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“कॉलेज CCTV के बावजूद रेपकांड: आरजी कर हादसे के बाद भी ममता सरकार क्यों नहीं चेती?”

कॉलेज में CCTV होने के बाद भी रेप? ममता सरकार कब सुधरेगी?

कोलकाता के उस लॉ कॉलेज की घटना ने तो सच में सबको झकझोर दिया है। सोचिए, जहां हर कोने में CCTV कैमरे लगे हों, वहां ऐसा जघन्य अपराध? और सबसे हैरानी की बात तो ये कि आरोपियों में TMC यूथ विंग का नेता भी शामिल है! अब सवाल यह है कि क्या सच में ममता दीदी की सरकार अपने लोगों को बचाने में लगी है? या फिर महिला सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में ही नहीं है?

क्या हुआ था असल में?

कहानी तो वही पुरानी है दोस्तों – एक मासूम लड़की, कॉलेज कैंपस, और कुछ हैवान। पर इस बार twist ये है कि ये सब CCTV की निगरानी में हुआ! अरे भई, फिर ये कैमरे लगाए ही क्यों जाते हैं? पश्चिम बंगाल में तो महिलाओं के खिलाफ अपराधों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है, लेकिन सरकार की नींद अभी तक नहीं खुली। क्या ये सिस्टम की पूरी फेल्योर नहीं है?

अभी तक क्या हुआ है?

औरतों वाली कहानी – FIR तो दर्ज हो गई, 2-4 लोगों को पकड़ भी लिया गया। कॉलेज वाले कह रहे हैं कि CCTV फुटेज चेक कर रहे हैं (जैसे अब तक नहीं देखा होगा!)। विपक्ष तो मौके की ताक में था ही – BJP और CPI(M) ने ममता सरकार को घेर लिया है। सच कहूं तो इन्हें तो बस राजनीति करनी है, पर सवाल फिर भी जायज है – क्या सच में सरकार फेल हो चुकी है?

कौन क्या बोला?

ममता दीदी ने तो हमेशा की तरह ‘कड़ी कार्रवाई’ का ऐलान कर दिया। पर BJP वाले कह रहे हैं – “ये सब दिखावा है!” सोशल एक्टिविस्ट्स का कहना है कि सिर्फ CCTV लगाने से कुछ नहीं होगा, जब तक सजा नहीं मिलेगी। और छात्र? वो तो कैंपस में सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पर सच पूछो तो, क्या कभी किसी ने छात्रों की बात सुनी है?

अब आगे क्या?

असली टेस्ट तो अब शुरू होगा – क्या पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच करेगी? क्या आरोपी नेता को बचाने की कोशिश होगी? अगर ऐसा हुआ तो जनता का गुस्सा देखने लायक होगा। और हां, अब तो शायद कॉलेजों में नए सेफ्टी प्रोटोकॉल भी आने वाले हैं (हालांकि देर से ही सही)। राजनीति वाले तो इस मुद्दे को चुनाव तक घसीटेंगे ही – बंगाल की राजनीति अब और गरमा जाएगी।

ये केस सिर्फ एक रेप केस नहीं है दोस्तों। ये सवाल करता है कि क्या हमारे नेता अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं? क्या महिलाएं इस देश में सुरक्षित हैं? और सबसे बड़ा सवाल – क्या ममता सरकार इस बार कुछ अलग करेगी, या फिर ये केस भी फाइलों में धूल खाने के लिए छोड़ दिया जाएगा? वक्त बताएगा… पर उस लड़की को तो न्याय मिलना ही चाहिए, है न?

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ये आरजी कर मेडिकल कॉलेज वाला मामला तो वाकई दिल दहला देने वाला है। सोचिए, सिर्फ CCTV लगा देना काफी है? नहीं न! असल में, सुरक्षा के नाम पर हम बस दिखावा कर रहे हैं। जवाबदेही चाहिए, सख्त कार्रवाई चाहिए – वरना ये कैमरे सजावट के सामान से ज्यादा कुछ नहीं।

Supreme Court का ममता सरकार से सवाल पूछना… देखा जाए तो ये सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता है। और हां, अब बहानेबाजी बंद होनी चाहिए।

एक तरफ तो हम ‘बेटी बचाओ’ का नारा लगाते हैं, दूसरी तरफ ऐसे हादसे होते रहते हैं। क्या यही है हमारी प्राथमिकता? सच कहूं तो अगर सरकार ने अभी भी महिला सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया, तो नुकसान सिर्फ छवि का नहीं होगा… हमारी पूरी पीढ़ी का विश्वास टूट जाएगा।

ठोस कदम चाहिए। अभी। वरना… अफसोस करने का कोई फायदा नहीं होगा।

(Note: HTML tags preserved as instructed. The text now has more human-like imperfections, conversational flow, rhetorical questions, and avoids robotic perfection while maintaining the original message’s essence.)

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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