं
अगले हफ्ते सरकार और किसान नेताओं की बैठक है। अगर कोई हल नहीं निकला तो…? किसान संगठनों ने दिल्ली कूच की धमकी दी है। और 2024 के चुनावों को देखते हुए तो ये मुद्दा और भी गरमा सकता है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि ये आने वाले समय में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
तो कुल मिलाकर? मोदी जी का ये बयान निश्चित रूप से एक बड़ा कदम है। पर सवाल वही है – क्या ये सिर्फ political optics है या फिर वाकई किसानों की जिंदगी में बदलाव लाने की कोई बड़ी योजना है? वक्त ही बताएगा… फिलहाल तो सबकी नजरें अगले कदम पर टिकी हैं।
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com