1KG सोना, करोड़ों की ज़मीन… RTO अफसर का खजाना जब्त! घर से मिले 42 करोड़ के गोल्ड बार, सच में यकीन नहीं होता!
अरे भाई, कभी-कभी ऐसी खबरें सुनकर लगता है कि हमारे सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। हाल ही में एक RTO अधिकारी के घर से जो कुछ बरामद हुआ, उसे सुनकर तो मेरा दिमाग ही चकरा गया। सोचो ज़रा – 42 करोड़ के गोल्ड बार! 1KG सोना! और तो और, नकदी और प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स भी। है न हैरान कर देने वाला? सबसे मजेदार (या कहो दुखद) बात ये कि इस बाबू का महीने का वेतन सिर्फ 1.08 लाख रुपये है। भई, इतना पैसा तो शाहरुख खान भी महीने में नहीं कमाता होगा!
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। ये साहब कई सालों से RTO में वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे काम देख रहे थे। मतलब आम आदमी की जिंदगी से जुड़े हुए काम। लेकिन असल में ये साहब तो ‘साइड बिजनेस’ चला रहे थे। रिश्वत लेना, गलत काम कराना – ये सब रोज़ का धंधा था। जब शिकायतें बढ़ीं तो एंटी-करप्शन ब्यूरो ने छापा मारा और सच सामने आ गया।
अब जो जांच में पता चला है, वो तो किसी सिनेमा से भी ज़्यादा ड्रामाई है! 42 करोड़ के गोल्ड बार (क्या आप कल्पना कर सकते हैं?), 1KG का सोना, 25 लाख नकद… और तो और, बैंक में करोड़ों रुपये जमा! ईमानदारी से कहूं तो मुझे तो अपने घर का EMI भरने में हफ्ते लग जाते हैं। है न मजाक? जांच में ये भी पता चला कि ये बिल्डरों और दलालों के साथ मिलकर काले धन को सफेद कर रहे थे। एक तरह से पूरा ‘पैकेज’ था!
इस मामले ने तो सबको हिला कर रख दिया है। जांच अधिकारी कह रहे हैं – “ये तो बस टिप ऑफ द आइसबर्ग है।” सोशल एक्टिविस्ट्स का कहना है कि “आम आदमी का विश्वास टूट रहा है।” और स्थानीय लोग? उनका तो कहना है कि “RTO में तो रिश्वत देना नॉर्मल बात है, लेकिन इतना बड़ा स्कैंडल?” सच कहूं तो मुझे भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त 500 रुपये ‘चाय-पानी’ के नाम पर देने पड़े थे।
तो अब सवाल ये है कि आगे क्या? फिलहाल तो PCA के तहत केस दर्ज हो चुका है। बैंक रिकॉर्ड्स चेक किए जा रहे हैं, प्रॉपर्टी डीलर्स से पूछताछ हो रही है। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या इसके बाद सच में कोई बदलाव आएगा? या फिर ये केस भी उन हज़ारों फाइलों में दब जाएगा जहां ‘जांच जारी है’ लिखा रह जाता है?
एक तरफ तो हम ‘डिजिटल इंडिया’ की बात करते हैं, दूसरी तरफ ऐसे घोटाले हमारी व्यवस्था की हकीकत बयां कर देते हैं। देखना ये है कि इस बार न्याय व्यवस्था कितनी तेज़ काम करती है। जनता की नज़रें अब इस केस पर टिकी हैं – क्या सच में कोई सबक मिलेगा, या फिर बस एक और खबर बनकर रह जाएगा?
RTO अफसर का वो खजाना: सारे सवाल, सारे जवाब
42 करोड़ के गोल्ड बार? ये केस किस बात का है?
देखिए, ये कोई आम केस नहीं है। असल में ये एक ऐसा मामला है जहां corruption और ‘disproportionate assets’ (यानी जितनी कमाई, उससे कहीं ज्यादा संपत्ति) की पूरी कहानी छुपी है। सोचिए, एक RTO अफसर के घर से 1KG सोना मिला! और सिर्फ इतना ही नहीं, जमीन-जायदाद समेत कुल मिलाकर 42 करोड़ की संपत्ति! अब आप ही बताइए, ये सब कहां से आया होगा?
अरे भई, इस अफसर पर आखिर क्या-क्या आरोप हैं?
सुनिए, list तो काफी लंबी है। मुख्य तौर पर corruption, bribery और money laundering के charges लगे हैं। लेकिन असली मज़ा तो ये है कि उनकी सैलरी और टैक्स रिकॉर्ड देखकर तो ये साफ है कि ये संपत्ति कहीं से भी ‘legal’ नहीं लगती। वैसे भी, government job में रहते हुए इतनी दौलत? थोड़ा तो शक होता ही है न?
ये सोना और जमीन… क्या सच में black money से खरीदी गई थी?
ईमानदारी से कहूं तो investigation agencies को पूरा यकीन है कि ये सब illegal तरीकों से जमा किया गया था। अब सोचिए, एक सरकारी अधिकारी की जितनी कमाई होती है, उसके हिसाब से तो ये सब संभव ही नहीं लगता। Tax records तो बिल्कुल ही मेल नहीं खाते। साफ-साफ कहें तो ये black money का ही खेल लगता है।
ऐसे केसों में आखिर क्या सजा होती है?
अब यहां बात गंभीर हो जाती है। आमतौर पर ऐसे मामलों में 7 साल तक की जेल हो सकती है – और हां, जब्त की गई संपत्ति तो सरकार की हो ही जाती है। Prevention of Corruption Act और Money Laundering Act के तहत तो बहुत सख्त कार्रवाई होती है। पर सच कहूं? अक्सर ऐसे केस सालों चलते रहते हैं। कागजी कार्रवाई का लंबा चौड़ा सिलसिला। लेकिन इस बार तो सबूत काफी ठोस लग रहे हैं। देखते हैं, आगे क्या होता है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com