रेवाड़ी का वो टीचर जो छात्राओं से छेड़छाड़ करते हुए पकड़ा गया – अब क्या होगा?
रेवाड़ी का ये मामला सुनकर सच में दिल दहल जाता है। खोल थाना इलाके के एक स्कूल में पढ़ाने वाले teacher पर आठवीं की बच्चियों से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगे हैं। और हां, अच्छी खबर ये कि इस राजेश नाम के आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है। सोचिए, जब मामला खुला तो ये भागकर राजस्थान जाने की कोशिश कर रहा था! लेकिन भागना तो दूर, पुलिस की पकड़ में आ गया। अब न्यायिक हिरासत में है।
असल में बात ये है कि ये शिक्षक कई सालों से उसी स्कूल में पढ़ा रहा था। मतलब बच्चों के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें नई नहीं हैं। कुछ बच्चियों ने बताया कि वह न सिर्फ गलत तरीके से छूता था, बल्कि बेहद अश्लील comments भी करता था। जब ये बात principal तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को बुला लिया। और पुलिस ने क्या किया? FIR दर्ज करके तुरंत एक्शन लिया। सच कहूं तो इस बार पुलिस की प्रतिक्रिया सराहनीय है।
अब तक की जानकारी के मुताबिक, रेवाड़ी पुलिस ने इस टीचर को राजस्थान बॉर्डर के पास से पकड़ा है। केस POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुआ है – यौन उत्पीड़न और नाबालिग के साथ दुर्व्यवहार का मामला। कोर्ट ने उसे 14 दिन की जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। इस बीच पुलिस दूसरी बच्चियों के statements ले रही है और स्कूल के दूसरे staff members से भी पूछताछ चल रही है।
इस पूरे मामले ने इलाके में तूफान ला दिया है। पीड़ित बच्चियों के parents तो गुस्से में हैं ही, स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या सच में उन्हें पहले कुछ पता नहीं था? वहीं स्कूल मैनेजमेंट ने पुलिस को पूरा सहयोग देने का वादा किया है। और सही किया – ऐसे टीचर को तो सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। स्थानीय नेताओं और women’s organizations ने भी इसकी कड़ी निंदा की है। अब महिला सुरक्षा के लिए नए कानूनों की मांग जोर पकड़ रही है।
तो अब सवाल ये है कि आगे क्या? पुलिस जल्द ही chargesheet पेश करने वाली है। मामला कोर्ट में जाएगा, जहां सभी सबूतों की बारीकी से जांच होगी। इस बीच education department ने तो एक अच्छा कदम उठाया है – अब सभी स्कूलों में teachers की background check होगी। शायद इस घटना के बाद छात्राओं की safety को लेकर नए guidelines भी आएं।
ये घटना हमें एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है। क्या हमारे स्कूल वाकई सुरक्षित हैं? हालांकि इस बार पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया, लेकिन सच तो ये है कि ऐसे मामले रोकने के लिए स्कूलों में बेहतर monitoring system की जरूरत है। और सिर्फ स्कूल ही क्यों, हम सभी को मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। तभी हमारे बच्चों को सही मायनों में safe learning environment मिल पाएगा। सच कहूं तो, ये सिर्फ कानून का नहीं, हमारे समाज की सोच का सवाल है।
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रेवाड़ी में छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला – जानिए पूरी कहानी और आपके सवालों के जवाब
1. आरोपी टीचर को पकड़ा कैसे गया? पूरा किस्सा
सुनकर हैरानी होगी कि ये टीचर राजस्थान भागने की तैयारी में था। पर पुलिस को कहाँ इतनी आसानी से छोड़ने वाली थी? उन्हें किसी ने tip-off दिया था – शायद कोई जानकार या फिर खुद उसकी ही गलती। खैर, location मिलते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। असल में वह पहले से ही wanted list में था। बस, अब न्याय का इंतज़ार है।
2. केस में कौन-कौन IPC sections लगे हैं? समझें आसान भाषा में
देखिए, मामला गंभीर है तो sections भी मजबूत लगाए गए हैं। मुख्यतः धारा 354 – जो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ पर लगती है। अगर छात्राएं 18 साल से कम हैं (जो शायद हैं), तो POCSO Act भी लागू होगा। और हाँ, धारा 511 भी है जो किसी अपराध को अंजाम देने की कोशिश पर लगती है। सीधे शब्दों में – ये टीचर बड़ी मुसीबत में है।
3. क्या ये पहली बार है? या आरोपी का कोई पुराना रिकॉर्ड है?
ईमानदारी से कहूँ तो अभी तक जो खबरें आई हैं, उनके मुताबिक ये उसका पहला केस लगता है। लेकिन यहाँ एक बड़ा ‘लेकिन’ है – पुलिस उसकी पूरी history खंगाल रही है। क्या पता, शायद पहले भी कुछ हुआ हो और दबा दिया गया हो? अभी तो इंतज़ार करना होगा।
4. पीड़ित लड़कियों को क्या मदद मिलेगी? जानिए उनके अधिकार
सबसे पहले तो good news – उन्हें free legal aid मिलेगी, यानी कानूनी लड़ाई के लिए वकील सरकार की तरफ से। Counseling भी होगी ताकि वे इस trauma से उबर सकें। और सबसे अहम – witness protection, क्योंकि ऐसे केसों में दबाव बनाया जाता है। एक अच्छी बात ये भी कि केस fast-track court में चलेगा – मतलब लंबा इंतज़ार नहीं। पर सच कहूँ? इतना सब होने के बावजूद, इन लड़कियों के लिए आसान नहीं होगा। समाज को भी साथ देना होगा।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com