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PM मोदी ने घाना के राष्ट्रपति और स्पीकर को चांदी का पर्स-फूलदान भेंट किया | जानें कूटनीतिक उपहारों का महत्व

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PM मोदी ने घाना के राष्ट्रपति को चांदी का पर्स दिया – पर क्यों? कूटनीतिक उपहारों का असली मतलब

अभी-अभी PM मोदी ने घाना में एक दिलचस्प कदम उठाया। उन्होंने राष्ट्रपति महामा, उनकी पत्नी और वहां के Speaker को कुछ खास तोहफे दिए – बिदरी फूलदान, चांदी का purse, कश्मीरी pashmina shawl और हाथी अंबावरी। अब सवाल यह है कि ये सिर्फ तोहफे हैं या इससे कहीं ज़्यादा? असल में, यह भारत की कारीगरी का नमूना तो है ही, साथ ही यह दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करने का एक शानदार तरीका भी है। थोड़ा सोचिए, जब आप किसी को उसकी पसंद की चीज़ देते हैं न, वो खुशी अलग ही होती है। कुछ ऐसा ही यहाँ भी हुआ है।

भारत और घाना: पुराने दोस्त, नए अध्याय

देखा जाए तो हमारा और घाना का रिश्ता बहुत पुराना है। आज़ादी के बाद से ही दोनों देश एक-दूसरे के करीब रहे हैं। पर ये तोहफे सिर्फ परंपरा नहीं हैं – ये एक तरह की भाषा है। जैसे हम अपने दोस्त को उसकी शादी में खास चीज़ देते हैं, वैसे ही देश भी एक-दूसरे को उनकी संस्कृति से जोड़ने वाली चीज़ें देते हैं। मोदी जी की इस यात्रा ने सिर्फ व्यापार की बात नहीं की, बल्कि हमारी कला और हुनर को भी दुनिया के सामने लाया। और हाँ, ये रिश्ते को और मज़बूत करने का एक शानदार तरीका है।

तोहफों में छुपा है भारत का दिल

अब जरा इन तोहफों पर गौर करें – हैदराबाद की बिदरी कला का फूलदान, चांदी का बना हुआ purse (जो कि बेहद खूबसूरत था), कश्मीर की मशहूर pashmina shawl और तमिलनाडु की हाथी अंबावरी। ये सिर्फ चीज़ें नहीं हैं, बल्कि हमारे देश के अलग-अलग कोनों की पहचान हैं। मानो पूरा भारत एक पैकेज में घाना पहुँच गया हो! और सच कहूँ तो, अगर आप किसी को अपनी संस्कृति से जोड़ना चाहते हैं, तो ये उससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है?

दुनिया ने क्या कहा? प्रतिक्रियाएँ

घाना के राष्ट्रपति ने इन तोहफों को बेहद पसंद किया – और हो भी क्यों न! ये सिर्फ चीज़ें नहीं, बल्कि हमारी दोस्ती का प्रतीक हैं। International relations के जानकार तो यही कहते हैं कि ऐसे तोहफे ‘soft power’ का सबसे अच्छा उदाहरण होते हैं। मतलब, बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह देना। और सच मानिए, ये तरीका काम भी करता है।

आगे क्या? भविष्य की संभावनाएँ

ये यात्रा सिर्फ एक फॉर्मेलिटी नहीं थी। इससे दोनों देशों के बीच और भी high-level visits होने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा। और जैसा कि हम सब जानते हैं, जब रिश्ते मजबूत होते हैं, तो हर चीज़ आसान हो जाती है। शायद यही वजह है कि international diplomacy में ऐसे तोहफों का इतना महत्व है।

तो कुल मिलाकर, PM मोदी की यह पहल सिर्फ तोहफे देने तक सीमित नहीं है। यह भारत की संस्कृति को दुनिया के सामने लाने और घाना के साथ रिश्तों को नई ऊर्जा देने का एक शानदार तरीका है। और हाँ, यह हमारी बढ़ती हुई अंतरराष्ट्रीय पहचान को भी दर्शाता है। एकदम ज़बरदस्त पहल, है न?

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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