पुणे कोर्ट में राहुल गांधी का बयान – “सावरकर पर टिप्पणी के लिए दोषी नहीं, मामला गलत”

पुणे कोर्ट में राहुल गांधी का बयान – “सावरकर पर बोला गया वाक्य गलत तरीके से पेश किया गया”

देखिए, मामला कुछ ऐसा है – राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में साफ-साफ कह दिया कि उन्होंने सावरकर जी के बारे में जो कुछ कहा, वो किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं था। अब सवाल यह है कि फिर यह पूरा विवाद क्यों खड़ा हो गया? असल में, ये वही पुरानी कहानी है जब इतिहास की व्याख्या और राजनीति आपस में भिड़ जाते हैं।

याद कीजिए 2022 की वो जनसभा? जब राहुल ने सावरकर पर कुछ बातें कही थीं। उस वक्त तो ऐसा लगा जैसे मानो किसी ने चींटी के बिल में लाठी घुसा दी हो! कुछ लोगों को लगा कि ये टिप्पणी स्वतंत्रता सेनानी की छवि को धूमिल करने वाली है। और फिर… बस! मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

अब राहुल का कहना है कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया। उनके वकीलों ने तो यहां तक कह दिया – “भई, लोकतंत्र में इतिहास पर बहस करना तो हमारा अधिकार है न?” कोर्ट ने सुनवाई तो जारी रखी है, लेकिन अगली तारीख का इंतज़ार अब सबको है।

राजनीति की गर्मागर्मी देखिए – कांग्रेस पूरे जोश के साथ राहुल के पीछे खड़ी है, वहीं भाजपा वाले आरोप लगा रहे हैं कि “ये तो इतिहास को मनमाने ढंग से पेश कर रहे हैं।” और बीच में कुछ सामाजिक संगठन भी हैं जो शांति से सिर्फ इतना कह रहे हैं कि “भाई, स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान तो बनाए रखना चाहिए।”

अब सबकी नज़रें कोर्ट पर हैं। अगर राहुल के खिलाफ फैसला आता है, तो? महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान आ सकता है। क्योंकि सावरकर का नाम लेना यहां किसी भीड़ में आग लगाने जैसा है। सच कहूं तो, ये केस सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि हमारे समाज के नाज़ुक ताने-बाने को छू रहा है। और अंत क्या होगा? वक्त ही बताएगा।

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राहुल गांधी का पुणे कोर्ट में दिया गया बयान… अरे भाई, फिर से राजनीति का तापमान बढ़ गया है ना? उनका यह “मैं दोषी नहीं” वाला स्टेटमेंट तो ऐसा लगा जैसे किसी ने हॉर्नेट्स नेस्ट में छड़ी घुसा दी हो। सावरकर वाले मुद्दे को फिर से जिंदा कर दिया है।

अब सवाल यह है कि यह सिर्फ एक कानूनी केस है या कुछ और? देखा जाए तो यह तो इतिहास और विचारधारा की लड़ाई बन चुका है। जैसे दो ट्रेनें हेड-ऑन टकराने वाली हों।

और हां, अब तो सबकी नजरें इस पर टिकी हैं – आगे क्या होगा? कोर्ट क्या फैसला सुनाएगा? और इसका राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? क्योंकि यहां तो सिर्फ कानून ही नहीं, पूरा एक नैरेटिव चल रहा है।

एक बात तो तय है – यह केस अब सुर्खियों से जल्दी जाने वाला नहीं। सच कहूं तो, बस शुरुआत हुई है।

राहुल गांधी का पुणे कोर्ट बयान – सावरकर पर बहस के सारे सवालों के जवाब

भई, ये मामला तो हर किसी की जुबान पर है न? सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकान तक – सब बस राहुल गांधी के इस सावरकर वाले केस की ही चर्चा कर रहे हैं। तो चलिए, बिना किसी पक्षपात के समझते हैं कि आखिर मामला है क्या…

1. कोर्ट में राहुल ने सावरकर के बारे में क्या रखा अपना पक्ष?

देखिए, राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में एकदम साफ़ शब्दों में कहा – “मैं दोषी नहीं हूँ!” उनका कहना है कि सावरकर पर उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया। और सच कहूँ तो, ये केस ही कुछ अजीब सा लगता है। क्या आपको नहीं लगता?

2. ये केस चल क्यों रहा है? पीछे कौन है?

असल में बात ये है कि किसी ने (शायद BJP समर्थकों ने) शिकायत दर्ज करवाई थी। Official documents तो पूरी तरह साफ नहीं करते कि किसने exactly केस किया। पर इतना तय है – राजनीति तो इसमें घुली हुई है। जैसे हमारे यहाँ हर मामले में होती है!

3. क्या राहुल को जेल हो सकती है? सच-सच बताओ!

अरे भई, अभी तो कोर्ट ने कुछ तय नहीं किया! Legal process चल रहा है – वो भी अपनी धीमी रफ्तार से, जैसा कि हमारे यहाँ होता आया है। अगर कोर्ट उन्हें बरी कर दे, तो बात खत्म। नहीं तो… पर ऐसा लग नहीं रहा फिलहाल।

4. कांग्रेस वालों ने इस पर क्या बोला?

सुनिए, कांग्रेस तो पूरी तरह राहुल के साथ खड़ी है। उनका कहना है – “ये पूरा केस ही झूठा है!” और थोड़ा गहराई से सोचें तो… शायद उनकी बात में दम भी है? क्योंकि election का समय आते-आते ऐसे केसेस अचानक क्यों बढ़ जाते हैं? Food for thought है ये!

तो ये थी पूरी कहानी संक्षेप में। क्या आपको लगता है ये सिर्फ एक political game है या फिर सच में कोई गंभीर मामला? कमेंट में बताइएगा जरूर!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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