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पंजाब पुलिस ने ध्वस्त किया बब्बर खालसा आतंकी मॉड्यूल, 3 गिरफ्तार – जुवेनाइल भी शामिल!

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पंजाब पुलिस का बड़ा एक्शन: बब्बर खालसा का आतंकी नेटवर्क ध्वस्त, 3 गिरफ्तार…और हैरानी वाली बात!

अरे भई, पंजाब पुलिस ने आज सच में बड़ा कमाल कर दिया! बब्बर खालसा के नाम से कुख्यात आतंकी गिरोह का एक पूरा मॉड्यूल ही उखाड़ फेंका है। और ये सिर्फ़ कोई रूटीन ऑपरेशन नहीं था – तीन गिरफ्तारियां हुई हैं, जिनमें एक तो नाबालिग भी है। सच कहूं तो ये जानकर दिमाग़ सुन्न हो जाता है कि ये लोग पंजाब में फिर से हिंसा फैलाने की फिराक में थे।

असल में देखा जाए तो बब्बर खालसा का नाम सुनते ही पंजाब के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ये गिरोह पिछले कुछ समय से चुपचाप अपनी जड़ें जमाने में लगा था। पुलिस सूत्रों की मानें तो ये लोग social media के ज़रिए युवाओं को बरगला रहे थे। और हां, ये कोई नई बात नहीं – इन पर तो पहले से ही नज़र थी। पर आज का ऑपरेशन वाकई गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

ऑपरेशन की बात करें तो पुलिस ने अमृतसर और तरनतारन में एक साथ छापे मारे। और यहां सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि नाबालिग के घर से तो…अरे भगवान!…आतंकवादी साहित्य और हथियार भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि ये गिरोह पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में हमले करने की प्लानिंग कर रहा था। अच्छा हुआ समय रहते पकड़े गए।

अब सवाल ये उठता है कि लोग इस पर क्या कह रहे हैं? पुलिस वाले तो खुश हैं – उनका कहना है कि ये राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ी कामयाबी है। वहीं दूसरी तरफ, स्थानीय नेताओं की राय है कि ऐसे गिरोहों के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। पर सबसे दुखद बात? मानवाधिकार वालों का ये कहना कि अब आतंकी बच्चों तक को नहीं छोड़ रहे। सच में डरावना ट्रेंड है ये।

तो अब आगे क्या? फिलहाल तो पुलिस इन गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही है। शायद और नाम सामने आएं। और हां, सरकार भी अब युवाओं को awareness campaigns के ज़रिए समझाने पर ज़ोर देगी। एक तरफ तो ये अच्छी खबर है कि खतरा टल गया, पर दूसरी तरफ…सोचिए, एक बच्चा भी इसमें शामिल था। ये सच में सोचने वाली बात है।

पंजाब पुलिस और बब्बर खालसा मॉड्यूल – सारे जवाब जो आप जानना चाहते हैं

1. पंजाब पुलिस ने बब्बर खालसा मॉड्यूल को कैसे पछाड़ा?

देखिए, ये कोई फिल्म वाला एक्शन सीन नहीं था। पंजाब पुलिस ने महीनों की मेहनत से इस आतंकी मॉड्यूल पर नजर रखी थी। सोचिए तो – इंटेलिजेंस टीम की रिपोर्ट्स, कॉल डिटेल्स, सीक्रेट सोर्सेज… ये सब जुटाने के बाद ही तो उन्होंने एक स्पेशल ऑपरेशन चलाया। और अंत में? तीन आरोपियों को पकड़ा, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था। है न दिलचस्प?

2. गिरफ्तार लोगों पर क्या-क्या केस चल रहे हैं?

अब यहां बात गंभीर हो जाती है। UAPA (वो भी!) और IPC की कुछ धाराएं – यानी सीधे-सीधे आतंकवाद, हथियार रखने और साजिश के आरोप। ईमानदारी से कहूं तो, ये कोई छोटे-मोटे केस नहीं हैं। पुलिस ने जो सबूत जुटाए हैं, वो काफी मजबूत लग रहे हैं।

3. नाबालिग को क्यों पकड़ा? क्या बच्चे पर भी UAPA लगेगा?

ये सवाल वाकई अहम है। सच तो ये है कि उम्र चाहे जो भी हो, अगर कोई आतंकी गतिविधियों में शामिल है तो पुलिस को एक्शन लेना ही पड़ता है। लेकिन हां, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत प्रोसेस अलग होगा। पर एक बात – अगर उसकी भूमिका बड़ी निकली, तो UAPA का डंडा भी गिर सकता है। कड़वा सच, लेकिन सच तो सच है।

4. पुलिस को ये ऑपरेशन करने में कितना वक्त लगा?

अरे भाई, ये कोई फटाफट वाला काम थोड़े ही था! सोचिए – इंटेलिजेंस टीम की रोज-रोज की मॉनिटरिंग, स्पेशल टास्क फोर्स की चुपके-चुपके की गई छानबीन… ये सब करने में हफ्तों लग गए। और तो और, कई बार तो ऐसे केसों में पुलिस को महीनों भी लग जाते हैं। पर इस बार? टाइमिंग परफेक्ट थी। एकदम जबरदस्त प्लानिंग!

Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com

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