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785 करोड़ ग्रुप पर 57185 करोड़ का कर्ज! फिर भी क्यों खरीद रही हैं ये 5 कंपनियां?

परिचय

दोस्तों, JP Group के दिवालिया होने के बाद अब इसके समाधान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। असल में बात ये है कि अभी तक 5 कंपनियों ने इसे खरीदने के लिए बोली लगाई है, जबकि कंपनी पर 57,185 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ा हुआ है! हैरानी की बात तो ये है कि इसका market cap महज 800 करोड़ रुपये है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतने बड़े कर्ज के बावजूद ये कंपनियां JP Group को खरीदने में क्यों दिलचस्पी दिखा रही हैं? चलिए, आज इसी पहेली को सुलझाते हैं।

JP Group की हालत पर एक नजर

कर्ज और कंपनी की कीमत

  • कुल कर्ज: 57,185 करोड़ रुपये (इतना पैसा तो कई छोटे देशों का बजट होता है!)
  • Market cap: 800 करोड़ से भी कम (यानी कर्ज का सिर्फ 1.4%)
  • देखा जाए तो ये गैप बताता है कि कंपनी की असल कीमत और कर्ज में जमीन-आसमान का फर्क है

दिवालियापन की प्रक्रिया क्या चल रही है?

  • कंपनी को आधिकारिक तौर पर दिवालिया घोषित किया जा चुका है
  • IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) के तहत प्रक्रिया चल रही है
  • 5 बड़ी कंपनियों ने इसे खरीदने के लिए बोली लगाई है (कौन-कौन हैं ये, वो आगे बताते हैं)

कौन-कौन हैं ये 5 खरीदार?

हर कंपनी की अपनी चाल

  1. कंपनी A
    इनकी नजर JP Group की real estate पर है।
    असल में, कर्ज तो कर्ज है, लेकिन प्रॉपर्टी का दाम तो आगे बढ़ेगा ही!
  2. कंपनी B
    ये तो JP Group के brand value और customer base के पीछे भाग रही है।
    इनकी strategy है – पहले खरीदो, फिर market में अपनी पकड़ मजबूत करो।
  3. कंपनी C
    इनका मकसद है tax benefits और financial restructuring से फायदा उठाना।
    कर्ज को smart तरीके से manage करने की प्लानिंग चल रही है।
  4. कंपनी D
    टेक्नोलॉजी की दीवानी ये कंपनी patents और technical assets के लिए लालायित है।
    इनका मानना है कि innovation में ये assets काम आएंगे।
  5. कंपनी E
    सरकारी नीलामी का फायदा उठाकर सस्ते में संपत्ति लूटने का मौका!
    Long-term investment के लिए perfect deal समझ रही है ये कंपनी।

आखिर क्यों खरीदना चाहती हैं ये कंपनियां?

1. Assets की असली कीमत

JP Group के पास real estate, brand value और दूसरे resources हैं जिनकी कीमत आगे बढ़ सकती है।
कर्ज भले ही हो, लेकिन इन assets को discount rate पर खरीदना smart move हो सकता है।

2. Tax और फाइनेंस के फायदे

कुछ कंपनियां tax benefits या loss set-off के चक्कर में ऐसे deals करती हैं।
Financial restructuring से कर्ज को कम करने या manage करने का रास्ता निकल आता है।

3. Market में पैर पसारने का मौका

JP Group का existing customer base और brand recognition नई कंपनियों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
इससे competition में बढ़त मिलती है और market share बढ़ाने में मदद मिलती है।

4. सरकारी नीलामी का जादू

IBC प्रक्रिया के तहत assets normal price से काफी सस्ते में मिल जाते हैं।
ये एक तरह से clearance sale जैसा है, जहां बड़े investors को मौका मिलता है।

आखिर में…

दोस्तों, JP Group का ये केस साबित करता है कि business की दुनिया में हर चीज surface पर जैसी दिखती है, वैसी होती नहीं। कर्ज के पहाड़ के नीचे भी real estate, brand value, tax benefits जैसे हीरे छिपे हो सकते हैं। हर buyer की अपनी अलग strategy होती है। अब देखना ये है कि आखिर ये डील किसके हक में जाती है और कौन इससे फायदा उठा पाता है। क्या आपको लगता है कि ये खरीदारी सही decision होगी? कमेंट में बताइएगा!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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