rahul gandhi realizes his mistake after 21 years 20250725130516391970

“21 साल बाद राहुल गांधी को अपनी गलती का एहसास! जानिए क्या थी वो बड़ी चूक?”

21 साल बाद राहुल गांधी को आखिर समझ आया? OBC मुद्दे पर उनकी ये ‘गैर-हाजिरी’ कितनी भारी पड़ी!

अरे भई, राजनीति में तो रोज कुछ न कुछ होता रहता है… लेकिन जब कोई बड़ा नेता अपनी गलती माने, तो बात बन जाती है न? कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने आखिरकार स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी ने OBC समुदाय के साथ न्याय नहीं किया। सच कहूं तो ये मानने में उन्हें 21 साल लग गए! है न मजेदार बात? और ये माफीनामा ठीक उस वक्त आया है जब कांग्रेस OBC वोटों के लिए नई रणनीति बना रही है। संयोग? शायद नहीं!

OBC वोट बैंक: कांग्रेस की ये ‘सोने की चिड़िया’ कब उड़ गई?

देखिए, सच तो ये है कि 2004 से ही, जब से राहुल जी ने राजनीति में कदम रखा, OBC वोटर तय करते आए हैं कि दिल्ली की सत्ता पर किसका झंडा लहराएगा। पर कांग्रेस? वो तो जैसे इस मुद्दे पर सोती रही! BJP ने तो इस बीच OBC नेताओं को आगे किया, नीतियां बनाईं… और देखते-देखते उनका वोट बैंक तैयार हो गया। कांग्रेस के लिए ये कितना बड़ा झटका था? अरे भई, कम से कम 2014 और 2019 के नतीजे तो देख ही लीजिए!

अब क्या बदलाव ला रही है कांग्रेस? सच्चाई या सिर्फ दिखावा?

पिछले हफ्ते हुई एक गुप्त बैठक में राहुल जी ने OBC नेताओं से माफी मांगी। सच कहूं तो ये देखने लायक दृश्य था! अब पार्टी ने क्या किया? एक नया OBC रोडमैप बनाया है जिसमें:
– OBC नेताओं को बड़े पद
– नई योजनाएं
– आरक्षण पर जोर

लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सब सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेगा? वैसे भी, अब तक की चुप्पी के बाद ये कदम तो उठाना ही था!

राजनीति के गलियारों में क्या चल रहा है? असली प्रतिक्रिया जानिए

कांग्रेस के अंदर तो सब खुश दिख रहे हैं। एक नेता ने तो यहां तक कहा, “OBC वोटर हमारी नई ताकत बनेंगे।” पर BJP? उनका जवाब तो मजेदार है – “21 साल बाद याद आया?” OBC नेताओं की प्रतिक्रिया? थोड़ी शंका के साथ सहयोग का इशारा। समझ सकते हैं न, भरोसा टूटने में देर नहीं लगती, बनाने में सालों लग जाते हैं!

2024 चुनाव: क्या OBC कार्ड काम आएगा कांग्रेस के लिए?

अब सबसे बड़ा सवाल – क्या ये नई रणनीति 2024 में काम आएगी? अगर कांग्रेस OBC का भरोसा जीत ले (जो कि आसान नहीं), तो गेम चेंजर हो सकता है। पर समस्या ये है कि BJP पहले से ही इस मैदान में काफी आगे है। उन्होंने तो कई OBC नेताओं को CM पद तक पहुंचा दिया है!

एक बात तो तय है – OBC अब राजनीति का केंद्र बिंदु बन चुका है। और जो पार्टी इसे नजरअंदाज करेगी… अरे भई, उसे तो जनता सबक सिखा देगी! फिलहाल तो यही कहा जा सकता है – देखते हैं, ये नई चाल चलती है या नहीं!

यह भी पढ़ें:

राहुल गांधी की वो भारी भूल – जानिए पूरी कहानी (FAQs)

1. 21 साल बाद राहुल को क्या समझ आया?

देखिए, सीधी बात है – राहुल गांधी खुद मान रहे हैं कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद उनकी राजनीतिक समझदारी में कुछ चूक हो गई थी। और ये कोई छोटी-मोटी गलती नहीं थी। असल में, उनके मुताबिक यही वो पल था जब कांग्रेस की रणनीति डगमगा गई। सोचिए, इतने साल बाद ये बात मानना… हैरान कर देता है, है ना?

2. क्या इसका असर कांग्रेस पर पड़ा? सच-सच बताओ!

अरे भाई, सवाल ही क्या है! राहुल खुद कबूल कर रहे हैं कि इस एक गलती ने कांग्रेस को गुजरात में तो पीछे धकेल ही दिया, बल्कि पूरे देश की राजनीति में उनकी पकड़ ढीली पड़ गई। ये उस तरह है जैसे शतरंज की बाजी में एक गलत चाल पूरा खेल बिगाड़ दे। पर सवाल ये है कि अब?

3. क्या राहुल ने कोई सुधार किया? या बस बातों-बातों में?

नहीं-नहीं, सिर्फ बातें नहीं कर रहे। लगता है इस बार गंभीर हैं। गलती मानने के बाद नई रणनीति बनाने और पार्टी को दोबारा खड़ा करने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। पर यहां मजा तब आएगा जब हम देखेंगे कि ये सब सिर्फ कागजों तक सीमित है या जमीन पर दिखेगा। आपको क्या लगता है?

4. छवि पर क्या असर पड़ेगा? सच कहूं तो…

ईमानदारी से? कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गलती मान लेना अच्छी बात है – वो भी इतने साल बाद। पर राजनीति तो वहीं की वहीं है, जहां हर बयान की कीमत चुकानी पड़ती है। असली टेस्ट तो अब है – जनता इसे कैसे लेती है? समय ही बताएगा। फिलहाल तो… चलो, देखते हैं!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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