“राहुल गांधी के बयान से वामपंथियों में गुस्सा, बिहार चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ीं!”

राहुल गांधी का वो बयान जिसने बिहार चुनाव से पहले INDIA गठबंधन को हिला दिया!

अरे भई, राजनीति में तो रोज़ नए ड्रामे होते रहते हैं, लेकिन राहुल गांधी का ये ताज़ा बयान कुछ ज़्यादा ही चर्चा में है। सच कहूँ तो, RSS और CPM को एक ही तराज़ू में तौलने की उनकी टिप्पणी ने वामपंथियों को ऐसा चौंकाया कि अब बिहार चुनाव की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। और सबसे मज़ेदार बात? जिस समय INDIA गठबंधन को एकजुट दिखना था, उसी वक़्त ये विवाद सामने आया। कहते हैं न, मुसीबतें अकेली नहीं आतीं!

परेशानी की जड़ क्या है?

देखिए, INDIA गठबंधन बनाने का मकसद तो BJP को टक्कर देना था, लेकिन ये रिश्ता शुरू से ही नाज़ुक था। CPM और कांग्रेस? भई, ये दोनों तो केरल और बंगाल में एक-दूसरे को नोंचने में माहिर हैं! इतिहास गवाह है कि ये दोनों पार्टियाँ कभी सच्चे दोस्त नहीं रहीं। और अब… बिहार चुनाव के ठीक पहले ये विवाद? ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने पहले से तनावपूर्ण रिश्ते में नमक छिड़क दिया हो।

क्या बोले राहुल जी?

असल में उन्होंने कहा कि “RSS और CPM दोनों ही विचारधारात्मक रूप से एक जैसे हैं”। अब भई, CPM वालों को ये बात कैसे पचती? उन्होंने तो तुरंत जवाब दिया – “ये बयान बिल्कुल ग़लत और भ्रम फैलाने वाला है!” और RJD? वो तो मौन साधे बैठे हैं, लेकिन पार्टी के निचले स्तर के लोग आग बबूला हो रहे हैं। सच कहूँ तो, गठबंधन की भावना के साथ ये बयान कतई नहीं बैठता।

राजनीतिक भूचाल आया कैसे?

CPM के सीताराम येचुरी तो बिल्कुल गरमा गए – “कांग्रेस को तुरंत सफाई देनी चाहिए!” वहीं कांग्रेस वाले राहुल का बचाव करते नज़र आए – “भई, उनका मतलब सांप्रदायिकता से था न कि CPM से!” पर सवाल ये है कि तेजस्वी यादव अभी तक चुप क्यों हैं? शायद वो भी अंदर ही अंदर ख़फ़ा हैं। एकदम गड़बड़ स्थिति!

अब आगे क्या?

बड़ा सवाल तो ये है कि क्या ये झगड़ा INDIA गठबंधन को तोड़ देगा? राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि अगर ये तनाव बना रहा, तो सीट बंटवारे पर असर पड़ सकता है। और BJP? वो तो मौके की ताक में बैठी है! अगर विपक्ष बिखरा तो बिहार में उनके लिए रास्ता साफ़ हो जाएगा।

सच तो ये है कि राहुल के इस बयान ने गठबंधन को झटका दिया है। बिहार चुनाव से पहले ये विवाद कितना नुक़सान करेगा, ये तो वक़्त ही बताएगा। पर एक बात तो तय है – अब सबकी नज़रें इसी पर टिकी हैं कि ये गठबंधन टूटेगा या फिर जुड़ेगा। वैसे… मेरी नज़र में तो ये सब देखकर BJP वालों की मुस्कुराहट और चौड़ी हो रही होगी। है न?

राहुल गांधी का यह बयान… अरे भई, क्या बवाल मचा दिया! वामपंथी तो पहले से ही नाराज़ थे, लेकिन अब तो बिहार चुनाव से ठीक पहले यह नया विवाद इंडिया गठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। सच कहूँ तो, यह सवाल तो उठना ही था – क्या यह गठबंधन वाकई में इतना मजबूत है जितना दिखता है?

असल में, मामला सिर्फ एक बयान का नहीं है। देखा जाए तो यह पूरे राजनीतिक समीकरण को हिला सकता है। बिहार की सियासत तो पहले से ही गरमाई हुई है… और अब यह नया तूफ़ान!

हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है – क्या यह गठबंधन इस विवाद को संभाल पाएगा? या फिर बिहार की जंग में यह उनके पैरों की बेड़ी बन जाएगा? समय ही बताएगा। लेकिन एक बात तो तय है – अगले कुछ दिनों की राजनीति बड़ी दिलचस्प होने वाली है।

राहुल गांधी के बयान और इंडिया गठबंधन की मुश्किलें – जानिए पूरा माजरा

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा जिससे वामपंथी नाराज़ हो गए?

देखिए, मामला यह है कि राहुल गांधी ने हाल के एक public meeting में कुछ ऐसी बात कह दी जिसने वामपंथियों को चुभ गई। असल में, उन्होंने साफ़-साफ़ कहा कि Congress और Left parties के बीच कुछ मूलभूत मतभेद हैं। और यही तो दिक्कत है! क्योंकि बिहार चुनाव में ये मतभेद इंडिया गठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।

अब सवाल यह है – बिहार चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा?

Political analysts की मानें तो यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। सच तो यह है कि बिहार में Left का अपना एक मजबूत vote bank है। अगर ये लोग Congress से नाराज़ रहे, तो समझिए इंडिया गठबंधन का पूरा electoral equation ही बिगड़ सकता है। गणित सीधा है – votes बंटेंगे, तो फायदा किसको होगा? आप समझ ही गए होंगे!

क्या Congress और Left अब साथ नहीं चल पाएंगे?

ईमानदारी से कहूं तो अभी तक relations पूरी तरह नहीं टूटे हैं। पर ये विवाद तो ऐसा है जैसे दोस्तों के बीच एक कड़वी बात। Congress वाले damage control में जुटे हैं, मगर Left के leaders अभी भी Rahul के statement को लेकर खफा हैं। और सच कहूं? इसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा।

इंडिया गठबंधन की रणनीति पर यह कैसे भारी पड़ेगा?

देखा जाए तो बिहार चुनाव से ठीक पहले यह विवाद किसी बुरे सपने की तरह है। Alliance partners के बीच coordination से लेकर seat-sharing तक – हर चीज़ प्रभावित हो सकती है। सबसे बड़ी बात? Opposition को अब एकजुट होकर खड़ा होना होगा। वरना… खैर, आप जानते ही हैं नतीजा क्या होगा!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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