राजस्थान का वो दिल दहला देने वाला मामला: 9 साल की बच्ची की लंच बॉक्स खोलते ही मौत
सीकर की ये घटना सुनकर मेरा तो दिल ही बैठ गया। सोचिए, एक मासूम बच्ची स्कूल जाती है, लंच बॉक्स खोलती है और अगले ही पल…? हार्ट अटैक! डॉक्टरों ने यही कहा, लेकिन सवाल तो ये है कि इतनी छोटी उम्र में ऐसा कैसे हो सकता है? प्राची नाम की ये बच्ची तो बस एक normal day की तरह स्कूल गई थी, और फिर वो दिन उसके परिवार के लिए सदमे में बदल गया।
कहानी कुछ यूं है – प्राची सुबह की क्लास में बैठी थी। लंच टाइम हुआ, बॉक्स खोला और अचानक… धड़ाम! बेहोश होकर गिर पड़ी। स्कूल वालों ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। सच कहूं तो ये सुनकर मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गए, जब हम बिना किसी टेंशन के स्कूल जाया करते थे। आजकल के बच्चों के साथ ऐसे cases क्यों बढ़ रहे हैं?
डॉक्टरों के मुताबिक प्राची की न तो पल्स चल रही थी, न ही सांस। ब्लड प्रेशर इतना low कि बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। अब पोस्टमॉर्टम का इंतज़ार है, पर सच तो ये है कि रिपोर्ट आने से दर्द कम नहीं होने वाला। परिवार वाले तो स्कूल से सवाल कर ही रहे हैं – “हमारी बेटी को क्या हुआ?” स्कूल वाले भी शॉक्ड हैं, कह रहे हैं कि ये तो किसी ने सोचा भी नहीं था।
मामला गंभीर है। पुलिस जांच कर रही है – बच्ची का मेडिकल हिस्ट्री चेक होगा, लंच बॉक्स की contents भी देखी जाएगी। Local leaders ने तो अब बच्चों के regular health check-up की मांग शुरू कर दी है। सच कहूं तो ये तो होना ही चाहिए। हमारे ज़माने में तो स्कूलों में first aid तक का proper इंतज़ाम नहीं होता था। शायद अब स्थितियां बदलेंगी।
एक बात clear है – इस घटना ने सभी parents को सोचने पर मजबूर कर दिया है। स्कूलों में emergency health protocols, heart check-up camps… ये सब discuss हो रहा है। उम्मीद है कि प्राची की ये दुखद कहानी कम से कम दूसरे बच्चों की जान बचाने का सबक बनेगी। वरना… सच कहूं तो सोचकर ही डर लगता है।
राजस्थान स्कूल ट्रेजडी – वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं (FAQ)
1. आखिर क्या हुआ था उस दिन? बच्ची की मौत का असली कारण क्या था?
देखिए, रिपोर्ट्स तो यही कह रही हैं कि 9 साल की मासूम को लंच बॉक्स खोलते ही हार्ट अटैक आ गया। लेकिन सच कहूं तो ये केस थोड़ा अजीब लगता है ना? डॉक्टर्स और अधिकारी अभी जांच कर रहे हैं, पर कुछ सवाल तो दिमाग में आते ही हैं – क्या सच में लंच बॉक्स खोलने से हार्ट अटैक आ सकता है?
2. लंच बॉक्स में ऐसा क्या था जो इतना खतरनाक साबित हुआ?
असल में यही तो पूरे मामले की सबसे बड़ी पहेली है। अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया कि उस बॉक्स में आखिर था क्या। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, लेकिन मन में डर सा लगता है – कहीं कोई जहर तो नहीं? या फिर कोई और वजह? सच सामने आने में अभी वक्त लगेगा।
3. स्कूल वालों ने क्या किया? क्या उनकी कोई गलती थी?
तो सुनिए, स्कूल प्रशासन ने तुरंत बच्ची को हॉस्पिटल पहुंचाया और पुलिस को बता दिया – ये तो उनका कर्तव्य था। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या स्कूल में मेडिकल इमरजेंसी के लिए कोई व्यवस्था थी? क्या टीचर्स को first-aid आती थी? ये सारे सवाल जांच में सामने आएंगे। फिलहाल तो स्कूल और पुलिस मिलकर केस की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
4. ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या करना चाहिए?
ईमानदारी से कहूं तो ये सवाल सबसे ज़रूरी है। पेरेंट्स के तौर पर:
– बच्चों को हेल्दी खाना दें, फ्रेश हो तो बेहतर
– उनकी daily routine पर नज़र रखें
और स्कूल्स को:
– कम से कम एक नर्स या डॉक्टर ज़रूर रखें
– सभी स्टाफ को basic first-aid सिखाएं
– emergency protocols बनाएं
ये उतना ही ज़रूरी है जितना कि पढ़ाई। क्योंकि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले आती है। है ना?
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com