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“राहुल गांधी का बड़ा बयान: ‘ट्रंप का टैरिफ ब्लैकमेलिंग है!’ भारत सरकार के रुख पर सवाल?”

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राहुल गांधी ने कह दी बड़ी बात: ‘ट्रंप का टैरिफ वाला खेल है ब्लैकमेलिंग!’ सरकार क्या करेगी अब?

देखिए न, राहुल गांधी फिर से सुर्खियों में हैं। और इस बार उन्होंने अमेरिका-भारत के बीच चल रहे टैरिफ झगड़े पर ऐसा तीखा बयान दिया है कि सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया। उनका कहना है कि ट्रंप का यह 25% टैरिफ वाला फैसला कोई आर्थिक नीति नहीं, बल्कि सीधा-सीधा “ब्लैकमेलिंग” है। और सच कहूं तो, इसमें कुछ दम भी दिखता है। सवाल यह है कि मोदी सरकार इस पर क्या जवाब देगी? खासकर तब, जब हमारे छोटे उद्योगों को इसका सीधा झटका लग रहा है।

पूरा माजरा क्या है? टैरिफ वॉर की पिछली कहानी

असल में बात यह है कि अमेरिका पिछले कुछ सालों से “अमेरिका फर्स्ट” के नाम पर सब पर टैरिफ थोप रहा है। हमारा नंबर भी आ गया – स्टील और एल्युमिनियम पर 25% का जबरदस्त टैक्स! MSME सेक्टर तो मानो हिल गया। सरकार ने जरूर कुछ अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाए, पर क्या वह काफी है? ईमानदारी से कहूं तो नहीं लगता। अभी तक कोई बड़ा कूटनीतिक दांव नहीं दिखा।

राहुल का वायरल वीडियो: “अमेरिका की धौंसपट्टी”

अब राहुल गांधी ने तो ट्विटर पर ही बवाल मचा दिया। उनका वीडियो देखिए – बिल्कुल सीधी बात, बिना लाग-लपेट के। कह रहे हैं, “यह टैरिफ नहीं, अमेरिका की आर्थिक धौंसपट्टी है।” और सच कहूं तो उनके सवाल सही हैं – क्या सरकार वाकई अमेरिका के आगे घुटने टेक रही है? उद्योगों की परवाह नहीं कर रही? उनकी मांग साफ है – नरमी नहीं, सख्त जवाब चाहिए।

राजनीति गरमाई: कौन क्या बोला?

इसके बाद तो जैसे राजनीतिक बाजार गरमा गया। भाजपा वाले कह रहे हैं – “यह सब दिखावा है!” उनका कहना है कि सरकार पहले से ही इस पर काम कर रही है। पर सवाल यह है कि काम कहां दिख रहा है? FICCI और CII जैसे उद्योग संगठनों की चिंता भी वाजिब है – इसका लंबे समय तक बुरा असर पड़ सकता है। सबसे मजेदार बात? अमेरिका अभी तक चुप्पी साधे हुए है।

अब आगे क्या? दो रास्ते, एक सरकार

तो अब स्थिति यह है कि सरकार के सामने मूलतः दो ही विकल्प हैं:
1. अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखें, या
2. नए प्रतिबंधों से जवाब दें।

अगर यह टैरिफ जारी रहा, तो समझिए कि रिश्तों में नया तनाव पक्का है। विपक्ष तो पहले ही सरकार को घेरने को तैयार बैठा है। और हां, पूरी दुनिया की नजरें अब हमारी कूटनीति पर टिकी हैं। देखते हैं, अगले कुछ दिनों में क्या नया मोड़ आता है।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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