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पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं? चॉइसजैकिंग से फोन को सुरक्षित रखने के 5 आसान तरीके

पब्लिक चार्जिंग स्टेशन इस्तेमाल करते हैं? तो ये जानकारी आपके लिए ज़रूरी है!

भईया, आजकल तो हर जगह पब्लिक चार्जिंग पॉइंट्स लगे मिलते हैं – एयरपोर्ट हो या मॉल, कॉफी शॉप हो या मेट्रो स्टेशन। मजबूरी में हम सबने कभी न कभी इनका इस्तेमाल किया ही है। पर सच बताऊं? ये जो सुविधाजनक लगने वाले चार्जिंग पॉइंट्स हैं, ये आपके फोन के लिए मुसीबत बन सकते हैं। अमेरिकी FBI तक ने चेतावनी जारी की है – हैकर्स अब “चॉइसजैकिंग” नाम की नई तकनीक से आपका डेटा चुरा रहे हैं। सोचिए, फोन चार्ज करने गए और सारी पर्सनल जानकारी हैकर्स के हाथ लग गई? डरावना है ना?

1. चार्जिंग पॉइंट देखकर ही पहचान लें कि कुछ गड़बड़ है

असल में देखा जाए तो असली और नकली चार्जिंग स्टेशन में फर्क करना मुश्किल नहीं। मेरा तो ये तरीका है – पहले उसकी बनावट को गौर से देखो। क्या वो बिल्कुल नया-नया लग रहा है या फिर थोड़ा घटिया क्वालिटी का? और हां, USB पोर्ट्स को जरूर चेक करें। कुछ में तो सीधे डेटा ट्रांसफर के लिए वायरिंग की गई होती है! मेरी सलाह? ब्रांडेड दुकानों या एयरपोर्ट के ऑफिशियल चार्जिंग पॉइंट्स का ही इस्तेमाल करें। वरना… समझदार भला वही जो खुद को संभाले।

2. फोन की स्क्रीन पर आने वाले मैसेज को नज़रअंदाज़ मत करिए

याद रखिए भाई, जब भी पब्लिक चार्जर लगाएं, फोन की स्क्रीन पर नजर बनाए रखें। मैंने कई बार देखा है – अचानक से कोई अजीब सा पॉप-अप आ जाता है। “USB डिबगिंग चालू करें?” या “डेटा ट्रांसफर की अनुमति दें?” अगर ऐसा कुछ दिखे तो तुरंत वहां से निकलिए! मतलब साफ है – कोई आपके फोन में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। एक बार मेरे साथ ऐसा हुआ था… बस झट से केबल निकाल दी। बच गया!

3. फोन की सेफ्टी के लिए ये छोटे-छोटे टिप्स

सुनिए, दो बातें जो आपको आज ही कर लेनी चाहिए। पहली – सेटिंग्स में जाकर “चार्जिंग ओनली” मोड ऑन कर दीजिए। दूसरी – हमेशा सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहिए। ये दोनों चीजें आपको 80% परेशानियों से बचा लेंगी। और हां, अगर पब्लिक वाई-फाई यूज कर रहे हैं तो NordVPN जैसा अच्छा VPN जरूर यूज करें। मेरा तो ये रूल है – सुरक्षा में कोई कोताही नहीं!

4. QR कोड्स का जाल – सावधान!

अब तो चार्जिंग स्टेशन्स पर QR कोड्स भी लगे मिलते हैं। “स्कैन करो और फास्ट चार्ज पाओ!” वगैरह-वगैरह। पर हमारे दोस्त, ये सब झांसे हैं! एक बार मेरे कॉलेज के दोस्त ने ऐसे ही एक कोड स्कैन किया था… अगले ही दिन उसके फोन में मैलवेयर आ गया। तो समझदारी यही है – अनजान QR कोड्स से दूर ही रहिए। सुरक्षा ही सबसे बड़ी सुविधा है।

5. बेस्ट सॉल्यूशन? अपना खुद का पावर बैंक!

ईमानदारी से कहूं तो सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपना पर्सनल पावर बैंक हमेशा साथ रखें। 2000-3000 रुपये का अच्छा सा पावर बैंक खरीद लीजिए – चिंता मुक्त हो जाइए! और हां, फास्ट चार्जिंग का लालच भी कभी-कभी महंगा पड़ जाता है। कुछ चार्जर्स तो फोन की बैटरी को ही खराब कर देते हैं। मेरा सुझाव? कंपनी के ओरिजिनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें। थोड़ा धीरे चार्ज होगा, पर सुरक्षित तो रहेगा ना?

देखिए, इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप न सिर्फ चॉइसजैकिंग से बच सकते हैं, बल्कि अपने कीमती डेटा को भी सुरक्षित रख सकते हैं। आखिरकार, थोड़ी सी सावधानी आज बाद में पछताने से तो बेहतर है। है ना? तो फिर आज ही इन टिप्स को अपनाइए और चैन की नींद सोइए!

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Source: ZDNet – AI | Secondary News Source: Pulsivic.com

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