राहुल गांधी का बयान – ‘हिमंत बिस्वा सरमा को जेल भेज दूंगा’… और फिर क्या हुआ?
अरे भाई, असम की राजनीति में तो मानो बारूद सा बिछा हुआ है! और अब राहुल गांधी ने उस पर एक और चिंगारी डाल दी है। जनसभा में उनका ये बयान कि “सरमा को जेल भेज दूंगा” – सुनकर तो भाजपा वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई होगी। और सच कहूँ तो, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जवाब भी कम तीखा नहीं था। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह पूरा विवाद हुआ क्या?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, असम में कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई तो पहले से ही चल रही थी। पर राहुल गांधी ने इसमें मिर्च-मसाला लगा दिया। जनसभा में उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव की बात कही… और फिर बम! ये ऐलान कर दिया कि सरमा को जेल भिजवा देंगे। अब ये सुनकर तो सरकार वालों को तिलमिला ही जाना था ना? और हुआ भी वही।
एक तरफ तो राहुल का ये बयान उनके समर्थकों को भावुक कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। कानूनी कार्रवाई की बात चल निकली है। मजे की बात ये कि ये सब 2024 के चुनावों से ठीक पहले हो रहा है। संयोग? शायद नहीं।
सरमा का जवाब – ‘गेम चेंजर’ या ‘ओवररिएक्शन’?
अब सरमा साहब कहाँ चुप बैठने वाले थे? उन्होंने तुरंत राहुल और खड़गे पर आपराधिक बयान देने का आरोप लगा दिया। उनका कहना है कि ये लोकतंत्र में असभ्य भाषा का इस्तेमाल है। सच कहूँ तो, दोनों तरफ से बयानबाजी का स्तर कुछ ज्यादा ही गरम होता दिख रहा है।
और हाँ! भाजपा ने तो राहुल के बयान को “असंवैधानिक” तक कह डाला। वहीं कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि ये जनता का गुस्सा है। असल में, ये पूरा मामला अब एक राजनीतिक गेंदबाजी जैसा हो गया है – हर कोई अपनी तरफ से बाउंसर फेंक रहा है।
अब आगे क्या?
अब स्थिति ये है कि असम सरकार कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रही है। अगर वाकई ऐसा हुआ, तो ये मामला संसद तक पहुँच सकता है। और फिर? फिर तो पूरा देश इस पर बहस करेगा।
मेरी निजी राय? ये सब 2024 की लड़ाई का ही एक हिस्सा है। दोनों पार्टियाँ अपने-अपने वोट बैंक को मैसेज दे रही हैं। पर सच तो ये है कि असली मुद्दे – विकास, रोजगार, महंगाई – कहीं पीछे छूटते दिख रहे हैं। है ना दिलचस्प बात?
फिलहाल तो बस इतना ही… अब देखना ये है कि ये राजनीतिक धमाचौकड़ी आगे किस रूप में सामने आती है। आपकी क्या राय है इस पूरे मामले पर? कमेंट में जरूर बताइएगा!
यह भी पढ़ें:
- Bjp Attacks Rahul Gandhi China Comments Controversy
- Himanta Biswa Sarma On Removing Socialism Secularism From Constitution
- Himanta Biswa Sarma
राहुल गांधी vs हिमंत बिस्वा सरमा – ये विवाद क्यों है चर्चा में और क्या है पूरा मामला?
1. राहुल गांधी ने अचानक हिमंत बिस्वा सरमा को जेल भेजने की बात क्यों कह दी?
देखिए, मामला कुछ यूँ है – राहुल गांधी का मानना है कि असम में BJP सरकार, खासकर CM हिमंत बिस्वा सरमा, अल्पसंख्यकों के साथ ज़्यादती कर रहे हैं। और सच कहूँ तो, उनके इस रुख में कोई नई बात नहीं। लेकिन इस बार उन्होंने सीधे-सीधे कह दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो सरमा को जेल भेज देंगे। थोड़ा कड़ा स्टेटमेंट है, है ना?
2. सरमा ने राहुल को क्या जवाब दिया? और वो भी कम नहीं!
अरे भई! सरमा तो बिल्कुल पीछे नहीं हटे। उनका जवाब था – “पहले खुद की पार्टी को तो संभाल लो!” और सच कहूँ तो, इसमें दम भी है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस वाले बिना सबूत के गंभीर आरोप लगाते रहते हैं। राजनीति की यही तो खासियत है न – एक के बाद एक पंच!
3. असली मुद्दा क्या है? CAA और वो पुराना विवाद
असल में ये विवाद कोई नई बात नहीं। ये तो वही पुराना CAA और असम में बंगाली-मुस्लिम विस्थापन का मामला है। राहुल ने असम सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया और फिर… बस! आगे क्या हुआ सब जानते हैं। सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकने का मौका है या फिर कोई वास्तविक मुद्दा?
4. क्या असम की राजनीति पर पड़ेगा असर? जानिए क्या हो सकता है
देखा जाए तो ये विवाद सिर्फ दो नेताओं की बहस से कहीं आगे की बात है। असम में ये मुद्दा बहुत संवेदनशील है – एक तरफ अल्पसंख्यक, दूसरी तरफ बहुसंख्यक। और राजनीति? वो तो इसे भुनाने से रहेगी ही! कांग्रेस और BJP दोनों अपने-अपने तरीके से इसे इस्तेमाल करेंगी, ये तो तय है। पर सवाल ये है कि आखिरकार, आम जनता को इससे क्या मिलेगा?
एक बात और – असम की जनता इन सबके बीच कहाँ खड़ी है? ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो ये टकराव और बढ़ता ही दिख रहा है। क्या आपको नहीं लगता?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com