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“केरल में RSS चीफ मोहन भागवत का 4 दिवसीय दौरा: संघ की बड़ी योजनाएं और राजनीतिक रणनीति जानें!”

केरल में RSS चीफ मोहन भागवत का 4 दिन का दौरा: क्या है संघ की बड़ी गेम प्लान?

अभी-अभी खबर आई है कि RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत केरल में 4 दिन के दौरे पर हैं। और यह कोई सामान्य दौरा नहीं है, बल्कि एक खास शिक्षा सम्मेलन से जुड़ा है जिसे “शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास” चला रहा है। अब सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े स्तर पर यह आयोजन क्यों? असल में, यहां RSS की शिक्षा नीति से लेकर केरल में उनकी बढ़ती सक्रियता तक सबकुछ डिस्कस होगा। मतलब साफ है – संघ केरल में अपनी जड़ें और गहरी करने आया है। और हां, इसका असर राज्य की राजनीति पर भी पड़ सकता है।

केरल में RSS की मौजूदगी को लेकर तो बहस होती ही रहती है। देखा जाए तो “शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास” वाली संस्था तो बस एक चैनल है जिससे संघ अपने एजुकेशन एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। पिछले कुछ सालों में तो केरल में RSS की ग्रोथ देखने लायक रही है – इतनी कि वामपंथी सरकार को पसीने आ गए हैं। और अब यह दौरा? साफ दिख रहा है कि संघ अपना गेम प्लान बड़े लेवल पर खेल रहा है।

पहले दिन ही भागवत जी ने शिक्षा और संस्कृति पर जमकर बातें कीं। उनका जोर था कि हमारी एजुकेशन सिस्टम में “सांस्कृतिक मूल्यों” को जगह मिलनी चाहिए। साथ ही, केरल के अलग-अलग जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग्स भी हुईं जहां आगे की स्ट्रैटेजी पर खुलकर चर्चा हुई। एक बात तो तय है – RSS इस बार केरल में पूरी तैयारी के साथ आया है।

इस दौरे पर रिएक्शन्स भी कम दिलचस्प नहीं हैं। RSS वालों का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है, केरल में हिंदुत्व एजेंडा और मजबूत होगा। वहीं CPI(M) जैसे लोग आरोप लगा रहे हैं कि यह सब साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश है। कुछ शिक्षाविदों की चिंता भी सही है – कहीं एजुकेशन सिस्टम राजनीति की भेंट न चढ़ जाए। बहस गरम है, और अभी और गरम होने वाली है।

अब देखना यह है कि आगे क्या होता है। केरल में RSS की एक्टिविटीज तो बढ़ेंगी ही, साथ ही सरकार और संघ के बीच टकराव भी। खासकर एजुकेशन और कल्चरल इश्यूज पर तो यह टेंशन और बढ़ेगी। मुझे तो लगता है कि RSS जल्द ही कोई बड़ा इवेंट लाने वाला है। और तब? तब तो पूरे देश की नजर केरल पर होगी। यह दौरा सिर्फ केरल ही नहीं, पूरे देश के लिए अहम साबित हो सकता है। सच कहूं तो, गेम अभी बस शुरू हुआ है!

मोहन भागवत का केरल दौरा… सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं है, बिल्कुल नहीं। असल में देखा जाए तो यह RSS की बढ़ती पकड़ को दिखाता है – और साथ ही यह सवाल भी खड़ा करता है: क्या केरल की राजनीति में संघ अब और सक्रिय होने वाला है? मेरे ख़याल से तो यह दौरा Future planning को समझने का गोल्डन चांस है। वैसे, एक बात तो तय है – केरल में RSS का यह बढ़ता प्रभाव… अगले कुछ सालों में राज्य के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे को हिलाकर रख देगा। बिल्कुल गेम-चेंजर साबित होगा।

और सोचने वाली बात यह है कि… यह सब अचानक तो नहीं हो रहा? पिछले कुछ समय से तो RSS की गतिविधियाँ यहाँ बढ़ी ही हैं। लेकिन भागवत का यह दौरा किसी स्पष्ट संकेत से कम नहीं। Political strategy की दृष्टि से भी यह काफ़ी महत्वपूर्ण है। आपको क्या लगता है?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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