“ट्रंप के सामने ‘नतमस्तक’…राहुल गांधी का पीएम मोदी पर तीखा हमला, पीयूष गोयल को दिया करारा जवाब!”

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर वार: “ट्रंप के आगे घुटने टेक देंगे!”

देखिए न, भारतीय राजनीति में विदेश नीति को लेकर बहस तो चलती रहती है, लेकिन आजकल जो हालात हैं… सच कहूं तो मज़ा आ रहा है! कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने फिर से तीर चलाया है – और इस बार निशाने पर खुद पीएम मोदी हैं। उनका कहना है कि भारत-अमेरिका वार्ता में मोदी जी डोनाल्ड ट्रंप के सामने “घुटने टेक” देंगे। अरे भई, ये बयान तो ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच trade deals को लेकर बातचीत का दौर चल रहा है। और तो और, पीयूष गोयल जैसे केंद्रीय मंत्री ने तो राहुल को सीधे-सीधे देशद्रोही तक कह डाला! बात बन गई न?

पूरा माजरा क्या है?

असल में ये पूरा झगड़ा चल क्या रहा है? दरअसल, अमेरिका पिछले कुछ महीनों से भारत पर trade deficit और tariffs को लेकर दबाव बना रहा है। मोदी-ट्रंप की कई मीटिंग्स भी हो चुकी हैं। पर सवाल यह है कि क्या सच में भारत की तरफ से कोई कमजोर रुख अपनाया जा रहा है? राहुल तो यही कह रहे हैं। और उनकी ये टिप्पणी… अच्छा खासा तूफान खड़ा कर दिया है। कुछ experts की राय है कि ये 2024 elections से पहले opposition की नई रणनीति हो सकती है। क्या पता?

किसने क्या कहा – सबसे ज़रूरी अपडेट्स

सोशल मीडिया पर तो धमाल मचा हुआ है! राहुल ने ट्विटर पर लिखा: “मोदी जी ट्रंप के आगे झुक जाएंगे, क्योंकि उनके पास भारत के लिए कोई clear strategy ही नहीं है।” भई… ये तो सीधा चुनौती देने जैसा था! इस पर तो BJP वालों को तिलमिला ही जाना था। पीयूष गोयल ने जवाब दिया: “राहुल को देश की ताकत पर भरोसा नहीं। मोदी जी तो हमेशा राष्ट्रहित को priority देते हैं।” और फिर तो BJP ने इसे “anti-national” तक कह डाला। वाह!

दूसरी तरफ, Congress के कुछ leaders राहुल के साथ खड़े नज़र आए। उनका कहना है कि सरकार US के दबाव में फैसले ले रही है। पर BJP का जवाब? “राहुल की frustration दिख रही है।” सच तो ये है कि अभी ये विवाद और गहराएगा, खासकर जब India-US trade talks का कोई concrete result सामने आएगा।

अब आगे क्या?

अब तो ये मामला और भी interesting होने वाला है। Opposition “राष्ट्रीय स्वाभिमान” का राग अलापेगा, तो ruling party इसे “negative politics” बताएगी। और हां… international media भी इस पर नज़र गड़ाए हुए है, क्योंकि ये सीधे India-US relations से जुड़ा मसला है।

अंत में बात करें तो… ये अब सिर्फ एक normal political debate नहीं रहा। ये तो हमारी foreign policy, economic sovereignty और national pride का सवाल बन गया है। Parliament में तो बहस होगी ही, media में भी खूब चर्चा होगी – खासकर जब मोदी और ट्रंप की अगली meeting होगी। देखते हैं, अब आगे क्या होता है!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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