भारत के लिए ऐतिहासिक दिन! PM मोदी की ‘मन की बात’ LIVE – क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
अरे भाई, आज का दिन तो कुछ खास ही था! वो भी तब, जब PM मोदी ने अपने मशहूर रेडियो शो ‘मन की बात’ में देश को संबोधित किया। पर सच कहूँ तो, इस बार के एपिसोड में कुछ ज्यादा ही स्पाइस था। क्यों? क्योंकि बात चल निकली थी उस ज्वलंत मुद्दे पर – अमेरिका और भारत के बीच चल रहा टैरिफ झगड़ा। और हाँ, टाइमिंग भी क्या कमाल की है! कल ही तो, यानी 9 जुलाई को, अमेरिका की तरफ से मिली उस 90 दिन की छूट खत्म हो रही है। अब अगर दोनों देश हाथ नहीं मिला पाए, तो भारत को 26% टैरिफ का बिल चुकाना पड़ेगा। और यकीन मानिए, इसका असर हमारी जेब पर सीधा पड़ने वाला है।
ये सिलसिला शुरू कैसे हुआ? पूरी कहानी समझिए
देखिए ना, बात तो अप्रैल 2023 की है। उस वक्त अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 56 देशों के सामानों पर टैरिफ लगा दिया। फिर थोड़ी राहत मिली – 90 दिन की। पर अब वो मोहलत भी 9 जुलाई 2023 को खत्म हो रही है। अमेरिका का कहना है कि भारत ने डिजिटल टैक्स और कुछ व्यापार नीतियों के जरिए उनके साथ “गलत खेल” किया है। हालांकि, हमारी सरकार लगातार बातचीत कर रही है, पर अभी तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। सच बताऊँ? मामला काफी उलझा हुआ लग रहा है।
मुख्य अपडेट: PM मोदी ने क्या रखी अपनी बात?
आज ‘मन की बात’ में PM मोदी ने जो कहा, वो साफ था – “हम न्याय चाहते हैं, भीख नहीं!” उन्होंने कहा कि भारत किसी भी एकतरफा फैसले को मानने को तैयार नहीं है। पर यहाँ एक ट्विस्ट है – वाणिज्य मंत्रालय के कुछ सूत्रों का कहना है कि आखिरी वार्ता चल रही है, मगर समझौते की उम्मीद कम ही है। और अगर ऐसा हुआ तो? फिर तो 26% टैरिफ वाली मार पड़ेगी, और सबसे ज्यादा चोट खाएंगे IT, फार्मा और हस्तशिल्प जैसे सेक्टर। ये तो वो इंडस्ट्रीज हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं!
कौन क्या कह रहा है? जानिए सभी पक्षों की राय
इस पूरे मामले पर व्यापार संगठन तो मानो बैठे ही नहीं, उछल पड़े हैं! उनका कहना है कि इससे निर्यात को भारी झटका लगेगा, खासकर छोटे व्यवसायों को। वहीं विपक्ष वाले तो मौके की तलाश में ही थे – उन्होंने सरकार पर अमेरिका के आगे घुटने टेकने का आरोप लगा दिया। पर एक दिलचस्प बात – कुछ आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर समझौता हो जाए, तो लंबे समय में भारत को फायदा ही होगा। क्यों? क्योंकि इससे हमारी वैश्विक साख मजबूत होगी। पर सवाल यह है कि क्या हम शॉर्ट टर्म के नुकसान उठा पाएंगे?
अब आगे क्या? कुछ संभावित परिदृश्य
अब सबकी निगाहें 9 जुलाई पर टिकी हैं। अगर इससे पहले कोई डील नहीं हुई, तो टैरिफ लागू हो जाएगा। और तब? तब सरकार को यूरोप और अफ्रीका जैसे नए बाजारों की तरफ रुख करना पड़ सकता है। हालांकि, बातचीत का दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। पर फिलहाल तो स्थिति कुछ ठंडे बस्ते में ही दिख रही है।
अंत में: ये मामला भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। PM मोदी ने जो बात कही, उससे साफ है कि हम दबाव में फैसले नहीं लेंगे। अब बस इंतज़ार है – देखना यह है कि ये पूरा विवाद किस राह मोड़ लेता है। एक बात तो तय है – अगले कुछ दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है। आपका क्या ख्याल है?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com