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पुतिन-जिनपिंग की दोस्ती से पाकिस्तान को मिलेगा झटका? भारत की ये चाल बदल देगी गेम!

पुतिन-जिनपिंग की दोस्ती अब पाकिस्तान के लिए मुसीबत बन सकती है? भारत ने तो चेस बोर्ड ही बदल दिया!

अरे भई, अंतरराष्ट्रीय राजनीति तो इन दिनों गर्मा रही है न? जैसे कोई सस्पेंस थ्रिलर चल रहा हो। Vladimir Putin और Xi Jinping की बढ़ती दोस्ती ने तो जैसे पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। लेकिन यहाँ हमारा भारत भी कहाँ पीछे रहने वाला? उसने तो एक ऐसी चाल चली है जिसने सबको हैरान कर दिया। सुना है न कि भारत अब रूस के साथ अपने रक्षा सहयोग को और गहरा करने जा रहा है? अब ये चीन-पाकिस्तान वालों की नींद उड़ा देगा, ये तो तय है!

भारत-रूस की दोस्ती: पुरानी है, पर जवान है!

देखो, भारत और रूस का रिश्ता कोई नया नहीं है। सोवियत यूनियन के जमाने से चला आ रहा है ये साथ। याद है न हमें कैसे रूस ने हमेशा हमारी मदद की? अब तो S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और Sukhoi जैसे जबरदस्त विमानों ने इस रिश्ते को और मजबूत बना दिया है। वहीं दूसरी तरफ, चीन और पाकिस्तान वाले CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) के नाम पर क्या-क्या नहीं कर रहे। पर हमारे लिए ये सिर्फ एक economic corridor नहीं, सुरक्षा का सवाल है।

भारत की चाल: एकदम मास्टरस्ट्रोक!

अब ये जो हाल के कुछ घटनाक्रम हुए हैं, इन्हें समझना जरूरी है:

  • भारत ने रूस के साथ नए रक्षा सौदों पर बात शुरू की है – advanced weapon systems और तकनीकी सहयोग की बात चल रही है। बिल्कुल जरूरी कदम!
  • अमेरिका वाले तो कुछ ज्यादा ही झिझक रहे हैं military technologies देने में। तो हमें क्या करना चाहिए? बिल्कुल, रूस पर थोड़ा और भरोसा करना ही तो समझदारी है।
  • सबसे मजेदार बात? रूस अब पाकिस्तान को military aid देने में उतना दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। हमारे लिए तो ये बोनस ही है न?

दुनिया क्या कह रही है?

अब सबकी प्रतिक्रियाएं देखिए न:
– हमारे रक्षा विशेषज्ञ तो खुशी से झूम रहे हैं! कह रहे हैं कि ये कदम न सिर्फ हमारी सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि चीन-पाकिस्तान को साफ संदेश भी देगा।
– चीन वाले तो बड़े संयम से बोले – “भारत को regional stability का ध्यान रखना चाहिए।” हंसी आती है इनकी बातों पर!
– पाकिस्तानी analysts तो डर के मारे कांप रहे हैं। बोल रहे हैं कि अगर रूस ने भारत को और military support दिया तो क्षेत्र में असंतुलन हो जाएगा। अरे भाई, तुम्हारी ही तो बदमाशियों का नतीजा है ये सब!

आगे क्या होगा?

अब तो मजा आने वाला है!
– भारत और रूस नए defense agreements पर दस्तखत कर सकते हैं। हमारी military capabilities तो आसमान छूने वाली हैं!
– चीन-पाकिस्तान वाले अब क्या करेंगे? शायद अमेरिका के पास भागेंगे मदद मांगने। पर वो भी कितना मदद करेगा, ये तो वक्त ही बताएगा।
– सबसे बड़ी बात? भारत अब global politics में बड़ा खिलाड़ी बनता जा रहा है। रूस और अमेरिका दोनों के साथ संतुलन बनाकर चलना… ये तो सच में काबिलेतारीफ है!

एक बात तो तय है – भारत ने अपने strategic interests को लेकर जो चाल चली है, वो न सिर्फ हमें मजबूत करेगी, बल्कि पूरे region की ताकत के समीकरण को ही बदल देगी। गजब की चाल है यार!

पुतिन-जिनपिंग की दोस्ती और भारत की चाल – क्या ये गेम चेंजर साबित होगी?

पुतिन और जिनपिंग की दोस्ती से पाकिस्तान को झटका क्यों?

देखिए, पुतिन और जिनपिंग की यारी कोई नई बात तो नहीं। लेकिन अब जब ये दोस्ती strategic partnership में तब्दील हो रही है, तो असल नुकसान किसे होगा? बिल्कुल सही पकड़े – पाकिस्तान को। अब सवाल यह है कि जब रूस-चीन की जोड़ी मजबूत होगी, तो पाकिस्तान का ‘special friend’ वाला रुतबा कहाँ रहेगा? भारत तो पहले से ही इन दोनों देशों के साथ अपने पत्ते खेल रहा है। और हाँ, ये सिर्फ diplomatic झटका नहीं, economic रूप से भी पाकिस्तान को टक्कर लग सकती है।

भारत की कौन सी चाल सबसे ज्यादा असरदार?

असल में भारत ने एक साथ कई चालें चली हैं। रूस के साथ oil deals हो या चीन के साथ border tensions को manage करना – हर मोर्चे पर activity देखने को मिल रही है। पर मेरी नजर में असली मास्टरस्ट्रोक है QUAD और G20 जैसे platforms पर भारत की सक्रियता। ईमानदारी से कहूँ तो, ये वो moves हैं जो long-term में पाकिस्तान को अकेला कर सकते हैं। एकदम शतरंज जैसा गेम!

क्या पाकिस्तान इससे उबर पाएगा?

सच कहूँ? मुश्किल लग रहा है। हालांकि पाकिस्तान के पास अभी भी कुछ देशों का समर्थन है, लेकिन उनकी हालत तो आप जानते ही हैं। Economic crisis की मार, political instability… ऐसे में recover करना उनके लिए आसान नहीं होगा। अगर भारत की strategy सही दिशा में काम करती है, तो पाकिस्तान को सिर्फ झटका ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक इसकी गूँज झेलनी पड़ सकती है।

South Asia का पूरा नक्शा बदल जाएगा?

इसे ऐसे समझिए – एक तरफ तो भारत की position और मजबूत होगी, वहीं पाकिस्तान को अपनी foreign policy में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं। मजे की बात ये है कि China और Russia के साथ भारत के बेहतर रिश्ते सिर्फ द्विपक्षीय नहीं, बल्कि पूरे region के power equation को बदल सकते हैं। कुल मिलाकर? एक exciting phase आने वाला है South Asia के लिए। देखते हैं कौन किस मोर्चे पर कैसा परफॉर्म करता है!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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