शुभांशु की ISS विदाई पार्टी में क्या खाया-पिया? यहां है मेनू का पूरा किस्सा!
सच कहूं तो, जब मैंने पहली बार सुना कि ISS में शुभांशु शुक्ला की फेयरवेल पार्टी हो रही है, तो मेरा पहला सवाल यही था – “भई, वहां खाना कैसे बनेगा?” और है ना, यह सिर्फ एक पार्टी नहीं थी, बल्कि अंतरिक्ष में खाने-पीने का एक जबरदस्त प्रयोग था। सोचो जरा – 400 किमी ऊपर, जहां गुरुत्वाकर्षण का नामोनिशान नहीं, वहां NASA के वैज्ञानिकों ने क्या-क्या जुगाड़ किए होंगे! असल में, इस इवेंट ने साबित कर दिया कि अंतरिक्ष में भी दमदार स्वाद संभव है।
मेनू डिटेल्स: अंतरिक्ष में भारतीय स्वाद!
अब आते हैं मजेदार हिस्से पर। मेनू में क्या था? देखिए, NASA वालों ने भारतीय टेस्ट को पूरी तरह से स्पेस-फ्रेंडली बना दिया। मुख्य आकर्षण था चिकन टिक्का – लेकिन यह कोई साधारण टिक्का नहीं। बोनलेस चिकन को दही और मसालों (हल्दी, धनिया, जीरा – आपकी दादी के किचन जैसा) में मैरीनेट करके स्पेशल ओवन में पकाया गया। और तो और, डोसा भी था मेनू में! हां, आपने सही सुना – चावल और उड़द दाल का बैटर, लेकिन थोड़ा ट्विस्ट के साथ। मिठाई? फ्रीज़-ड्राइड फ्रूट सलाद जिसमें सेब, केला और अंगूर थे – डिहाइड्रेटेड फॉर्म में। और अंत में, मसाला चाय! टी बैग्स और पाउडर दूध से बनी, मगर स्वाद वही देशी वाला।
ज़ीरो ग्रैविटी में कुकिंग: कैसे काम करता है?
अब सवाल यह कि आखिर यह सब बना कैसे? मेरे दोस्त, यहां तो हर चीज में साइंस है। चिकन टिक्का बनाने के लिए उसे स्टिक पर लगाया गया – वरना भाई साहब हवा में तैरने लगते। डोसा बनाने के लिए खास इलेक्ट्रिक ग्रिडल का इस्तेमाल हुआ, जहां बैटर को पतला फैलाकर पकाया गया। सबसे मजेदार? चाय को मैग्नेटिक कप में परोसा गया – क्योंकि अंतरिक्ष में तो चाय की चुस्की लेना भी एक चैलेंज है!
अंतरिक्ष में खाना बनाने के गुर
अगर आप सोच रहे हैं कि अंतरिक्ष में खाना बनाना कितना मुश्किल होगा, तो सुनिए – यह उतना ही ट्रिकी है जितना कि बिना हाथों के नूडल्स खाना! सबसे पहले तो सारी सामग्री सीलबंड पैक में होनी चाहिए। तरल चीजें? उन्हें पाउडर फॉर्म में ले जाना ही समझदारी है। NASA के वैज्ञानिकों ने इन्हीं ट्रिक्स का इस्तेमाल करके एक ऐसा मेनू तैयार किया जिसने अंतरिक्ष में भारतीय खाने की नई संभावनाएं खोल दीं।
सच पूछो तो, यह पार्टी सिर्फ शुभांशु के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई। जिस तरह से astronauts ने इसका आनंद लिया, वह देखकर लगता है कि अब अंतरिक्ष यात्राएं और भी स्वादिष्ट होने वाली हैं। क्या पता, अगली बार जब आप ISS जाएं, तो वहां आपको पराठे भी मिल जाएं!
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शुभांशु का ISS फेयरवेल डिनर: जानिए सबकुछ, बिना फिल्टर के!
1. मेनू में क्या था खास? बताएंगे तो मुँह में पानी आ जाएगा!
अरे भाई, स्पेस में भी इंडियन टेस्ट का जलवा कम नहीं था! शुभांशु के फेयरवेल में तो जैसे पूरा दावत-सा लग गया। बटर चिकन से लेकर डाल मखनी तक… और हाँ, बिरयानी तो बिना कहे ही चाहिए थी न? गुलाब जामुन के बारे में क्या कहें – स्पेस में भी मिठास फैल गई! पर सच बताऊँ? NASA वालों ने इन सबको माइक्रोग्रैविटी फ्रेंडली बनाने में क्या जादू किया, ये तो वही जाने!
2. स्पेस में पार्टी करने के भी नियम होते हैं क्या? सुनकर हैरान रह जाओगे
असल में देखा जाए तो ISS पर तो हर छोटी-बड़ी चीज के लिए गाइडलाइन्स हैं। अब भला फेयरवेल डिनर क्यों छूटता? खाने की सुरक्षा से लेकर जीरो ग्रैविटी में कैसे खाएंगे – सबका ख्याल रखना पड़ता है। और तो और, कचरा प्रबंधन? वो तो यहाँ सबसे बड़ा हीडर है! कुल मिलाकर, स्पेस में पार्टी करना भी एक साइंस ही है।
3. क्या शुभांशु ने अपने साथ ले गए थे कोई देसी स्वाद? जानकर गर्व होगा!
हाँ जी! हमारे देश के स्वाद को वो कैसे भूल सकते थे? NASA की मंजूरी के बाद उन्होंने कुछ चुनिंदा इंडियन स्नैक्स साथ ले गए थे। सोचो जरा – स्पेस में मुरुक्कु चबाने का मजा! नमकीन और ड्राई फ्रूट्स भी थे, जो लंबे समय तक टिक सकते हैं। एक तरह से देखें तो ये छोटी-छोटी चीजें ही तो घर जैसा अहसास दिलाती हैं न?
4. स्पेस में खाना कैसे खाते हैं? प्लेट्स तो नहीं उड़तीं?
अच्छा सवाल पूछा! असल में तो… (हंसते हुए) प्लेट्स? वो तो धरती पर ही अच्छी लगती हैं। यहाँ तो सब कुछ स्पेशल पैकेट्स में आता है – थोड़ा टेट्रा पैक जूस जैसा समझ लो। खाने को चिपकाने के लिए मैग्नेटिक ट्रे या वेल्क्रो का इस्तेमाल होता है। सच कहूँ तो पहली बार में थोड़ा अजीब लगता होगा, पर आदत पड़ जाती है। और हाँ, क्रुम्ब्स तो बिल्कुल नहीं – वरना पूरा ISS तैरने लगे!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com