स्केल AI का बड़ा खुलासा: मेटा और xAI के साथ गोपनीय काम के लिए Google Docs का इस्तेमाल, $14B निवेश के बाद हंगामा
परिचय
इस महीने की शुरुआत में ही स्केल AI और मेटा ने $14.8 बिलियन के डील का ऐलान करके पूरे टेक इंडस्ट्री को हिला दिया। असल में, मेटा ने स्केल AI में 49% हिस्सेदारी खरीद ली है और साथ ही उनके CEO अलेक्जेंडर वांग को एक नई “superintelligence” लैब की कमान सौंपी है। लेकिन अब जो खुलासा हुआ है, वो किसी सनसनीखेज खबर से कम नहीं – स्केल AI ने मेटा और एलन मस्क की xAI के साथ गोपनीय काम के लिए Google Docs का इस्तेमाल किया! ये खबर आते ही पूरा मामला विवादों में घिर गया। आइए, इस पूरे केस को गहराई से समझते हैं।
स्केल AI और मेटा का ऐतिहासिक समझौता
$14.8 बिलियन निवेश का विवरण
मेटा ने स्केल AI में पूरे $14.8 बिलियन डालकर 49% हिस्सेदारी हासिल की है। देखा जाए तो ये AI इंडस्ट्री की अब तक की सबसे बड़ी डील्स में से एक है। Experts की मानें तो मेटा ये कदम Google और Microsoft जैसी कंपनियों के साथ AI रेस में आगे निकलने के लिए उठा रहा है। इस डील से मेटा को स्केल AI की advanced data labeling और AI training टेक्नोलॉजी तक सीधी पहुँच मिल जाएगी – जो कि आज के दौर में सोने के भाव है!
अलेक्जेंडर वांग की नई भूमिका
स्केल AI के 26 साल के CEO अलेक्जेंडर वांग को अब मेटा की नई superintelligence लैब का हेड बना दिया गया है। वांग MIT के पढ़े हुए हैं और AI फील्ड के rising stars में गिने जाते हैं। उनकी इस नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वे मेटा की AI research को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे। हालाँकि, कुछ analysts को लगता है कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाना इस युवा CEO के लिए आसान नहीं होगा।
गोपनीय काम के लिए Google Docs का इस्तेमाल
विवाद की शुरुआत
हाल ही में पता चला कि स्केल AI ने मेटा और xAI के साथ confidential projects पर काम करते हुए Google Docs का इस्तेमाल किया। ये सुनकर तो हम जैसे आम लोग भी हैरान रह गए! AI इंडस्ट्री में तो sensitive data के लिए ज्यादा secure platforms का इस्तेमाल होता है, ऐसे में Google Docs जैसे publicly accessible tool का चलन सचमुच चौंकाने वाला है।
प्रतिक्रियाएँ और आलोचनाएँ
इस मामले पर cybersecurity experts की नींद उड़ गई है। कुछ का तो यहाँ तक कहना है कि भले ही Google Docs में security features हों, लेकिन highly confidential AI research के लिए ये प्लेटफॉर्म बिल्कुल भी सही नहीं है। वहीं, कुछ industry leaders ने तो इसे सीधे-सीधे “shocking” और “unprofessional” तक बता डाला है। Legal experts की चेतावनी है कि अगर data breach हुआ तो कंपनियों को regulatory issues का सामना करना पड़ सकता है।
$14B निवेश के बाद का हंगामा
बाजार और निवेशकों की प्रतिक्रिया
इस बड़े निवेश ने AI सेक्टर के stocks में जान डाल दी है। मेटा के शेयर में 2% की बढ़त देखने को मिली, जबकि अन्य AI कंपनियों के stocks में भी अच्छी movement देखी गई। लेकिन कुछ investors को इस डील के long-term benefits पर शक है। उनका मानना है कि मेटा ने स्केल AI को overvalue किया हो सकता है। इस डील के बाद Microsoft और Google जैसी कंपनियाँ भी अपनी AI रणनीतियों पर फिर से सोच रही हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
इस partnership के तहत मेटा और स्केल AI अगले 5 सालों में next-generation AI models पर काम करेंगे। नई superintelligence लैब से artificial general intelligence (AGI) के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी मिलने की उम्मीद है। Industry analysts की मानें तो ये डील AI इंडस्ट्री में consolidation की शुरुआत हो सकती है, जहाँ बड़ी टेक कंपनियाँ promising AI startups को खरीदने या उनमें निवेश करने की रेस में उतर जाएँगी।
निष्कर्ष
स्केल AI और मेटा के बीच ये डील निश्चित तौर पर AI इंडस्ट्री के भविष्य को नई दिशा देगी। लेकिन गोपनीय डेटा के लिए Google Docs जैसे tools का इस्तेमाल सचमुच चिंता का विषय है। जैसे-जैसे AI कंपनियों के बीच competition बढ़ रहा है, proper data handling protocols का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। अब देखना ये है कि ये partnership कितना successful साबित होती है और क्या यह AI इंडस्ट्री में नए मानक स्थापित कर पाती है।
Source: NY Post – Business | Secondary News Source: Pulsivic.com