“राजनाथ सिंह के पटना दौरे का राज: क्या राजपूत वोटरों का लालू से मोह भंग हो रहा है?”

राजनाथ सिंह का पटना दौरा: क्या राजपूत अब लालू को छोड़ बीजेपी का रुख करेंगे?

अरे भाई, बिहार की राजनीति में फिर से जाति का खेल शुरू हो गया है! और इस बार निशाने पर हैं राजपूत वोटर। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हालिया पटना दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं थी – यह तो एक सोची-समझी चाल लगती है। सवाल यह है कि क्या बीजेपी वाकई आरजेडी के वफादार माने जाने वाले राजपूतों को अपनी तरफ खींच पाएगी? 2025 का चुनाव दूर नहीं, और यह दौरा कई सवाल छोड़ गया है।

राजपूत और राजनीति: एक पुराना रिश्ता, नए मोड़

देखिए, बिहार में राजपूतों का राजनीतिक सफर बड़ा दिलचस्प रहा है। एक जमाने तक ये लालू यादव के साथ चिपके रहे, मानो जैसे दही-चूड़ा का जोड़ी। लेकिन 2020 के चुनाव में पहली बार दरार दिखी। बीजेपी ने अपनी ‘सवर्ण समेकन’ वाली चाल चली, और राजनाथ सिंह जैसे नेता इसका फायदा उठाने में लगे हैं। सच कहूं तो, राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं – आज का दोस्त कल का दुश्मन बन जाता है!

पटना में क्या चल रहा है? गुप्त बैठकों का खेल

अब जरा राजनाथ जी के दौरे की बात करें। क्या आपको लगता है वे सिर्फ समय पास करने आए थे? बिल्कुल नहीं! उनकी गोपनीय बैठकों की खबरें आ रही हैं – राजपूत नेताओं से, संगठनों से। और तो और, सूत्रों के मुताबिक बीजेपी जल्द ही “राजपूत गौरव सम्मेलन” करने वाली है। वहीं दूसरी तरफ, आरजेडी में भी बवाल मचा हुआ है। कई राजपूत नेता खुलेआम लालू की नीतियों से नाराज़गी जता रहे हैं। स्थिति गर्म है, बिल्कुल बिहार की गर्मी की तरह!

कौन क्या बोला? राजनीतिक बयानबाजी का खेल

इस मामले में हर पार्टी का अपना राग अलापना तो तय था। बीजेपी वालों का कहना है – “राजपूत तो हमारे साथ हैं!” जबकि आरजेडी वाले दावा कर रहे हैं – “ये हमारे वफादार हैं!” लेकिन असली मजा तो तब आया जब राजपूत संगठनों ने कहा – “हमें पार्टी नहीं, सम्मान चाहिए!” सच कहूं तो, यह बयानबाजी उस बच्चे जैसी लगती है जो दोनों हाथों में लड्डू पकड़े हो!

आगे क्या? 2025 का चुनावी पासा

अब सवाल यह है कि आगे का खेल क्या होगा? राजनीतिक पंडितों की मानें तो बीजेपी और ज्यादा कार्यक्रम करेगी। आरजेडी अपने पुराने तरीके से चिपकेगी। पर युवा वोटर? वे तो अब नए खेल की तरफ देख रहे हैं। एक बात तो तय है – 2025 का चुनाव देखने लायक होगा। क्या राजपूत पूरी तरह से लालू को छोड़ देंगे? या फिर पुराना रिश्ता फिर से मजबूत होगा? वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो राजनीति का यह मैच और दिलचस्प होता जा रहा है!

यह भी पढ़ें:

राजनाथ सिंह का पटना दौरा और राजपूत वोटर्स – क्या है पूरा माजरा?

क्या सच में राजनाथ सिंह का पटना दौरा सिर्फ एक साधारण यात्रा है?

देखिए, मामला इतना सीधा नहीं है। असल में ये पूरा दौरा BJP की बिहार स्ट्रैटजी का एक बड़ा हिस्सा है – खासकर राजपूत वोटर्स को टारगेट करने का। और सच कहूं तो, ये RJD से राजपूतों के धीरे-धीरे दूर होने का एक संकेत भी है। क्या आपको नहीं लगता?

क्या सच में राजपूत अब Lalu Yadav से मुंह मोड़ रहे हैं?

ईमानदारी से कहूं तो, हाल के कुछ सर्वे तो यही बता रहे हैं। बिहार के कई राजपूत परिवारों में RJD को लेकर एक तरह की नाराजगी दिख रही है। और BJP? वो तो इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती। समझदारी की बात है न?

BJP की राजपूतों को पटाने की क्या है पूरी चाल?

एक तरफ तो वो राजनाथ सिंह जैसे भारी-भरकम राजपूत नेताओं को मैदान में उतार रही है। दूसरी तरफ, schemes और development projects के ढेर सारे वादे। मतलब साफ है – हर तरह से community को अपने साथ जोड़ने की कोशिश। चालाकी?

2025 के elections पर इसका क्या असर पड़ेगा?

अगर राजपूत वोटर्स ने सच में RJD का साथ छोड़ दिया तो… बस फिर तो बिहार की राजनीति का पूरा समीकरण बदल सकता है। राजनाथ सिंह का ये दौरा BJP के लिए game changer साबित हो सकता है। लेकिन याद रखिए, राजनीति में कुछ भी तय नहीं होता। है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

वैष्णो देवी यात्रियों से रेलवे ने 1 महीने में जबरदस्त कमाई – 3.4 करोड़ रुपये!

“हनुमान बेनीवाल के ‘पावर कट’ से राजनीति में तूफान, ज्योति की पंखी ने लगाई आग!”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments